
Axiom-4 Mission
ISS पर भारत की ऐतिहासिक दस्तक! शुभ्रांशु शुक्ला की उड़ान से गगनयान को मिलेगा नया पंख, तिरंगा लहराएगा तारों के पार।
संवाददाता-संदीप कुमार
Axiom-4 Mission: भारत का अंतरिक्ष में ऐतिहासिक कमबैक!
40 साल पहले राकेश शर्मा ने कहा था, “सारे जहाँ से अच्छा।” और अब एक और भारतीय उस गौरव को दोहराने जा रहा है।
ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के जांबाज़ पायलट, Axiom-4 Mission के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की उड़ान भरने जा रहे हैं। यह सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों की उड़ान है।
NASA, SpaceX और Axiom Space के सहयोग से हो रहे इस मिशन में शुभ्रांशु शुक्ला भारत के प्रतिनिधि होंगे।
गौरव की बात यह है कि इस मिशन में शामिल होने वाले चार देशों में भारत, पोलैंड और हंगरी – तीनों करीब चार दशक बाद अंतरिक्ष में लौट रहे हैं।
शुभ्रांशु शुक्ला: सपनों से अंतरिक्ष तक
लखनऊ में जन्मे, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से पढ़ाई, NDA से ग्रेजुएशन और फिर भारतीय वायुसेना में 2006 में कमीशन – ये कहानी किसी फिल्म से कम नहीं लगती।
2,000+ घंटे की उड़ान, सुखोई, मिग, हॉक और डोर्नियर जैसे कई लड़ाकू विमानों पर अनुभव और अब… अंतरिक्ष की ओर उड़ान!
2019 में ISRO ने गगनयान के लिए उन्हें चुना और रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में कठिन प्रशिक्षण के बाद अब वे Axiom-4 के पायलट के रूप में दुनिया के सामने भारत की पहचान बनने को तैयार हैं।
उनकी बहन शुचि मिश्रा के शब्दों में –
“वो हमेशा कहते थे, बड़े सपने देखो और देश के लिए कुछ कर दिखाओ। अब वो सपना साकार हो रहा है।”
Axiom-4 Mission: वैश्विक साझेदारी में भारत का वैज्ञानिक परचम
Crew Members:
🇺🇸 पेगी व्हिट्सन – NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और मिशन कमांडर
🇵🇱 स्लावोश उज़्नांस्की-विस्निव्स्की – पोलैंड
🇭🇺 टिबोर कपू – हंगरी
🇮🇳 शुभ्रांशु शुक्ला – भारत
👉 मिशन का उद्देश्य:
इस 14 दिवसीय मिशन के दौरान ISS पर 60 वैज्ञानिक प्रयोग होंगे, जिनमें भारत के 7 प्रमुख प्रयोग शामिल हैं:
मूंग और मेथी का माइक्रोग्रैविटी में अंकुरण
तारडीग्रेड्स की सहनशीलता का अध्ययन
मांसपेशियों पर अंतरिक्ष का प्रभाव
मधुमेह से जुड़ी समस्याओं पर अंतरिक्ष का असर
भारतीय संस्कृतियों का प्रदर्शन (योग आदि)
भविष्य के अंतरिक्ष कृषि के लिए अध्ययन
न्यूरोमस्कुलर गतिविधियों की जांच
ISRO के लिए यह अनुभव गगनयान मिशन की नींव मजबूत करेगा।
तकनीकी रुकावट, लेकिन भारत का हौसला बरकरार!
मिशन को 10 जून 2025 को लॉन्च किया जाना था, लेकिन SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट में LOx (तरल ऑक्सीजन) रिसाव और खराब मौसम के चलते इसे टाल दिया गया।
NASA और SpaceX की टीमें लॉन्च की नई तारीख तय करने में जुटी हैं।
लेकिन शुभ्रांशु कहते हैं –
“यह सिर्फ मेरी यात्रा नहीं, बल्कि भारत के करोड़ों सपनों का प्रतिनिधित्व है।”
वह ISS पर योग और भारतीय परंपराओं को प्रदर्शित करने की योजना भी बना चुके हैं।
गगनयान के लिए क्यों अहम है Axiom-4 Mission?
भारत का अपना मानव मिशन – गगनयान – 2026 में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की कक्षा में भेजेगा।
Axiom-4 इस मिशन के लिए एक सशक्त अभ्यास है:
अंतरिक्ष यान संचालन का रीयल टाइम अनुभव
डॉकिंग और आपातकालीन प्रबंधन का अभ्यास
वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन
अंतरराष्ट्रीय सहयोग से मिशन कंट्रोल की दक्षता
युवाओं के लिए STEM प्रेरणा
ISRO अध्यक्ष वी. नारायणन का भी साफ संदेश है –
“यह अनुभव हमारे भविष्य के मानव मिशनों और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की नींव रखेगा।”