Balrampur Missing Girl: नदी किनारे मिला चप्पल, गांव में हड़कंप
Balrampur Missing Girl: बलरामपुर के श्रीदत्तगंज थाना क्षेत्र में 19 साल की युवती के गायब होने से गांव में सनसनी फैल गई है। नदी किनारे चप्पल मिलने से युवती के डूबने की आशंका ने परिजनों के कलेजे फाड़ दिए हैं। SDRF की टीमें, गोताखोर, पुलिस — सब राप्ती के सीने को छेदने में जुटे हैं लेकिन अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा। गांव में खौफ, घर में मातम और नदी में राज दफन।
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बलरामपुर | संवाददाता: राहुल रतन
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Balrampur Missing Girl- चप्पल ने खोला राज, राप्ती में डूबी या कहानी कुछ और?
बलरामपुर के महदेइया बाजार में वो शाम किसी के लिए भी आम नहीं थी। श्रीदत्तगंज थाना क्षेत्र के मझारी वांछिल गांव की 19 साल की अंजनी ऐसे गायब हुई जैसे हवा में घुल गई हो। मां-बाप ने सोचा कहीं सहेली के घर होगी, पिताजी ने रिश्तेदारों को फोन घुमा डाले — लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं। गांव के बच्चे नदी किनारे खेलते-खेलते पहुंचे तो एक चप्पल ने सबका माथा ठनका दिया। जैसे ही पता चला कि वो अंजनी की चप्पल है, वैसे ही गांव में रोना-धोना मच गया। किसी ने कहा नदी में पैर फिसल गया होगा, किसी ने कहा — भगवान बचाए, कहीं जान न चली जाए! अब गांव वालों की नजर SDRF की नाव पर टिकी है।
Balrampur Missing Girl- घरवालों ने खुद खंगाला खेत-खलिहान, अब नदी में डूबी उम्मीद
अंजनी के पिता ने पहले तो गांव वालों के साथ मिलकर पूरा गांव छान मारा। खेत, बाग-बगिचा, तालाब, बाड़ — जहां उम्मीद थी, वहां तलाश हुई। लेकिन जब कहीं कुछ न मिला तो उम्मीदों ने दम तोड़ा। जैसे ही चप्पल राप्ती किनारे मिली, वैसे ही गांव के बुजुर्गों ने कहा — नदी ने निगल लिया या किस्मत ने खेल कर दिया। पुलिस को भनक लगी तो थाना प्रभारी कर्मवीर सिंह ने SDRF को कूदवा दिया। गोताखोरों ने लहरों की चीर-फाड़ शुरू की लेकिन राप्ती है कि कुछ उगलने को तैयार नहीं। शाम तक सैकड़ों आंखें किनारे टिकी रहीं — हर लहर पर उम्मीद, हर बुलबुले में डर!
Balrampur Missing Girl- SDRF, गोताखोर और पुलिस — नदी का सीना खंगालने में जुटे
जैसे ही मामला गरमा गया, प्रशासन ने मोर्चा संभाला। थाना श्रीदत्तगंज के प्रभारी कर्मवीर सिंह ने गोताखोरों की पूरी पलटन नदी में उतार दी। SDRF की टीम ने पानी में डंडा फेरा, जाल गिराए — लेकिन राप्ती इतनी आसानी से तो अपने राज खोलने वाली नहीं। गांव वालों की भीड़ किनारे जुटी रही, कोई दुआ पढ़ रहा था, कोई आंसू पोंछ रहा था। परिजन हाथ जोड़कर कह रहे — ‘अंजनी जिंदा मिले या उसकी कोई खबर!’ लेकिन अब तक न तहरीर, न कोई पुख्ता सुराग — बस नदी और उसका खामोश किनारा। प्रशासन कह रहा — हाथ-पांव मार रहे हैं, गांव वाला कह रहा — भरोसा पानी पर छोड़ दिया!
