 
                  बांदा के SDM को दिव्यांग का मकान गिराना पड़ा भारी. सड़कों पर प्रदर्शन. SDM को दी ‘भस्मासुर’ की उपाधि. 15 दिन में कार्रवाई नहीं तो उग्र आंदोलन की चेतावनी
संवाददाता – दीपक पांडेय, बांदा
Banda : उत्तर प्रदेश के बांदा में हालात तनावपूर्ण नजर आ रहे हैं जहां जिले के बबेरू तहसील में SDM रजत वर्मा के खिलाफ दिव्यांग संगठन ने मोर्चा खोल दिया है… एक दिव्यांग ब्राह्मण परिवार के घर को बिना नोटिस के बुलडोजर से ढहाने के मामले में जातिवाद और अफसरशाही के आरोपों ने राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरमा दिया है. दिव्यांग संगठन ने SDM को ‘भस्मासुर’ की उपाधि दी और 15 दिन के अंदर कार्रवाई की मांग की… और ऐसा ना किया गया तो उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
क्या है विवाद की वजह?

दरअसल Banda के SDM रजत वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने बबेरू में पवन पांडेय नामक एक दिव्यांग ब्राह्मण के 60 साल पुराने घर को बिना नोटिस या पूर्व जानकारी के बुलडोजर से गिरा दिया. पवन पांडेय दोनों आंखों से दृष्टिबाधित हैं, जिसके चलते ये कार्रवाई अमानवीय और जातिवादी मानी जा रही है.
मामले पर सियासत शुरू

एक दिव्यांग ब्राह्मण के साथ इस तरह के कार्रवाई के बाद बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी भड़कते नजर आए और उन्होने SDM को खूब खरी-खोटी सुनाई. बीजेपी विधायक ने कहा, “तुम्हें नौकरी करना सिखा दूंगा, बिना नोटिस कार्रवाई कैसे की?” इस मामले को लेकर विधायक का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें वे SDM को चेतावनी देते नजर आ रहे हैं. वहीं SDM वर्मा अपने बचाव में OBC विक्टिम कार्ड खेल दिया जिससे ये बवाल और बढ़ गया. उन्होंने पल्टूराम की अध्यक्षता में कुछ लोगों से विधायक के खिलाफ नारेबाजी कराई और अपने समर्थन में ‘जिंदाबाद’ के नारे लगवा दिया जिससे विवाद और गहरा गया.
पूर्व सांसद भी मामले में कूद पड़े

अब जब SDM ने अपने बचाव में ओबीसी कार्ड खेला तो पूर्व सांसद आरके सिंह पटेल भी मैदान में कूद पड़े और SDM की खिंचाई कर डाली. ब्राह्मण संगठन और सवर्ण आर्मी ने सड़कों पर उतरकर SDM के खिलाफ प्रदर्शन किया और इसे जातिवादी कार्रवाई करार दिया.
दिव्यांग संगठन का आक्रोश
अब मामला इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि एक तरफ दिव्यांग संगठन सड़क पर उतरकर SDM के खिलाफ जोरदार विरोध कर रहा है साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी कर रहा है. इसके लिए संगठन ने चित्रकूट मंडल कमिश्नर को शिकायती पत्र सौंपकर 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. संगठन ने मांग की है कि SDM पर जातिवाद और अमानवीय कार्रवाई के लिए तत्काल कार्रवाई हो वर्ना उग्र आंदोलन किया जाएगा.
किसी ने कहा भस्मासुर, किसी ने कहा राक्षस

एक दिव्यांग पर हुई इस कार्रवाई ने कई लोगों को अपनी सियासत चमकाने का मौका दे दिया है. इसी के चलते स्थानीय नेता श्याम बाबू त्रिपाठी का बयान बयान भी सामने आया जिन्होने कहा, “SDM रजत वर्मा के अंदर जातिवाद का राक्षस बैठा है. उन्होंने सजातीय धर्म निभाते हुए एक दोनों आंखों से अंधे असहाय परिवार का घर क्रूरता से गिराया जो निंदनीय है”. वहीं संगठन के नेता अटल भारतीय ने SDM को ‘भस्मासुर’ तक कह डाला और कहा, “SDM ने जो कुकृत्य किया, उसने उन्हें बबेरू का भार बना दिया है. अगर 15 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो जिला प्रशासन को उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा”.
सामाजिक और राजनीतिक तनाव
दरअसल प्रदर्शनकारियों का दावा है कि SDM ने स्थानीय नेताओं के इशारे पर जातिगत आधार पर यह कार्रवाई की है. सवर्ण आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सूरज प्रसाद चौबे ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इसे अन्यायपूर्ण बताया. हालांकि प्रशासन ने अभी तक SDM के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जिससे ब्राह्मण संगठन, दिव्यांग संगठन और स्थानीय लोगों में गुस्सा है. वहीं बीजेपी विधायक प्रकाश द्विवेदी ने इसे अफसरशाही का अहंकार करार दिया है.

 
         
         
        