Baghpat Farmer Panchayat—बागपत में किसान दिवस पर बवाल के बाद अब सियासत गर्म है। BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत के भांजे पर मुकदमा दर्ज हुआ, और भाकियू कार्यकर्ताओं का पारा ऐसा चढ़ा कि “भूसा भरने” और “आंख फोड़ने” की चेतावनी तक दे डाली। पंचायत में गरजे, बरसे और धमकियों की बोरी फाड़ी गई। ट्रैक्टर की जगह अब बयानवीर मोर्चा संभाल रहे हैं!
संवाददाता-राहुल चौहान,बागपत
23 जून 2025
🔥 Baghpat Farmer Clash में गरजे ट्रैक्टरवीर, धमकी से दहल उठा प्रशासन
बागपत में किसान दिवस का कार्यक्रम था, लेकिन ड्रामा ऐसा हुआ कि धान नहीं, धमकी की फसल लहलहा गई।Rakesh Tikait के भांजे राजेन्द्र चौधरी पर मुकदमा दर्ज क्या हुआ, भाकियू के कार्यकर्ता उबल पड़े। पंचायत बुलाई गई, और फिर जो बोला गया– उसे कोई चौपाल भूल नहीं पाएगी।
Baghpat Kisan Panchayat-क्या है पूरा तमाशा?
18 जून को बागपत के विकास भवन में किसान दिवस का जश्न था, मगर जश्न कम, जंग ज्यादा हो गई। भाकियू (टिकैत) के नेता बिजेंद्र राणा और भाकियू (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष के बीच फ्रंट रो की सीट को लेकर ऐसी ठन गई कि बात मारपीट तक पहुंच गई। भाकियू (अराजनैतिक) ने बिजेंद्र राणा समेत 12 लोगों पर मुकदमा ठोक दिया, और उसमें राकेश टिकैत के भांजे राजेंद्र चौधरी का नाम भी घसीट लिया। बस, यहीं से बागपत किसान पंचायत फ्रेंज़ी की स्क्रिप्ट शुरू हो गई! भाकियू (टिकैत) के कार्यकर्ता भड़क उठे और चौगामा में पंचायत बुलाकर प्रशासन को ललकारा।
भाकियू का गुस्सा: साजिश या सीट का खेल?
Baghpat Kisan Panchayat
भाकियू का दावा है कि राजेंद्र चौधरी उस दिन विकास भवन में थे ही नहीं, बल्कि जिले में भी नहीं थे। फिर भी उनका नाम FIR में कैसे चमक रहा है? नेताओं ने इसे “सियासी साजिश” करार दिया, और पुलिस पर विपक्षी खेमे के इशारों पर नाचने का इल्ज़ाम ठोका। पंचायत में बयानों का ऐसा मेला लगा कि सुनने वाले भी दंग रह गए। एक नेता ने कहा, “मुकदमा वापस न हुआ, तो थानों में भूसा भर देंगे!” दूसरे ने ताव में आकर बोला, “आंख फोड़ देंगे, उंगली तोड़ देंगे!” अरे भाई, ये किसान पंचायत है कि कोई कुश्ती का अखाड़ा? लेकिन मज़ा तब आया, जब भाकियू के दोनों गुटों—टिकैत और अराजनैतिक—की आपसी तनातनी भी खुलकर सामने आ गई।
पंचायत का पंच: भूसा, धमकी, और ड्रामा
चौगामा की पंचायत में भाकियू कार्यकर्ताओं ने जमकर आग उगली। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर राजेंद्र चौधरी और बाकियों पर मुकदमा वापस न लिया गया, तो उग्र आंदोलन होगा। भूसा भरने की धमकी तो ऐसी दी, मानो डीएम का दफ्तर कोई गोदाम हो! मगर सवाल ये—क्या भूसा भरने से पहले भाकियू अपने गुटों की फूट तो नहीं भर लेगी? पंचायत में भड़काऊ बयान सुनकर लग रहा था कि किसान कम, फिल्मी विलेन ज्यादा बोल रहे हैं। “आंख फोड़ देंगे!”—अरे, भाई, पहले ये तो बता दो कि राजेंद्र चौधरी उस दिन कहाँ थे? और प्रशासन? वो तो बस FIR की फाइलों में मस्त है, जैसे सारा बवाल उनकी बारात में हो!
Baghpat Kisan Panchayat-सियासी मसाला: टिकैत का तड़का
Baghpat Kisan Panchayat
राकेश टिकैत, जो भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, इस बवाल में अभी खामोश हैं, मगर उनके भाई और भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत पहले ही इसे सियासी साजिश बता चुके हैं। बागपत में टिकैत परिवार का रसूख किसी से छुपा नहीं, और ये FIR उनके लिए सियासी ज़मीन पर चोट की तरह है। भाकियू ने पहले भी मुज़फ्फरनगर में राकेश टिकैत पर हमले के खिलाफ पंचायत बुलाई थी, और अब बागपत में फिर वही राग! मगर इस बार ट्विस्ट ये कि भाकियू के अंदरूनी गुटबाज़ी ने भी सिर उठाया। टिकैत गुट और अराजनैतिक गुट की ठन-ठन ने पंचायत को और मसालेदार बना दिया। लगता है, किसानों की एकता से पहले भाकियू को अपनी एकता की चिंता करनी होगी
Baghpat Kisan Panchayat-पंचायत का ‘भूसा मोर्चा’!
बागपत किसान पंचायत तो मानो सियासत का रियलिटी शो हो! सीट की जंग से शुरू हुआ ड्रामा अब भूसे और उंगलियों तक पहुंच गया। भाकियू चिल्ला रही है—“राजेंद्र चौधरी वहाँ थे ही नहीं!” अरे, तो फिर FIR में उनका नाम कैसे चमक रहा है? क्या पुलिस ने कोई ज्योतिषी बुलाया था?
और भूसा भरने की धमकी? अरे, भाई, पहले अपने संगठन की फूट तो भर लो, वरना भूसा तो हवा में उड़ेगा! प्रशासन भी कमाल है—FIR ठोक दी, मगर सवालों का जवाब कौन देगा? और भाकियू के नेता? वो तो “आंख फोड़ने” और “उंगली तोड़ने” की स्क्रिप्ट लिखने में मस्त हैं। लगता है, बागपत में किसान दिवस कम, “धमकी दिवस” ज़्यादा मना!
Baghpat Kisan Panchayat
भाकियू ने उग्र आंदोलन की धमकी दी है, और पंचायत के बाद कार्यकर्ता जोश में हैं। मगर सवाल ये—क्या प्रशासन मुकदमा वापस लेगा, या भूसे का इंतज़ाम शुरू करेगा?