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ATM Glitch ने आगरा के नगला बुद्धा गांव को रातोंरात वायरल बना दिया। ATM Glitch के चलते 500 रुपए निकालने पर 1100 रुपए बाहर आ रहे थे, वो भी बिना किसी स्कीम या लकी ड्रॉ के। ये खबर जंगल में आग की तरह फैली और देखते ही देखते एटीएम पर भीड़ उमड़ पड़ी। गांव के लोग इस ATM Glitch को किस्मत का खेल समझकर लाइन में लग गए और बिना झिझक पैसा निकालने लगे।
जब 500 में 1100 निकले और गांववाले बन गए कैश मसीहा
ATM Glitch-मलपुरा, आगरा22 जून 2025। एक शाम, एक एटीएम और गांववालों की किस्मत चमकाने वाला ATM Glitch। नगला बुद्धा में एक बैंक का एटीएम अचानक ऐसा ‘उधार प्रेमी’ निकला कि 500 डालो और 1100 निकालो स्कीम चलाने लगा — बिना किसी कार्डलेस ऑफर के, बिना RBI अप्रूवल के, और बिना किसी ‘Term & Conditions Apply’ के।
बात बस इतनी थी कि कुछ लोगों ने एटीएम में 500 रुपए डाले, और मशीन से 1100 रुपए उगल आए। पहले तो लगा कोई गलती हो गई, दोबारा ट्राय किया — फिर वही! मशीन जैसे “अब और मांगो” के मूड में थी। एक ने दूसरे को बताया, दूसरे ने मोहल्ले को और फिर क्या था — नगला बुद्धा बन गया ‘मिनी मिंट’ और एटीएम बन गया ‘पब्लिक ATM Loot Point’।
ATM Glitch बना गांव का बोनस बापू, पुलिस आई तो शटर गिरा
ATM Glitch की खबर आग की तरह फैली। दोपहर तक जहां ATM वीरान पड़ा था, शाम तक वहां लाइनें ऐसे लग गईं जैसे गैस सिलेंडर का फॉर्म बंट रहा हो। जिसे देखो, वही 500 डाल रहा था और 1100 निकाल कर चहकते हुए बाहर आ रहा था — जैसे बचपन में टूटी गुल्लक से अचानक 100 का नोट निकल आए!
और मज़े की बात ये कि जिसने 500 से ज़्यादा डाला — जैसे 1000 या 2000 — उसे मशीन ने वही ‘सरकारी अफसर वाला भाव’ दे दिया: “इतना लोभ अच्छा नहीं होता।” यानी 1000 डाले तो 1000 ही मिले। मशीन को भी नैतिकता याद आ गई।
किसी सज्जन ने शायद दिल में पुलिस के लिए सच्ची श्रद्धा रखी होगी, तभी तो कॉल कर दी। मलपुरा पुलिस पहुंची और पहले खुद ट्रायल किया — एक बंदे से 500 निकलवाए, फिर गिना… और भई वाह! यहां भी वही 1100 का जादू! पुलिस ने बिना ट्रांजैक्शन रसीद देखे ही कह दिया — शटर डाउन। फिर जो भीड़ थी, उसे ऐसे हटाया जैसे 11वीं क्लास का लड़का फिजिक्स की क्लास से हटता है।
नैतिकता गई छुट्टी पर, मशीन बन गई ‘रॉबिनहुड’
ATM मशीन का ये रवैया पूरी तरह रॉबिनहुड वाला था — “बैंक का पैसा लो, जनता में बांटो”। और जनता ने भी पूरी निष्ठा से सहयोग किया। जिनके खाते में सिर्फ 500 थे, वो हाथ में 1100 लेकर घर लौटे। कुछ तो इतने बार ट्राय कर गए कि मोबाइल अलर्ट आने लगे — “आपका बैलेंस अब सिर्फ जीरो है, कृपया भावुक न हों।”
ATM से पैसा निकालने वाले सोनू नाम के युवक ने बड़ी मासूमियत से बताया — “भाई मैंने 500 डाला, 1100 निकला। फिर सोचा भगवान ने भेजा है, दो बार और ट्राय कर लिया।” पूछने पर कहा — “एकाउंट से सिर्फ 500 कटे, बाक़ी ATM का मनोबल था।”
कुल मिलाकर 50 से ज़्यादा लोग इस ‘भूल से हुए लाभ’ का हिस्सा बने। और कोई नहीं पूछ रहा कि बैंक को घाटा कौन देगा — सब यही पूछ रहे हैं कि अगली बार कौन सा एटीएम ऐसा करेगा?
ATM Glitch से जनता में उम्मीद की लहर, बैंक में चिंता की बाढ़
अब बैंक वाले माथा पीट रहे हैं, तकनीकी खराबी को गालियाँ दे रहे हैं और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री खंगाल रहे हैं। लेकिन सवाल यही है — अगर मशीन ने गलती की, तो क्या जनता भी गलती कर बैठी? या फिर जनता ने बस वही किया जो हर स्कीम में करती है — मौका देखकर चौका?
ATM Glitch के बाद नगला बुद्धा अब सिर्फ गांव नहीं, अब ‘आशा की नगरी’ बन गया है। यहां ATM जाना मतलब “Try Your Luck” हो गया है। और पुलिस को अब हर मशीन की ‘प्रेरणा जांच’ करनी पड़ रही है कि कहीं ये मशीनें भी सरकार की सब्सिडी बांटने न लगें।
जब सिस्टम फेल हो, तो जनता ही मशीन होती है
इस ATM Glitch ने एक बार फिर साबित कर दिया — जहां सिस्टम फेल होता है, वहां जनता ही ऑपरेटर बन जाती है। और इस बार ऑपरेटर बन गई जनता, मशीन बन गया बैंक और ATM बन गया “सांझा खजाना”। नगला बुद्धा के इस किस्से को अगर डिजिटल इंडिया का पोस्टर बनाना हो, तो यही नारा लिखा जाए — “500 दो, 1100 लो — बाक़ी सब मोह माया है।”

 
         
         
        