Balrampur rape case a heinous incident of rape of a Muslim woman in a private hospital
Balrampur Rape Case: विमला बिक्रम हॉस्पिटल में हैवानियत
बलरामपुर के पचपेड़वा में स्थित विमला बिक्रम हॉस्पिटल में एक ऐसी घटना सामने आई है – जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया। एक मुस्लिम महिला सीने में दर्द की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती थी – उसके साथ अस्पताल के ही कम्पाउन्डर ने रेप जैसी घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। यह शर्मनाक घटना उस जगह हुई – जहां मरीज अपनी जान बचाने की उम्मीद लेकर आते हैं।
Balrampur Rape Case: बेहोशी का इंजेक्शन बन गया हथियार
पुलिस के मुताबिक आरोपी कम्पाउन्डर ने सुबह 4 बजे महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर उसकी अस्मत लूटी। यह हैवानियत उस वक्त हुई जब मरीज को सबसे ज्यादा सुरक्षा और देखभाल की जरूरत थी। क्या अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा अब सिर्फ कागजी बात बनकर रह गई है?
CCTV फुटेज Balrampur Rape Case का सबूत
महिला ने अपने परिजनों को आपबीती सुनाई – जिसके बाद पुलिस ने फौरन एक्शन लेते हुए अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में कम्पाउन्डर की घिनौनी करतूत साफ नजर आई। यह सवाल उठता है कि क्या अस्पताल प्रबंधन ने कर्मचारियों की बैकग्राउंड जांच में लापरवाही बरती? क्या सीसीटीवी की निगरानी सिर्फ दिखावा थी?
Balrampur Rape Case: 15 महीने से अस्पताल में ड्यूटी पर आरोपी कम्पाउन्डर
पीड़ित महिला की तहरीर पर पचपेड़वा पुलिस ने तुरंत FIR दर्ज की और आरोपी कम्पाउन्डर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी गनेशपुर भैसहवा का रहने वाला है वो पिछले 15 महीनों से विमला बिक्रम हॉस्पिटल में कार्यरत था। सवाल है आखिर इतने समय तक इस दरिंदे का असली चेहरा क्यों छिपा रहा? क्या अस्पताल प्रबंधन की जवाबदेही तय नहीं होनी चाहिए?
Balrampur Rape Case से महिला सुरक्षा फिर सवालों में
बलरामपुर की ये ताजा वारदात न केवल एक महिला की अस्मत पर हमला है – बल्कि अस्पतालों में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। अगर अस्पताल जैसे स्थान सुरक्षित नहीं – तो मरीज कहां जाएं? प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बनाती है। क्या विमला बिक्रम हॉस्पिटल अब मरीजों के लिए खतरे की घंटी बन चुका है? पुलिस फिलहाल जांच कर रही है- पर जांच के बाद क्या ऐसी वारदात फिर नहीं होगी? इसकी गारंटी क्या सरकार और कानून के रखवाले देंगे?
