 
                  Banke Bihari Corridor Controversy: बृज की बेटियों ने बारिश में ललकारा
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और न्यास का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा! 64वें दिन भी बृजवासियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। इस बृज की बेटियों ने विरोध का एक कदम और आगे बढ़ाया। नंगे पैर, मूसलाधार बारिश में वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा कर डाली और कॉरिडोर-न्यास के खिलाफ जमकर नारे लगाए। “बिहारी जी रक्षा करो, स्वामी जी रक्षा करो, नहीं बनेगा कॉरिडोर!” और “कॉरिडोर यमुना पार!” जैसे नारों से पूरा परिक्रमा मार्ग गूंज उठा। मानो बृज की गलियां खुद सरकार को ललकार रही हों!
बारिश, आस्था और आंदोलन…Banke Bihari Corridor किसी कीमत पर नहीं मंजूर
 शिवानी गोस्वामी ने तंज कसते हुए कहा – “64 दिन हो गए, हम चिल्ला-चिल्ला कर थक गए, मगर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही! कोई नुमाइंदा तो भेजो, या फिर हमें आंदोलन का ‘टर्बो मोड’ ऑन करना पड़ेगा!”
राधिका गोस्वामी ने भी सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा – “ये लोग हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं, लेकिन हमने ठान लिया है—जब तक ये तुगलकी फरमान वापस नहीं होगा, हम डटे रहेंगे!” 
बारिश की बूंदों के बीच रेनू गोस्वामी, नीलम गोस्वामी, श्रद्धा खंडेलवाल, रानी मिश्रा, राधा गोस्वामी और ब्रजलता गोस्वामी जैसी बृज की बेटियों ने परिक्रमा में हिस्सा लिया। ये महिलाएं न सिर्फ अपनी आस्था की रक्षा के लिए लड़ रही हैं – बल्कि वृंदावन की उन कुंज गलियों को बचाने की जंग भी छेड़े हुए हैं, जो बृज की सांस्कृतिक धरोहर हैं।
Banke Bihari Corridor पर सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या?
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर योजना को मंजूरी दी थी, जिसके तहत 5 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपये मंदिर कोष से उपयोग की अनुमति दी गई – बशर्ते जमीन बांके बिहारी जी के नाम पर रजिस्टर्ड हो। हालांकि मंदिर सेवायतों और गोस्वामी समाज की याचिकाओं के बाद कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया। 29 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 26 मई के अध्यादेश और परियोजना की रूपरेखा का हलफनामा मांगा। कोर्ट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछा कि दो निजी पक्षों के विवाद में राज्य क्यों शामिल है। सभी संबंधित याचिकाओं को अब एक बेंच में सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस की अदालत में भेजा गया है – जहां 7-10 दिनों में सुनवाई संभावित है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि किसी को फैसले से आपत्ति है, तो पुनर्विचार याचिका दायर की जानी चाहिए।

Banke Bihari Corridor पर योगी सरकार अब तक!
योगी सरकार बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन के लिए जरूरी मान रही है, खासकर 2022 में जन्माष्टमी के दौरान हुई भगदड़ की घटना के बाद। सरकार ने कॉरिडोर के लिए ट्रस्ट गठन और 600 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी है। प्रभावित 275 परिवारों को रुक्मिणी विहार और सुनरख बांगर में 1 और 2 बीएचके फ्लैट्स आवंटित करने की योजना बनाई गई है। सरकार का दावा है कि पूजा के अधिकारों में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और न्यास केवल व्यवस्थाओं का संचालन करेगा। हालांकि गोस्वामी समाज और स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद सरकार कॉरिडोर निर्माण पर अड़ी हुई है – लेकिन सेवायतों की चिंताओं को दूर करने के लिए बातचीत की पेशकश भी कर रही है।

 
         
         
         
         
         
        