Banda: भ्रष्टाचार का खुलासा, दो माननीय आमने-सामने !
Banda News Update
Banda News: बांदा जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल और सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के बीच सियासी जंग तेज हो गई है. सुनील पटेल, जो पहले से ही 6.21 करोड़ रुपये के खनिज परिवहन शुल्क गबन मामले में आरोपित हैं, उन्हीं सुनील पटेल ने अब विधायक प्रकाश द्विवेदी पर अरबों रुपये की हेराफेरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस विवाद ने जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है, जिसमें जिला पंचायत सदस्यों ने भी विधायक पर विकास कार्यों को रोकने और धमकाने जैसे आरोप जोड़े हैं.
सुनील पटेल की प्रेस वार्ता: विधायक पर गंभीर आरोप
लंबे समय तक चुप्पी साधने के बाद, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल ने प्रेस वार्ता कर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सितंबर 2024 से उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है. जांच में उन्हें बार-बार दोषी ठहराया गया, लेकिन वे दावा करते हैं कि ये आरोप निराधार हैं और विधायक प्रकाश द्विवेदी के दबाव में प्रशासन एकपक्षीय जांच कर रहा है.
‘मैं हूं BJP का कार्यकर्ता’
सुनील ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता हैं और पार्टी की बदनामी से बचने के लिए अब तक चुप रहे, लेकिन अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है.सुनील पटेल ने विधायक पर कई संगीन आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि 2022 के टेंडर, जिसमें उन पर गबन का आरोप है, विधायक की मौजूदगी में हुए थे. उस समय विधायक ने कोई आपत्ति नहीं उठाई, लेकिन तीन साल बाद अचानक भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना संदेहास्पद है. उन्होंने ये भी दावा किया कि जब प्रकाश द्विवेदी की पत्नी सरिता द्विवेदी जिला पंचायत अध्यक्ष थीं, तब 2018-21 के दौरान शासनादेश के खिलाफ टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी की गई. एक ठेकेदार को बार-बार 3.66 करोड़ रुपये का टेंडर 1.38 करोड़ में दिया गया. इसके अलावा, 120 करोड़ रुपये के टेंडर में कूटरचित हस्ताक्षर और कृषि विद्यालय में 11 भर्तियों में अनियमितताओं का आरोप भी लगाया.
‘मैं PDA से हूं, इसलिए आवाज दबाई’
सुनील ने कहा कि वे पिछड़ा वर्ग (पीडीए) से हैं, इसलिए उनकी आवाज दबाई जा रही है. उन्होंने ये भी बताया कि जिस जनरेटर खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगा, उसका भुगतान आज तक नहीं हुआ और उन्होंने स्वयं इसकी जांच की मांग की थी. सुनील ने विधायक और एसडीएम के बीच हुए विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि 25 जनवरी 2025 की बोर्ड बैठक में विधायक ने अपर मुख्य अधिकारी के साथ अभद्र भाषा का उपयोग किया, जिसका उन्होंने विरोध किया.
जिला पंचायत सदस्यों का आक्रोश
जिला पंचायत सदस्य जयराम सिंह ने विधायक पर विकास कार्यों और टेंडर प्रक्रिया को रोकने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक सप्ताह में टेंडर प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो सभी जिला पंचायत सदस्य सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. वहीं, महिला सदस्य मीराबाई पटेल ने विधायक के गुर्गों पर धमकाने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ झूठी शिकायतें की गईं कि उनके पिता द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है. हालांकि, मीराबाई ने धमकाने वालों के नाम बताने से इनकार कर दिया.
प्रकाश द्विवेदी पर अन्य विवाद
प्रकाश द्विवेदी पहले भी विवादों में रहे हैं. उन पर अवैध रेत खनन और एसडीएम के साथ मारपीट के आरोप लग चुके हैं. सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट्स में दावा किया गया कि उन्होंने बिना नंबर प्लेट वाले रेत से लदे ट्रकों को पास कराने के लिए एसडीएम अमित शुक्ला पर दबाव बनाया और कथित तौर पर उन्हें थप्पड़ मारा. हालांकि, इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
प्रशासन और जांच की स्थिति
खनिज परिवहन शुल्क में 6.21 करोड़ रुपये के गबन की जांच महोबा की डीएम गजल भारद्वाज ने की, जिसमें सुनील पटेल को दोषी ठहराया गया. मंडलायुक्त अजीत कुमार ने इसकी पुष्टि की और रिपोर्ट शासन को भेजी गई है. सुनील ने दावा किया कि पहली जांच (29 दिसंबर 2024) में वे दोषी नहीं पाए गए, लेकिन विधायक के दबाव में दोबारा जांच कराई गई. उन्होंने 2018 से जांच की मांग की थी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई.
मुख्यमंत्री से मिले, फिर भी कोई राहत नहीं
सुनील पटेल ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और कार्रवाई का आश्वासन मिला था, लेकिन स्थानीय अधिकारी विधायक के दबाव में काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब वे खुलकर इस लड़ाई को लड़ेंगे और अपनी आवाज को दबने नहीं देंगे.
सियासी जंग ने सबकी पोल खोल दी ?
बांदा में जिला पंचायत अध्यक्ष और विधायक के बीच ये सियासी जंग न केवल व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित है, बल्कि ये जिले के विकास और प्रशासनिक पारदर्शिता पर भी सवाल उठाती है. दोनों पक्षों के बीच बढ़ता तनाव और सामूहिक इस्तीफे की धमकी इस मामले को और गंभीर बनाती है. शासन स्तर पर इसकी जांच और कार्रवाई का इंतजार अब बांदा की जनता को है.