Banke Bihari Corridor का विरोध और तेज
Banke Bihari Corridor पर एक बार फिर भक्त और शासन आमने-सामने हैं। महिलाओं ने यमुना जी को चुनरी ओढ़ाकर अपनी विरासत बचाने की गुहार लगाई।
“महिलाओं ने यमुना जी से मांगी विरासत की सिक्योरिटी
बांके बिहारी मंदिर के नाम पर लाए जा रहे Banke Bihari Corridor को लेकर वृंदावन में आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा। मंगलवार को गुस्साई महिलाओं ने यमुना जी से गुहार लगाकर साबित कर दिया कि वे न विकास चाहती हैं, न कॉरिडोर – उन्हें तो बस बिहारी जी चाहिए!
Banke Bihari Corridor-चुनरी से मांगी विरासत की भीख

बिहारी जी के भक्तों की टोली बांके बिहारी मंदिर से पैदल चलते हुए नारे लगाते-गाते बिहार घाट पहुंची। महिलाएं अपने घर से 200 से ज्यादा साड़ियां लेकर आईं और यमुना जी को चुनरी ओढ़ाई। कोई सरकार के कान पर जूं रेंगे या नहीं, पर यमुना जी के आँचल में विरासत की सलामती की अरदास जरूर डाल दी गई।
नाव में बीच धार, Banke Bihari Corridor पर प्रहार
ज्यों ही महिलाएं नाव में सवार हुईं, नारों की आवाज़ और तेज़ हो गई। Banke Bihari Corridor को लेकर उन्होंने कहा – “हमारे घर जाएं, दुकान जाएं, पर बिहारी जी कहीं नहीं जाएंगे!” यमुना जी के बीच धार में जाकर पूजन कर महिलाओं ने चुनरी समर्पित की और लौटते हुए फिर से घोष किया – “हम बिहारी जी के, बिहारी जी हमारे!”
गोस्वामी समाज ने दोहराई विरासत की कहानी

महिलाओं ने साफ कहा कि यह विरोध किसी दान या जमीन के लिए नहीं है। गोस्वामी समाज ने बताया कि बांके बिहारी जी को स्वामी हरिदास जी ने प्रकट किया था और वही हमारे आराध्य हैं। सरकार को चाहिए कि विकास के नाम पर विरासत न छीने।
Banke Bihari Corridor के नाम पर हंगामा जारी
अब सवाल यह है कि क्या सरकार इस Banke Bihari Corridor की योजना को विरासत के आंसुओं में बहा देगी या फिर यमुना जी की चुनरी भी कोई असर नहीं दिखा पाएगी? फिलहाल बिहार घाट पर भक्तों का आंदोलन जारी है और यमुना जी गवाह बनी हैं कि बिहारी जी को कोई नहीं छीन सकता।
Banke Bihari Corridor- क्या रहेगा आगे?
प्रशासन क्या कदम उठाता है यह देखने वाली बात होगी, लेकिन महिलाओं ने तो अपनी तरफ से यमुना जी को चुनरी पहना कर साफ कह दिया – “हमको बिहारी जी चाहिए, और कुछ नहीं!” विरासत की इस जिद में चुनरी भी शामिल हो गई और आंदोलन का पानी अब यमुना जी तक पहुँच गया है।

अब देखना है कि Banke Bihari Corridor विवाद किस मोड़ पर जाता है – चुनरी में बंधे अरमान जीतेंगे या फिर कंक्रीट के कॉरिडोर का सपना?
