 
                  Banda News: इछावर में 6 महीने के अंदर सारे दावे कीचड़ में बह गए !
Banda News Update
Banda News: जसपुरा ब्लॉक के इछावर गांव में ब्लॉक प्रमुख निधि से बनी मुख्य सीसी सड़क महज छह महीने में ही धराशाई हो गई है. ये सड़क, जो शिवमंगल पांडे के दरवाजे से अजीज खान के दरवाजे तक बनाई गई थी, भारी भ्रष्टाचार का शिकार होकर गड्ढों और कीचड़ से भर गई है. बारिश में ये रास्ता दलदल में तब्दील हो गया है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

घटिया सामग्री, खुल रही पोल
गांव के निवासियों सदनबा, राजेंद्र कुमार, वीरेंद्र, पुष्पा देवी, सुनीता, अजीज खान, इस्लाम, श्याम शरण, रोहित, मोहनलाल, रामप्रकाश सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क का निर्माण पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में गांव के प्रधान और बड़ागांव के प्रधान की देखरेख में किया गया था. लेकिन निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग होने के कारण सड़क पर जगह-जगह गिट्टी उखड़ आई और गड्ढे बन गए. बरसात में सड़क पूरी तरह बह गई, जिससे ये देखने में नहीं लगता कि ये पक्की सड़क हाल ही में बनी थी.

सपा नेता पुष्पेंद्र सिंह चुनाले ने इस मामले पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की कमीशनखोरी के चलते इस सड़क की ये दुर्दशा हुई है. उन्होंने कहा कि जसपुरा ब्लॉक में ब्लॉक प्रमुख निधि से बनी अन्य सड़कों की हालत भी ऐसी ही है, जहां विकास के नाम पर जनता के धन की लूट की गई है.
खराब सड़क, हादसे का इंतज़ार !
ग्रामीणों ने बताया कि इस खराब सड़क की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में डर लगता है, क्योंकि गड्ढों में गिरने और चोट लगने का खतरा बना रहता है. बुजुर्गों और महिलाओं को भी इस रास्ते से गुजरने में भारी दिक्कत होती है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस सड़क के साथ-साथ ब्लॉक में बनी अन्य सभी सीसी सड़कों की निष्पक्ष जांच कराई जाए. उनका कहना है कि एक ईमानदार अधिकारी द्वारा जांच से ये स्पष्ट हो जाएगा कि जसपुरा ब्लॉक में नेताओं और अधिकारियों ने विकास के धन में कितनी लूट मचाई है.

दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और सड़क के पुनर्निर्माण की मांग की है, ताकि उनकी रोजमर्रा की परेशानियां कम हो सकें. ये मामला न केवल इछावर गांव, बल्कि पूरे जसपुरा ब्लॉक में विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

 
         
         
         
        