वृंदावन। जहां एक तरफ सरकार विकास के सपनों को कॉरिडोर के नक्शे पर तान रही है, वहीं बांके बिहारी की देहरी पर Corridor Protest अपनी आस्था की ज़िद के साथ लगातार बढ़ता जा रहा है।
शनिवार को गेट नंबर 1 पर गोस्वामी समाज के सेवायतों ने फिर प्रदर्शन किया — लेकिन अंदाज़ कुछ अलौकिक था। नारेबाज़ी नहीं, पुलिस से झड़प नहीं — बस ठाकुर जी की देहरी पर इत्र सेवा कर, उन्हें अर्पित कर दी “सद्बुद्धि” की अर्जी।
ठाकुर जी की देहरी पर इत्र छिड़ककर जैसे सेवायतों ने साफ संकेत दे दिया — “सरकार अगर हमें नहीं सुनेगी, तो हम भगवान से ही अर्ज़ी लगाएंगे।” एक सेवायत ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब हम RTI नहीं, RBP यानी ‘Request Before Prabhu’ डाल रहे हैं।” इस विरोध की भाषा अब नारे नहीं, नारायण की पूजा हो गई है। और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
Corridor Protest
Corridor Protest अब आंदोलन नहीं रहा, अब यह भक्ति का मौन प्रतिकार बन चुका है। जहां हर फूल ठाकुर जी से सवाल कर रहा है — “क्या तुम्हारे ही घर को अब नक्शे से मापा जाएगा?” और हर सेवायत ठाकुर जी से यही गुहार कर रहा है — “आप ही अब कोई उपाय कीजिए, क्योंकि हमने तो अपनी ओर से सब सौंप दिया है – श्रद्धा भी, सेवा भी, और सद्बुद्धि की ये इत्र भी।”
Corridor Protest: “CM का ब्रेनवॉश हुआ है, ठाकुर ही बचाएं अब!”
प्रदर्शन में मौजूद हिमांशु गोस्वामी बोले —
“हम किसी राजनीति के खिलाफ नहीं, हम उस ‘विकास’ के खिलाफ हैं जो हमारे ठाकुर के घर को उजाड़ने आ रहा है।”
Corridor Protest को दबाने का सरकार पर आरोप भी लगे। सेवायतों ने कहा — अधिकारी बार-बार आकर हमें चुप कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम ठाकुर जी से जुड़े हैं, सत्ता से नहीं डरते।
श्रीनाथ गोस्वामी बोले —
“CM योगी को गलत जानकारी दी जा रही है, उनका ब्रेनवॉश हो गया है। हम ठाकुर जी से प्रार्थना करते हैं कि वो खुद उन्हें विनाशकारी विकास से बचा लें।
इत्र सेवा, देहरी पूजन और चेतावनी — अनोखा अंदाज़ विरोध का
बांके बिहारी मंदिर की देहरी पर हुआ ये Corridor Protest पूरी तरह धार्मिक और आध्यात्मिक अंदाज़ लिए था। न कोई गुस्सा, न हिंसा — बस श्रद्धा से सनी प्रतिरोध की पूजा।
Corridor Protest
Corridor Protest: विकास की आड़ में आस्था पर बुलडोज़र?
सेवायतों का मानना है कि कॉरिडोर सिर्फ पत्थर नहीं तोड़ेगा, वो पीढ़ियों की परंपरा और आस्था को भी रौंदेगा। वृंदावन की गलियों में सिर्फ रास्ते नहीं बनते — वहाँ राधा-कृष्ण की लीलाएं बसती हैं।
अब सवाल ये है — क्या राज्य सरकार विकास की सीमेंट से श्रद्धा की नींव ढंकना चाहती है? या ठाकुर जी ही देंगे final verdict?