19 अगस्त 1942 को चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया आजाद हुआ था… अजय राय और केतकी सिंह ने सेनानियों को किया नमन. मेडिकल कॉलेज की मांग उठी.

रिपोर्ट – संजय कुमार तिवारी, बलिया यूपी
Ballia : 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में Ballia Balidan Diwas धूमधाम से मनाया गया… यह दिन 1942 की अगस्त क्रांति को समर्पित है जब चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया ने ब्रिटिश हुकूमत से आजादी हासिल कर ली थी. इस अवसर पर जिला कारागार का फाटक प्रतीकात्मक रूप से खोला गया और स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने जुलूस निकाला. परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, बांसडीह विधायक केतकी सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी. जिला कारागार से शुरू हुआ जुलूस कुंवर सिंह चौराहा, टीडी चौराहा और चित्तू पांडेय चौराहा होते हुए रामलीला मैदान पहुंचा. इसी के साथ खास मौके पर सेनानी राजकुमार बाघ की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.
अजय राय का बीजेपी पर निशाना

विंटेज कार में सवार होकर आए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बलिया बलिदान दिवस पर सेनानियों को नमन करते हुए कहा… “1942 में बलिया ने देश को आजादी का रास्ता दिखाया. जेल का फाटक खोलने की परंपरा 80 साल से चली आ रही है. लेकिन भाजपा सरकार इस ऐतिहासिक जेल को खत्म करने की कोशिश कर रही है. कुछ लोग इसे गुजरात के लोगों को बेच रहे हैं… यह स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर है, इसे बचाना होगा. मैं सरकार से मांग करता हूं कि इसे संरक्षित किया जाए”.
केतकी सिंह का कांग्रेस को जवाब

बांसडीह से बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने बलिया की बगावती विरासत पर गर्व जताया और अजय राय पर निशाना साधा… कहा “1942 में जब पूरा देश 1947 की आजादी का इंतजार कर रहा था, बलिया ने अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया… यह बागी बलिया की पहचान है. हम संकल्प लेते हैं कि देश पर कोई आंच आएगी तो बलिया सबसे आगे होगा”. अजय राय पर हमला करते हुए केतकी सिंह ने कहा “कुछ लोग इस सर्वदलीय कार्यक्रम की खूबसूरती को खराब करने की कोशिश करते हैं… वे कहते हैं कि देश फिर से गुलाम हो गया. हमें नहीं लगता कि भारत में गुलामी की मानसिकता है. कुछ लोगों के मन में अंग्रेजों और मुगलों के प्रति प्रेम बाकी है लेकिन बीजेपी इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी”.
मेडिकल कॉलेज की मांग
Ballia में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी एक गंभीर मुद्दा है… जिला अस्पताल में गंभीर मरीजों को वाराणसी, आजमगढ़ या मऊ रेफर किया जाता है जिससे कई बार मरीजों की जान जोखिम में पड़ती है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2022 में बलिया में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक उसका निर्माण शुरू नहीं हुआ है. भाजपा विधायक केतकी सिंह ने इसे प्राथमिकता देने की मांग की है. जिले में मेडिकल कॉलेज बनने से न केवल स्थानीय मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार और शिक्षा के अवसर भी बढ़ेंगे.
