 
                  Baghpat News: ये कांवड़ नहीं, एक संदेश है
Baghpat News Update
Baghpat News: बागपत के बड़ौत कस्बे में एक पिता ने बेटी की जान बचाने वाले डॉक्टर को ऐसा सम्मान दिया, जिसे सुनकर हर कोई भावुक हो जाए. विशाल भारद्वाज नाम के शख्स ने बेटी का जान बचाने वाले डॉक्टर को भगवान का दर्जा दे दिया. और फिर डॉक्टर के सम्मान में हरिद्वार से 31 लीटर गंगाजल की कांवड़ लाकर एक अनोखा उदाहरण पेश किया. ये कहानी न सिर्फ एक पिता के प्रेम और आभार की है, बल्कि ये भी दिखाती है कि सच्चा सम्मान कितना अनमोल हो सकता है.
बेटी की ज़िंदगी पर था संकट
विशाल की बेटी जब प्रीमैच्योर पैदा हुई थी, तो उसकी सांसें जैसे गिनती की थीं. परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी कि वो बच पाएगी. उस वक्त बड़ौत के एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर अभिनव तोमर ने नन्हीं सी जान को बचाने के लिए दिन-रात एक कर दिया. उनकी मेहनत और लगन रंग लाई और विशाल की बेटी को नई जिंदगी मिली. विशाल के लिए ये किसी चमत्कार से कम नहीं था. उनके मन में डॉ. अभिनव के लिए इतना सम्मान और प्यार उमड़ा कि उन्होंने फैसला किया कि वे इस “असली भगवान” को कुछ खास तरीके से धन्यवाद देंगे.

डॉ. अभिनव की लंबी उम्र की कामना
विशाल ने हरिद्वार से 31 लीटर गंगाजल की कांवड़ लाने का फैसला किया. लेकिन इस कांवड़ को खास बनाने के लिए उन्होंने उस पर डॉ. अभिनव की तस्वीर लगाई. ये तस्वीर उनके लिए सिर्फ एक फोटो नहीं, बल्कि उस इंसान का प्रतीक थी जिसने उनकी बेटी को नया जीवन दिया. विशाल ने कांवड़ यात्रा पूरी की और गंगाजल लेकर लौटे, साथ ही डॉ. अभिनव की लंबी उम्र की कामना की. विशाल का कहना है कि अगली बार वे 51 लीटर गंगाजल की कांवड़ लाएंगे, ताकि उनका ये आभार और बड़ा रूप ले सके.

अभार जताने का ख़ास अंदाज़
ये कहानी सिर्फ विशाल और डॉ. अभिनव की नहीं, बल्कि उन तमाम लोगों की भावनाओं को बयां करती है, जो किसी की मदद से अपने अपनों को बचता देखते हैं. डॉक्टर को भगवान का दर्जा देना हमारे देश में कोई नई बात नहीं, लेकिन विशाल ने जिस तरह से अपने आभार को जाहिर किया, वो वाकई अनोखा है. ये घटना हमें ये भी सोचने पर मजबूर करती है कि समाज में ऐसे लोग हैं, जो दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए बिना किसी स्वार्थ के काम करते हैं. और जब उनके इस काम को इस तरह सम्मान मिलता है, तो ये न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक प्रेरणा बन जाता है.

कांवड़ यात्रा देती है ख़ास संदेश
विशाल की ये कांवड़ यात्रा एक संदेश भी देती है कि हमें अपने आसपास के उन लोगों को पहचानना और सम्मान देना चाहिए, जो हमारे लिए कुछ खास करते हैं. अगर हर कोई अपने तरीके से दूसरों का आभार जताए, तो समाज में प्यार और विश्वास की एक नई मिसाल कायम हो सकती है. विशाल और डॉ. अभिनव की ये कहानी दिल को छूती है और हमें सिखाती है कि सच्चा सम्मान वही है, जो दिल से निकले और दिल तक पहुंचे.

 
         
         
        