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BankeBihari Corridor Vrindavan विवाद अब राजनीति की सीढ़ियों पर चढ़ चुका है। कॉरिडोर विरोध में बयान देने पर BJP की पूर्व ज़िला अध्यक्ष मधु शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ, जो ईमेल से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। नेताजी बोलीं– नोटिस नहीं मिला, लेकिन वायरल ज़रूर हो गया!
🗞️ संवाददात: अमित शर्मा
📍 लोकेशन: मथुरा
🗓️ तारीख: 24 जून 2025
“नोटिस ईमेल पर आए या नहीं, पहले फेसबुक पर वायरल हो – यही है BJP का नया अनुशासन मॉडल!”
बात Vrindavan की है… जहां BankeBihari Corridor का मामला भगवान से ज़्यादा राजनीति का अखाड़ा बन गया है। एक ओर सेवायतों और स्थानीय जनता की आस्था उबाल मार रही है, तो दूसरी ओर BJP की चूलें कॉरिडोर की सीमेंट से पहले ही हिल चुकी हैं।
इस बार बवाल की आरती उतारी है भाजपा की पूर्व ज़िला अध्यक्ष मधु शर्मा ने, जिनके एक बागी वीडियो ने सांसद हेमा मालिनी तक को आंख मिचमिचाने पर मजबूर कर दिया। बांकेबिहारी कॉरिडोर के विरोध में उनका बयान ऐसा गरजा कि भाजपा के भीतर का अनुशासन अचानक भगवा रंग से लाल हो गया।
और फिर क्या था—एक ‘कारण बताओ नोटिस’ निकला। लेकिन फाइल से नहीं, व्हाट्सऐप स्टेटस से!
BankeBihari Corridor Vrindavan- नोटिस नहीं मिला, लेकिन वायरल हो गया!
मधु शर्मा जी का जवाब भी कुछ यूं ही था जैसे किसी ब्रेकअप के बाद ‘मुझे तो किसी ने बताया ही नहीं’ वाली भाव-भंगिमा हो। उन्होंने बड़े सलीके से कहा कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला, न ईमेल पर, न किसी पार्टी ग्रुप में। बस लोगों के फोन और मैसेज से उन्हें पता चला कि उन पर तो कार्रवाई की घंटी बज चुकी है!

अब यहां सवाल ये नहीं है कि उन्होंने क्या कहा, सवाल ये है कि नोटिस उन्हें मिला कब?
या फिर BJP में अब नोटिस पहले सोशल मीडिया पर ट्रेंड करता है, बाद में संबंधित व्यक्ति के पास पहुंचता है?
BankeBihari Corridor Vrindavan-राजनीति का नया सर्किट – ‘पहले वायरल, फिर वैर’
BankeBihari Corridor Vrindavan मामले में पूर्व ज़िला अध्यक्ष मधु शर्मा का बयान भाजपा के दायरे से इतना बाहर निकला कि प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला तक की कलम हिल गई। उन्होंने सात दिन में जवाब देने का आदेश निकाला, और अगर जवाब ‘अनुशासन’ में नहीं हुआ तो सजा ‘पार्टी’ की होगी, ‘पब्लिक’ की नहीं।

लेकिन मज़ेदार बात ये है कि जवाब मांगा गया एक लेटर के ज़रिए, जो पार्टी सिस्टम में नहीं बल्कि पब्लिक डोमेन में पहले पहुंचा। क्या यही है नया भाजपा आईटी सेल अनुशासन – ‘जो दिखेगा, वही मिलेगा’?
कॉरिडोर पर नहीं, पार्टी की नींव पर चल रही खुदाई
Vrindavan में BankeBihari Corridor को लेकर पहले से ही स्थानीय लोग और सेवायत विरोध की मुद्रा में हैं। उनका मानना है कि यह परियोजना आस्था के बीच राजनीति की खुदाई है। और जब इस खुदाई पर अपनी ही पार्टी की नेता ने चोट की, तो चोट सीधी हाईकमान की नाक पर लगी।
लेकिन भाजपा की चिंता आस्था नहीं, असहमति है। इसलिए आवाज़ उठाने वाली को ‘डिसिप्लिन’ का पाठ पढ़ाया जा रहा है—वो भी वायरल नोटिस के माध्यम से!
BankeBihari Corridor Vrindavan-“नोटिस भी अनुशासन तोड़े, ये कैसा न्याय?” – मधु शर्मा
अपने वायरल वीडियो में मधु शर्मा ने सवाल उठाया कि जो नोटिस उन्हें मिला ही नहीं, वो पहले सोशल मीडिया पर कैसे तैर गया? उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ है, तो जिसने ये नोटिस लीक किया है, उसे भी पार्टी से डिजिटल अनुशासनहीनता का तमगा मिलना चाहिए।
अभी तक न जवाब मिला है, न कार्रवाई हुई है, लेकिन इस पूरे मामले ने ये तो साफ कर दिया कि अब भाजपा में राय व्यक्त करना नहीं, नोटिस वायरल करना अनुशासन बन गया है।
Corridor” बने न बने, BJP में दरार तय है
Vrindavan के BankeBihari Corridor की नींव पर सियासत की दरारें साफ़ दिख रही हैं। पार्टी के भीतर का ‘अनुशासन’ अब व्हाट्सऐप फॉरवर्ड्स, फेसबुक पोस्ट और ट्वीट्स से संचालित होता दिख रहा है।
जो मुंह खोलेगा, वो पहले ट्रेंड करेगा, फिर नोटिस पाएगा, और आखिर में शायद पार्टी से आउट होगा।
पर एक बात तय है – Vrindavan की गलियों में अब सिर्फ बांकेबिहारी नहीं, राजनीति की रासलीला भी खेली जा रही है।

 
         
         
         
        