Vidhayak Prakash Dwivedi पर घोटाले का शंखनाद
बांदा — यूपी की राजनीति में घोटालों की इतनी किस्में हैं कि गिनती कम पड़ जाए! अब बांदा जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने Vidhayak Prakash Dwivedi के खिलाफ अरबों की हेराफेरी का नया महा-गान छेड़ दिया है। पहले तो अध्यक्ष साहब खुद जांचों में दोषी पाए गए — लेकिन अब प्रेस वार्ता में सब उल्टा पलट कर विधायक पर ही ठीकरा फोड़ दिया।
कहते हैं, जितनी जमीन पंचायत में नहीं उतनी फाइलों में! सुनील पटेल ने दावा किया कि Vidhayak Prakash Dwivedi ने पत्नी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए फर्जी हस्ताक्षर से 120 करोड़ का मजमा लूट लिया। अब फाइलें क्या बोलेंगी — ये जांचेगा कौन? सब विधायक जी के इशारे पर नाच रहे हैं — ऐसा पटेल साहब का आरोप है।
Ranbheri बज गई: पंचायत में कौन किसका पोस्टर?
सुनील पटेल का दर्द बस इतना नहीं — उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में खुलकर कहा कि जब तक वो चुप रहे, तब तक सब बढ़िया था। लेकिन जैसे ही जांच रिपोर्ट में ‘दोषी’ लिखा गया — तो लगे विधायक जी के गुर्गे धमकाने! अब रणभेरी बज गई है — पंचायत अध्यक्ष मैदान में हैं, विधायक जी पर कागजों का गोला-बारूद बरस रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जयराम सिंह भी विधायक Vidhayak Prakash Dwivedi पर बरस पड़े — बोले विकास रोक रखा है जनाब ने। टेंडर फाइलें धूल खा रही हैं और जनता पानी पी रही है। धमकी ऐसी कि एक हफ्ते में काम शुरू नहीं हुआ तो पंचायत का पूरा जत्था इस्तीफा ठोक देगा।
धमकी-डर, धमाल और पंचायत की राजनीति
महिला पंचायत सदस्य मीराबाई पटेल का भी दर्द बेमिसाल — कहती हैं विधायक के चमचे पीछे लगे रहते हैं। धमकी मिल रही है, लेकिन नाम नहीं बताएंगी — ‘हम जानती हैं, पर बतायेंगे नहीं!’ जैसे कोई पंचायत नहीं, Netflix का सस्पेंस ड्रामा चल रहा हो!
और जनता? वो बस देख रही है कैसे अरबों की रकम कागजों में इधर से उधर हो रही है। सुनील पटेल बोले — मैंने तो खुद 2018 से जांच की गुहार लगाई, CM योगी से भी मिला। मगर नीचे के अधिकारी विधायक के तलवे चाटते हैं — अब कोई इन तलवों को जांच करेगा?
अब बांदा की राजनीति में कौन किसको घेरता है?
अब सवाल बड़ा है — क्या CM योगी आदित्यनाथ इस पंचायत की गुत्थी सुलझाएंगे या सुनील पटेल ऐसे ही बयानों की बैटरी चार्ज रखते रहेंगे? और जनता? वो देखेगी पंचायत भवन में नोटों की गंगा या विधायक के समर्थकों की लाठी!
फिलहाल पंचायत की गली में Vidhayak Prakash Dwivedi बनाम सुनील पटेल की जुबानी जंग जारी है। अरबों का घोटाला है या पंचायत की कुर्सी का महाभारत — इसका फैसला होगा जांच से… अगर जांच होगी तो!
अब देखना ये होगा कि बांदा की सियासत में ये कूट रचित हस्ताक्षरों का महाघोटाला किसका राज उजागर करेगा – सुनील पटेल की ये आवाज़ सत्ता के गलियारों में कहीं दबी-कुचली रह जाएगी या वाकई अरबों की मलाई कोई चट कर गया है, इसका हिसाब किताब खुलेगा! मगर पब्लिक को इंतज़ार है उस दिन का, जब सच की फाइलें कुर्सियों के नीचे से निकलकर जनता की अदालत में आएंगी – और तब पता चलेगा कि कौन नेता ईमानदारी का झंडा उठाए था और किसके हाथ में घोटाले का झोला था! फिलहाल तो दोनों ही अपने-अपने सियासी महल को पाक-साफ़ बताने में लगे हैं, लेकिन बांदा की जनता कह रही है – साहब, अब ताली भी बजेगी और थाली भी!
Written by khabarilal.digital Desk
🎤 संवाददाता: दीपक पांडेय
📍 लोकेशन: बांदा,यूपी
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