
Baghpat Panchayat Member Scandal: पति बना हैवान, फंड बनी अय्याशी
Baghpat Panchayat Member Scandal में वार्ड नं. 9 की जिला पंचायत सदस्य ने अपने पति विनय तोमर पर अप्राकृतिक यौन संबंध, घरेलू हिंसा और पंचायत निधि के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। FIR के मुताबिक, आरोपी पति का दूसरी महिला से संबंध है और वह जान से मारने की धमकी भी दे चुका है। पुलिस ने केस दर्ज कर विनय तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। Baghpat Panchayat Member Scandal ने पंचायत राजनीति और महिला प्रतिनिधियों की सुरक्षा पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

संवाददाता-राहुल चौहान
“देवता नहीं, हैवान है मेरा पति!” – Baghpat Panchayat Member Scandal से उड़ी राजनीतिक तिजोरी की चादर
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पंचायत व्यवस्था की नैतिकता उस वक्त नंगी हो गई, जब वार्ड नंबर 9 की जिला पंचायत सदस्य ने अपने पति विनय तोमर के खिलाफ अप्राकृतिक यौन संबंध, घरेलू हिंसा, और पंचायती निधि की अय्याशी का सनसनीखेज आरोप लगाया। ये मामला अब पूरे इलाके में Baghpat Panchayat Member Scandal के नाम से चर्चित हो गया है।

Baghpat Panchayat Member Scandal-fir copy
पीड़िता जो खुद एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि है, उसने थाने में दर्ज कराई एफआईआर में खुलकर बताया कि उसका पति विनय तोमर उसकी मर्जी के खिलाफ अप्राकृतिक संबंध बनाता है, मारता-पीटता है और पंचायत फंड को अपनी रंगरेलियों में लुटा देता है।
Baghpat Panchayat Member Scandal:सेक्स, सत्ता और संत्रास – पंचायत सदस्य की आपबीती
FIR के मुताबिक, विनय तोमर न केवल पत्नि पर जुल्म करता है, बल्कि पंचायत निधि का पैसा भी पत्नी से जबरन हस्ताक्षर कराकर निकालता था। Baghpat Panchayat Member Scandal में ये आरोप सबसे चौंकाने वाला रहा कि विनय तोमर का किसी अन्य महिला से संबंध है, और उसी को लेकर घर में अक्सर हिंसा होती थी।

पंचायत सदस्य का कहना है कि जब उसने विरोध किया, तो विनय ने उस पर दबाव बनाया कि वो अपना बयान बदल दे। मना करने पर उसने जान से मारने की धमकी दी।
मास्टर साहब गिरफ्तार, लेकिन सियासी गलियारे खामोश
पुलिस ने महिला सदस्य की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि Baghpat Panchayat Member Scandal पर प्रशासन और पंचायत के बाकी सदस्य चुप्पी साधे हुए हैं। क्या ये डर है या समझौता?
एक ओर महिला सुरक्षा की बड़ी-बड़ी बातें, और दूसरी ओर एक निर्वाचित पंचायत सदस्य की चुप कराई जाती चीखें — ये लोकतंत्र नहीं, लंपटतंत्र है।
Baghpat Panchayat Member Scandal:महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आंकड़े: एक चिंताजनक तस्वीर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इनमें घरेलू हिंसा, यौन शोषण, बलात्कार, और दहेज उत्पीड़न जैसे अपराध शामिल हैं। विशेष रूप से, घरेलू हिंसा के मामले सबसे अधिक हैं, जिसमें लगभग 33% विवाहित महिलाओं ने अपने पति या परिवार के सदस्यों द्वारा हिंसा का सामना करने की बात स्वीकारी है। थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के एक सर्वे (2012) में भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देशों में से एक बताया गया, जहां कम उम्र में विवाह, दहेज, और लिंग आधारित हिंसा आम हैं। इसके अलावा, NFHS-5 (2019-21) के आंकड़ों के अनुसार, 20-24 वर्ष की आयु की 23.3% महिलाओं का विवाह 18 वर्ष से पहले हो गया था, जो सामाजिक और आर्थिक कमजोरी को दर्शाता है। अप्राकृतिक यौन संबंध और यौन उत्पीड़न के मामले भी भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 और 498A के तहत दर्ज किए जाते हैं, लेकिन सामाजिक कलंक के कारण कई मामले सामने नहीं आते। बागपत जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में ये समस्याएं और भी जटिल हो जाती हैं, जहां सामाजिक दबाव और पितृसत्तात्मक मानसिकता महिलाओं को चुप रहने के लिए मजबूर करती है।
पंचायत की कुर्सी के नीचे दबी एक और महिला की आत्मा
ये सिर्फ एक स्कैंडल नहीं है। Baghpat Panchayat Member Scandal एक सच्ची कहानी है उस दर्द की, जहां जनप्रतिनिधि का पद तो महिला को मिल गया, लेकिन सम्मान और स्वायत्तता आज भी उसके पति के जूतों के नीचे पड़ी है।
जिस पंचायत निधि से गांवों में सड़कें बननी थीं, वही पैसा रंगीन शामों में उड़ाया गया। और जिसने आवाज़ उठाई, उसी की मर्जी को रौंद डाला गया।
Baghpat Panchayat Member Scandal:कौन देगा जवाब?
क्या पंचायत निधि की ऑडिट होगी?
क्या महिला जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सिर्फ फाइलों में है?
और क्या अब भी हम चुप रहेंगे, क्योंकि आरोपी एक मास्टर है?
Baghpat Panchayat Member Scandal हमें झकझोरता है — क्योंकि ये सिर्फ कानून का मामला नहीं, इंसानियत की गिरती साख का आईना है।
न्याय की मांग
विनय तोमर के खिलाफ लगे ये गंभीर आरोप बागपत ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गए हैं। जिला पंचायत सदस्य की हिम्मत ने अन्य पीड़ित महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है। यह मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए अभी और कितना काम करना बाकी है। विनय तोमर जैसे लोगों को सजा दिलाकर ही समाज में यह संदेश दिया जा सकता है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। इस मामले की जांच और इसके परिणाम पर न केवल बागपत, बल्कि पूरे देश की नजरें टिकी हैं।