Banda MLA Controversy का ये ताजा तड़का उस वक्त परोसा गया जब ओवरलोड गाड़ियों पर प्रशासन ने कसा शिकंजा और सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी जी का खादी टेम्परामेंट फुल बुखार में आ गया। चाबी मांगने से शुरू हुआ मामला चौकी, CO और फिर SDM के ड्राइवर की FIR तक पहुंचा।
24 जून 2025।बांदा ज़िले में रविवार देर रात एक हाई वोल्टेज ‘थप्पड़-कांड’ ने भूचाल ला दिया है। वजह? ज़रा सी ओवरलोडिंग और बहुत ज़्यादा ओवरएक्टिंग!
जिला प्रशासन रात में ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई कर रहा था — गाड़ियों के पहिए रुक रहे थे, चालान के पन्ने उड़ रहे थे, और खादी वाले नेताओं की भौंहें तन रही थीं। इस दौरान सदर विधायक प्रकाश चंद द्विवेदी जी को ऐसा ग़ुस्सा आया, जैसे किसी ने उनका वॉट्सऐप DP बिना पूछे बदल दिया हो। फिर जो हुआ उसका असल स्वरूप बताने की न तो पुलिस जहमत उठा रही है, न जिनके साथ हुआ वो अपनी जुबान खोल रहे हैं, और विधायक जी का तो कहना ही क्या- बस इशारों में घूंसा, चाबी और गाड़ी घूम रही है।
विधायक जी का रौद्र रूप: चाबी, दीवान और चौकीदार का डायलॉग
बताया जा रहा है कि ओवरलोडिंग पर कार्रवाई देख सदर विधायक प्रकाश चंद द्विवेदी जी का मूड कुछ यूं बिगड़ा, जैसे किसी ने बिना पूछे उनकी फेसबुक पोस्ट पर “Haha” रिएक्शन मार दिया हो। तमतमाए विधायक जी तत्काल खुरहंड चौकी पहुंचे, और चालाना काटी गई गाड़ियों की चाबी मांग ली… शायद अपने संयम की चाभी मांग रहे हों, शायद चालान काटने वालों ने ही गलत समझ लिया हो।
लेकिन चाबी मिलती इससे पहले ही दीवान से गाड़ी नहीं, जुबान भिड़ गई। और फिर जो हुआ, वो इतिहास नहीं बना लेकिन एक SIT ज़रूर बनवा गया।
📍Banda MLA Controversy- पैगंबरपुर का GPS और थप्पड़ कथा
इसके बाद विधायक जी एकदम नैतिक गियर में आ गए और पैगंबरपुर पहुंच गए। फिर वहीं कहीं कुछ ऐसा हुआ, जिसे लेकर बहुत कुछ कहा जा रहा है — कुछ लोग कह रहे हैं “बहुत कुछ चला”, कुछ कह रहे हैं “बात चली”, और कुछ सिर्फ “चुप” हैं।
इधर CO साहिब कह रहे हैं, कि, विधायक जी वहां मौजूद ही नहीं थे। अरे भाई साहब ये तो हद हो गई है।
अब विधायक जी सच बोल रहे हैं या सीओ साहब ये आप ही तय कर लें। चाहें तो विधायक जी की लोकेशन जानने के लिए गूगल मैप की मदद ले लें।
👨✈️Banda MLA Controversy- SDM चुप, पुलिस गोल, ड्राइवर बोल!
SDM साहब खुद तो एकदम मौन व्रत में हैं — न बोले, न हां, न ना।
लेकिन उनके ड्राइवर साहब ने पुलिस में FIR दर्ज कराई है कि “मेरे साथ हुई अभद्रता।”
अब अभद्रता क्या थी? किसने की? हाथ चला या शब्द?
सब गोल, सब धुंधला — एकदम वैसा जैसे सुबह-सुबह कार का शीशा बिना वाइपर के।
पुलिस कह रही है, “थप्पड़-वप्पड़ जैसी कोई बात नहीं दिखी।”
अब दिखा नहीं, तो हुआ भी नहीं – वाह, क्या तर्क है!
लेकिन SIT बनाई जा चुकी है, यानी कुछ तो है जो परोसा जाएगा, बस कैसे – ये TBD (To Be Decided) है।
🕵️♀️Banda MLA Controversy- SIT की एंट्री: जब चुप्पी जांच बन जाए
SIT यानी Special इधर-उधर Team अब लगेगी उस घटनाक्रम की जांच में, जिसमें
SDM थे या नहीं?
ड्राइवर पर थप्पड़ चला या नहीं?
कहीं किसी और को तो प्रसाद रिसीव नहीं हुआ?
गाड़ी की चाबी किसके पास थी?
और FIR किसने लिखवाई, FIR में क्या नहीं लिखा गया?
🗣️जनता पूछ रही है – खादी में इतनी गर्मी क्यों?
जनता तो अब यही कह रही है कि “जब सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है, तो विधायक हीरो टॉलरेंस क्यों दिखा रहे हैं?”
कभी ड्राइवर को FIR में उतरना पड़ रहा है, कभी अधिकारी चुप्पी की चादर ओढ़े बैठे हैं।
बांदा की हवा में इन दिनों थप्पड़ है या अफवाह?
ये तय नहीं हो पाया, लेकिन इतना ज़रूर तय है कि खादी का रौब जब सड़क पर उतरता है, तो चाबी, चौकी, चालक और चुप्पी – सब हेडलाइन बन जाते हैं।और जिन बेचारे के लिए बहुत से लोगों का दर्द छलक रहा है, उनका भी थोड़ा इतिहास जान लेंगे, तो आपका दर्द खुद ब खुद छू मंतर हो जाएगा।
