
Badhara Election- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रणविजय सिंह का बड़ा दांव
भोजपुर की बड़हरा सीट पर दावेदारी को लेकर नेताओं में बढ़ी हलचल, जेडीयू के पूर्व एमएलसी रणविजय सिंह ने जनता के बीच बढ़ाई चहलकदमी।

भोजपुर की बड़हरा विधानसभा सीट पर इस बार जो हवा चल रही है, वो कोई आम चुनावी हवा नहीं, बल्कि Badhara Election की तूफ़ानी आंधी है – और उस आंधी का सबसे बड़ा झोंका बनकर उभरे हैं जेडीयू के पूर्व एमएलसी रणविजय सिंह।
जनता के बीच पकड़ बनाने के लिए रणविजय सिंह ने कंधे पर उम्मीदों की झोली और हाथ में विकास का परचा लेकर गांव-गांव दस्तक देना शुरू कर दिया है।
जहां बाकी नेता अभी पोस्टर-बैनर में अटके हैं, वहीं रणविजय ‘फील्डिंग’ में उतरकर जनता की नब्ज़ थामने में जुटे हैं।
Badhara Election में उनका दावा न सिर्फ़ मज़बूत है, बल्कि स्टाइल भी ऐसा है कि विरोधी अभी से अपनी कुर्सियाँ कसने लगे हैं।
साफ है – बड़हरा विधानसभा सीट अब केवल एक भूगोल नहीं, बल्कि नेताजी बनने का सपना बन चुकी है।
कई दावेदार तो अभी भी पार्टी दफ्तर के बाहर लिस्ट में नाम ढूंढ़ रहे हैं, लेकिन रणविजय सिंह मैदान में उतरकर वोटरों के बीच चौपालें जमा रहे हैं।
कहते हैं – “नेता वही जो जूता घिसे, बाकी सब ट्विटरवीर हैं!”
और रणविजय जी इसी स्लोगन को गांव-गांव चरितार्थ कर रहे हैं।

उनकी दावेदारी ने Badhara Election में नई सियासी गर्मी घोल दी है। एक तरफ़ पुराने खिलाड़ी अपने पत्ते छिपा रहे हैं, तो दूसरी तरफ़ रणविजय सिंह गांव-गांव जनसंपर्क कर रहे हैं। अब बड़हरा की जनता को ये तय करना है कि, वो किसे अपने भरोसे की गद्दी पर बिठाए।
Badhara Election में रणविजय सिंह की एंट्री – मुकाबला बन गया दिलचस्प!
बड़हरा विधानसभा सीट पर इस बार मामला सीधा नहीं, बल्कि बेहद दिलचस्प हो गया है।
Badhara Election में जहां एक ओर स्थानीय मुद्दों की गर्माहट है, वहीं दूसरी ओर रणविजय सिंह ने सियासत को जमीनी स्पर्श देकर अपनी ताकत बढ़ा दी है।
चुनाव से पहले ही वो विकास, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर लोगों के दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं।
बड़हरा में सियासत नहीं, अब बेटी बचाओ से बेटी बढ़ाओ का असली Upgrade!
बिहार चुनावी मोड में है जनाब, और भोजपुर की बड़हरा सीट अब सिर्फ राजनीति का अखाड़ा नहीं, बल्कि Women Empowerment की जमीन बन चुकी है।
यहां अब वादों की रैली नहीं, टैबलेट की टोकरी चल रही है। जी हां, जेडीयू के पूर्व एमएलसी रणविजय सिंह ने इस बार “विकास” को सीधे बेटियों के हाथों में थमा दिया है – टैबलेट और मेडल के रूप में!
रणविजय सिंह अब सिर्फ मंच पर नहीं, गाँव-गाँव घूमकर बता रहे हैं –
“बेटी पढ़ेगी, तभी बड़हरा बढ़ेगा!”
और इस बार उन्होंने वाकई कमाल कर दिखाया – 10वीं की 100 मेधावी छात्राओं को टैबलेट, मेडल और एक सम्मान की गूंज दे दी, जिसने पूरे भोजपुर में नई चर्चा को जन्म दे दिया।
चुनावी रण में उतर चुके हैं रणविजय – Badhara Election की बाज़ी अब किसके नाम?
भोजपुर की इस हॉट सीट पर जहां कई नेता टिकट के इंतज़ार में हैं, वहीं रणविजय सिंह अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
वो जनसंवाद, छात्राओं को सम्मान, और शिक्षा को बढ़ावा देकर Badhara Election को सिर्फ चुनाव नहीं, एक जनआंदोलन बना देना चाहते हैं।
बड़हरा के मतदाताओं को लगने लगा है कि यह दावेदारी केवल कुर्सी के लिए नहीं, बदलाव के लिए है।
Badhara Election अब केवल एक चुनावी नाम नहीं रहा, बल्कि वह एक प्रयोगशाला बन चुका है – जहां राजनीति का असली टेस्ट हो रहा है।
रणविजय सिंह की मौजूदगी ने इस सीट पर बाकी दावेदारों की नींद उड़ा दी है। अब देखना है कि जनता किसे देती है ‘विकास का वोट’ और किसे मिलती है ‘सत्ता की सीट’!