 
                  Ballia: सपा नेता की टिप्पणी के बाद सिकंदरपुर नगर पंचायत सांकेतिक बंद का ऐलान
Ballia News Update
Ballia News:उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में समाजवादी पार्टी (सपा) के सिकंदरपुर विधानसभा से विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी के एक बयान ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है. सपा के एक कार्यक्रम, पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) सभा के दौरान विधायक ने कांवड़ यात्रियों पर विवादित टिप्पणी की है.
Ballia में कांवड़ यात्रियों पर अभद्र टिप्पणी
आरोप है कि मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने कांवड़ यात्रियों को “अनपढ़ और अंधविश्वास में फंसे लोग” बताकर विवादास्पद टिप्पणी की. इस बयान ने न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई, बल्कि स्थानीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाओं को भी जन्म दिया. बजरंग दल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और व्यापार मंडल ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है.

जियाउद्दीन रिजवी, जो पहले भी सिकंदरपुर से 2012 में विधायक रह चुके हैं और 2015 में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, ने अपने बयान में दावा किया कि कांवड़ यात्रा में बड़े नेताओं, मंत्रियों या उद्योगपतियों के परिवार के लोग शामिल नहीं होते. उनके इस बयान को सनातन धर्म और कांवड़ यात्रा के प्रति अपमानजनक माना गया, जिसके चलते बजरंग दल, बीजेपी कार्यकर्ताओं और स्थानीय व्यापार मंडल में भारी नाराजगी देखी जा रही है. सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं, जहां लोग इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला बता रहे हैं.
मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी की सफाई
मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने अपने बयान पर सफाई दी है और कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है, किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना मेरा उद्देश्य नहीं है.
सोमवार को सांकेतिक बंद
विरोध के तौर पर, बजरंग दल, बीजेपी और व्यापार मंडल ने संयुक्त रूप से सोमवार को सिकंदरपुर नगर पंचायत में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक सभी दुकानों को बंद करने का ऐलान किया है. इसके बाद, विधायक जियाउद्दीन रिजवी का पुतला दहन करने की योजना भी बनाई गई है. ये प्रदर्शन न केवल विधायक के बयान के खिलाफ है, बल्कि इसे सपा की विचारधारा पर भी हमला माना जा रहा है. बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे को उठाते हुए सपा पर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.
बढ़ रहा है सियासी गदर!
दूसरी ओर, सपा नेताओं का कहना है कि उनके विधायक के बयान को गलत संदर्भ में पेश किया जा रहा है. हालांकि, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन इस मसले पर सियासी हंगामा मचना तय है और सपा-BJP के बीच तीखी बयानबाजी की प्रबल संभानाएं हैं.
सपा-बीजेपी के बीच वैचारिक टकराव
ये पहली बार नहीं है जब बलिया में धार्मिक या सांप्रदायिक मुद्दों पर सियासत गर्माई हो. बलिया, जो अपनी बागी धरती के लिए जाना जाता है, अक्सर राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा में रहता है. इस घटना ने एक बार फिर सपा और बीजेपी के बीच वैचारिक टकराव को उजागर किया है.

 
         
         
         
        