
Bangalore Stampede: बेंगलुरु में मची भगदड़, 11 की मौत, कई घायल
Bangalore Stampede News
बेंगलुरू में RCB की जीत का जश्न मातम में बदल गया, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की जीत का जश्न मनाने के लिए लाखों लोगों की भीड़ जुट गई, जिसके बाद मौके पर मची भगदड़ (Bangalore Stampede) में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं. जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस पूरे घटनाक्रम से कर्नाटक सरकार सवालों के कटघरे में है.
कब-क्या हुआ ?
ख़बर है कि एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की जीत का जश्न मनाने के लिए करीब 2-3 लाख लोगों एकत्रित हो गए थे. जबकि स्टेडियम की क्षमता करीब 35 हजार बताई जा रही है. हालात इतने खराब थे कि जब खिलाड़ियों के आने से पहले ही स्टेडियम खचाखच गया था, उसके बाद भी स्टेडियम के बाहर लोगों की भारी भीड़ जमा थी, भीड़ को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने स्टेडियम के गेट पर ताला लगा दिया था. ताकि जबरन स्टेडियम में घुसने की कोशिश कर रहे लोगो को रोका जा सके, ऐसी स्थिति में लोग बेकाबू होते चले गए, लोगों ने पेड़ पर चढ़कर, स्टेडियम की दीवार को फांदकर स्टेडियम में घुसने की कोशिश की. इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए जब लाठीचार्ज किया गया तो भगदड़ मच गई. स्टेडियम के बाहर भगदड़ गेट नंबर 2 AB, 6 AB और 17 पर मची. और हालात फिर एकदम से बिगड़ते ही चले गए.
- 4 मई, दोपहर 2: 45 बजे
RCB की टीम एयरपोर्ट पर पहुंची
फिर RCB की टीम ताज होटल पहुंची
- 4 मई, शाम 4:30 बजे
एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मची
भगदड़ स्टेडियम के पीछे वाले गेट पर मची
- 4 मई, शाम 4:30 बजे
RCB की टीम कर्नाटक विधानसभा पहुंची
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने RCB की टीम का स्वागत किया
- 4 मई, शाम 6:10 बजे
RCB की टीम एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंची
- 4 मई, शाम 6:30 बजे
कार्यक्रम खत्म होने के बाद RCB की टीम स्टेडियम से निकली
बेंगलुरु भगदड़ से जुड़े सवाल
बेंगलुरु में मची भगदड़ ने सरकार, प्रशासन और कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
- सवाल 1.
क्या कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं को मौके पर लाखों लोगों की भीड़ जुटने का अनुमान नहीं था ?
- सवाल 2.
क्या सरकार और प्रशासन को कार्यक्रम की जानकारी नहीं थी ?
- सवाल 3.
क्या स्टेडियम में लोगों की संख्या को देखते हुए पर्याप्त इंतज़ाम नहीं थे ?
- सवाल 4.
कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही जब भीड़ बेकाबू होती दिख रही थी, तो क्या कार्यक्रम को वक्त रहते स्थगित नहीं किया जा सकता था ?
- सवाल 5.
भगदड़ के बाद भी शाम तक जश्न मनता रहा, आखिर क्यों ?
सवाल और भी कई हैं. मगर जवाब एक ही है कि बेंगलुरु में सिस्टम पूरी तरह से फेल हुआ है. बेंगलुरू में सरकार, प्रशासन सब के सब सिर्फ तमाशबीन बने रहे.