
Banda News:बांदा में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दिये लोगों के आशियाने
Banda News:बांदा में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर ज्यादती? ऐसा विकास जो लोगों की आंखों में ला रहा आंसू।
Banda News:उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में चल रहा सड़क चौड़ीकरण का विकास कार्य, अब जनता के लिए विकास से ज्यादा विनाश बन चुका है। करोड़ों की लागत से बन रही सड़कें अब बांदा सड़क चौड़ीकरण भ्रष्टाचार की खुली किताब बन चुकी हैं। कहीं बुलडोजर सुनवाई से पहले ही चलाया जा रहा है, तो कहीं एक ही सड़क की तीन अलग-अलग नाप करके लोगों के घर उजाड़े जा रहे हैं।

🚧 बुलडोजर से पहले आया स्टे, पर घर हो गया बर्बाद
Banda News:स्वराज कॉलोनी और जेल रोड में जैसे ही सड़क चौड़ीकरण के लिए नोटिस दिया गया, कुछ लोगों ने कानूनी रास्ता चुना। लेकिन लोगों को कानून से कुछ राहत मिल पाती,इससे पहले ही प्रशासन ने अपना हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया। इतना भी वक्त नहीं दिया कि, वो कोई कानून का स्टे ऑर्डर प्रशासन को दिखा पाएं।कोर्ट की सुनवाई से पहले ही सुरेन्द्र सिंह का घर तड़के सात बजे तोड़ दिया गया। घरवालों का कहना था कि, घर के पूरे दस्तावेज दिखाए, पर एडीएम साहब ने कुछ नहीं सुना।
💰 करोड़ों के बजट का खेल, गरीबों पर कहर

बांदा में मवई बाईपास से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने करोड़ों का बजट जारी किया, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि बांदा सड़क चौड़ीकरण के नाम पर अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर बंदरबांट शुरू कर दी है। फुटपाथ वालों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था उजाड़ दिया गया। जिनको जमीन दी भी गई, वे अब जलभराव की समस्या से जूझ रहे हैं।
📏 14 मीटर या 18? एक ही सड़क, तीन नाप!
बांदा सड़क चौड़ीकरण के तहत शहर की एक ही सड़क की नाप कहीं 14 मीटर, कहीं 16 और कहीं 18 मीटर बताई जा रही है। स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अधिकारी “मुंह देखी नाप” कर रहे हैं। यही नहीं, हाल ही में करोड़ों में बने नाले को तोड़कर नया नाला बनाया जा रहा है, जिसका कोई मतलब नहीं है।
🏗️ अवैध बिल्डिंगों पर चुप्पी, गरीबों पर सख्ती

Banda News: एक तरफ प्रशासन सड़क चौड़ीकरण और चौराहे के सुंदरीकरण के नाम पर हथौड़ा चला रहा है, वहीं दूसरी तरफ भू-माफियाओं की आलीशान बिल्डिंगें, सरकारी ज़मीन पर बने अस्पताल और ग्रीनलैंड पर अवैध निर्माण जस के तस खड़े हैं। क्या ये बांदा सड़क चौड़ीकरण का सबसे काला पहलू नहीं है? छत्रसाल संग्रहालय की जमीन हो या अवैध हॉस्पिटल, सब untouched zone हैं। कार्रवाई सिर्फ वहां हो रही है जहां गरीब हैं, मजबूर हैं।
😨 भय का माहौल, चुप हैं होंठ

Banda News:हमारी टीम से बात करते हुए एक स्थाई निवासी ने कहा कि, “सरकार से लड़ने की ताकत नहीं, अगर बोले तो बचा घर भी गिरा देंगे।” यही बांदा सड़क चौड़ीकरण की असलियत है। लोग डर में हैं, विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।
⚖️ कोर्ट का हस्तक्षेप, प्रशासन की घबराहट
Banda News:इधर जैसे ही कोर्ट ने इस मामले में प्रशासन से जवाब मांगा, डीएम ने लेखपाल, कानूनगो समेत तीन कर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इससे साफ है कि बांदा में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर कुछ गड़बड़झाला चल रहा था। फिलहाल 7 जुलाई 2025 तक कोर्ट ने सभी कार्यों पर रोक लगाई है, लेकिन जनता अब भी दहशत में जी रही है — पता नहीं कब बुलडोजर उनके दरवाजे आ जाए।

📢 सवाल जनता का, जवाब कौन देगा?
यहां सवाल उठता है कि,
आखिर क्यों अवैध बिल्डिंगों पर बुलडोजर नहीं चलाए जाते हैं?
गरीबों के लिए पुनर्वास की योजना कहां है?
एक ही सड़क पर अलग-अलग नाप किस आधार पर किये जा रहे हैं?

अगर इन सवालों के जवाब प्रशासन नहीं देगा, तो जनता को खुद उठना होगा — और बांदा में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार के खेल को उजागर करना होगा।
बांदा से दीपक कुमार की रिपोर्ट