 
                  Pakistan की Airstrike से दहला काबुल !
Pakistan airstrike on Kabul News
कौन था नूर वली महसूद?
नूर वली महसूद, जिसे मुफ्ती नूर वली के नाम से भी जाना जाता है, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मुखिया था। साल 2018 में मुल्ला फ़ज़लुल्लाह की हत्या के बाद उसने संगठन की कमान संभाली। उस समय अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना का नियंत्रण था, लेकिन नूर वली ने तालिबान के साथ मिलकर अमेरिका की पकड़ ढीली कर दी। अंततः अमेरिका को अफगानिस्तान छोड़ना पड़ा।

Pakistan का सबसे बड़ा दुश्मन
टीटीपी के मुखिया रहते हुए नूर वली महसूद(Noor Wali Mehsud) ने पाकिस्तान में सैकड़ों हमले कराए। सिर्फ साल 2025 में ही 700 से अधिक हमलों में 270 पाकिस्तानी जवान मारे गए। पाकिस्तान ने उसे अपनी हिटलिस्ट में शीर्ष पर रखा था। अमेरिका ने भी उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया और 50 लाख डॉलर का इनाम रखा।
मलाला और बेनजीर हत्याकांड से जुड़ा नाम
नूर वली का नाम मलाला युसूफजई पर हुए हमले से भी जुड़ा था। उसने नोबेल विजेता मलाला की हत्या का आदेश दिया था। यही नहीं, उसने पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में तालिबान आतंकियों की भूमिका को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे।

अमेरिका की जानकारी में था हमला
अमू टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने काबुल पर एयरस्ट्राइक से पहले Trump प्रशासन यानी अमेरिका से अनुमति ली थी। नूर वली को खत्म करने के लिए अमेरिका ने खुफिया इनपुट और तकनीकी सहयोग दिया। इस ऑपरेशन में अमेरिकी ड्रोन और जासूसी उपग्रहों की भूमिका मानी जा रही है।
काबुल में तबाही, तालिबान का गुस्सा
इस स्ट्राइक में कम से कम 12 अफगानी नागरिक मारे गए। तालिबान ने पाकिस्तान की कार्रवाई को अफगानिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया और चेतावनी दी कि इस हमले का जवाब दिया जाएगा। अब आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच सीधी झड़प हो सकती है, जिससे दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ सकती है।
नूर वली महसूद की मौत – आतंक का अंत या नई शुरुआत?
नूर वली की मौत से पाकिस्तान को राहत मिली है, लेकिन तालिबान के साथ उसके रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम तहरीक-ए-तालिबान को कमजोर करेगा, लेकिन इससे सीमा पार जंग की संभावना भी बढ़ सकती है।

 
         
         
         
        
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