 
                  Raebareli News: अलौकिक बालेश्वर मंदिर की अद्भुत महिमा
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Raebareli News: रायबरेली के लालगंज क्षेत्र में स्थित बालेश्वर मंदिर, एक ऐसा पवित्र स्थल है जो अपनी प्राचीनता और चमत्कारों के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है. ये मंदिर लगभग 500 साल पुराना माना जाता है और सावन के पवित्र महीने में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है. इस वर्ष शुक्रवार 11 जुलाई से सावन माह का पर्व शुरू हो रहा है, जिसके लिए मंदिर परिसर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सुबह 4 बजे से विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं, और श्रद्धालुओं का दर्शन का सिलसिला शुरू हो चुका है. मंदिर परिसर में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
बालेश्वर मंदिर मंदिर की पौराणिक कथा
बालेश्वर मंदिर की कहानी अपने आप में अनोखी और चमत्कारिक है. कहा जाता है कि बहुत समय पहले इस स्थान पर घना जंगल हुआ करता था, जहां ग्रामीण अपने पशुओं को चराने लाया करते थे. उसी दौरान बाल्हेमऊ गांव के एक तिवारी परिवार की गाय रोजाना जंगल में चरने जाती थी, लेकिन अचानक उसने दूध देना बंद कर दिया. गाय के मालिक को शक हुआ कि चरवाहा शायद दूध चुरा रहा है. इसकी सच्चाई जानने के लिए एक दिन वो जंगल में गया और झाड़ियों में छिपकर गाय पर नजर रखने लगा.
भगवान शिव ने दिए दर्शन
गाय के मालिक ने देखा कि गाय एक विशेष स्थान पर जाकर रुकती है और उसके थन से दूध की धार स्वतः ही जमीन पर बने एक छेद में बहने लगती है. ये देखकर गाय का मालिक हैरान रह गया. उस रात उसे नींद नहीं आई और स्वप्न में भगवान शिव ने दर्शन दिए.
भगवान शिव ने स्वप्न में बताया कि जिस स्थान पर गाय का दूध बह रहा था, वहां उनका शिवलिंग विराजमान है. उन्होंने मंदिर बनवाने का आदेश दिया. अगले दिन गाय के मालिक ने अपने परिवार को ये बात बताई और उस स्थान पर खुदाई करवाई गई. खुदाई में शिवलिंग प्राप्त हुआ, जिसके बाद वहां बालेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया गया.
त्रिशूल का चमत्कार
बालेश्वर मंदिर की एक और विशेषता इसे और भी रहस्यमयी बनाती है. मंदिर के गुम्बद पर लगा त्रिशूल दिनभर सूर्य की गति के साथ-साथ अपने स्थान पर घूमता है. ये चमत्कार देखने के लिए भी दूर-दूर से लोग आते हैं. इस मंदिर की मान्यता इतनी अधिक है कि सावन के महीने में हजारों श्रद्धालु यहां भगवान शिव के दर्शन करने और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं.
सावन में विशेष आयोजन
सावन के पवित्र महीने में बालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. इस अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है और पूजा-अर्चना का विशेष आयोजन किया जाता है. रायबरेली के जिला अधिकारी हर्षिता माथुर और पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने मंदिर और नजदीकी गंगा घाट का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मंदिर परिसर में सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है ताकि श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी तरह की परेशानी न हो.
श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र
बालेश्वर मंदिर न केवल रायबरेली, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र है. यहां आने वाले भक्त भगवान शिव से अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं.
सावन के महीने में इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ जाता है, जब भक्तगण कांवड़ लेकर और जल चढ़ाकर भगवान शिव की भक्ति में लीन हो जाते हैं.ये मंदिर अपनी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्ता के कारण हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. यदि आप भी भगवान शिव के भक्त हैं, तो बालेश्वर मंदिर के दर्शन अवश्य करें, जहां आस्था और चमत्कार का अनूठा संगम देखने को मिलता है.

 
         
         
         
        