 
                  Ind Vs Pak: क्या खेल मंत्रालय रोक सकता है भारत-पाकिस्तान मैच?
Asia Cup: Ind Vs Pak
Asia Cup 2025 को लेकर भारत और पाकिस्तान (Ind Vs Pak) के बीच होने वाले क्रिकेट मुकाबले पर विवाद गहराता जा रहा है. 9 से 28 सितंबर तक यूएई में होने वाले इस टी20 टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को ग्रुप स्टेज में भिड़ंत प्रस्तावित है. दोनों टीमें ग्रुप A में हैं, जिसमें यूएई और ओमान भी शामिल हैं. टूर्नामेंट के शेड्यूल के ऐलान के साथ ही सोशल मीडिया पर इस मैच को रद्द करने की मांग तेज हो गई है. सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार या खेल मंत्रालय इस मुकाबले को रोक सकता है? आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं.
Ind Vs Pak: विवाद का कारण
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल 2025 में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी. इस घटना के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसके बाद चार दिन तक दोनों देशों के बीच हवाई झड़पें हुईं. इस तनावपूर्ण माहौल में कई लोग भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों के बहिष्कार की मांग कर रहे हैं.

“खून के बदले मुनाफा”
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने आतंकवाद की निंदा करते हुए कहा है कि खेल को नहीं रोका जाना चाहिए. उनके इस बयान ने भी भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित मुकाबले पर चर्चा को और हवा दी है. विपक्षी नेताओं, जैसे शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, ने इस मुकाबले को “खून के बदले मुनाफा” कमाने की कोशिश करार दिया है.
खेल मंत्रालय की भूमिका
भारत सरकार और खेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय खेल आयोजन की संभावना फिलहाल नहीं है. हालांकि, एशिया कप जैसे बहुपक्षीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेना अलग बात है. खेल मंत्रालय का कहना है कि ऐसे आयोजनों में भागीदारी को रोकना संभव नहीं है, क्योंकि ये ओलंपिक चार्टर के खिलाफ होगा, जो राजनीतिक आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है. लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि भारत सरकार इस मैच को रोक सकती है. तो वहीं भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी की दावेदारी में है, और क्रिकेट अब 2028 ओलंपिक में टी20 प्रारूप में शामिल होने जा रहा है. ऐसे में, अंतरराष्ट्रीय खेल नियमों का पालन करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है.

इसके अलावा, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक स्वायत्त संस्था है और राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक (National Sports Governance Bill) के पारित होने तक ये खेल मंत्रालय के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं आता. इसका मतलब है कि बीसीसीआई के फैसले स्वतंत्र रूप से लिए जाते हैं, और सरकार बिना कानूनी प्रावधान के इन पर सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती.
बीसीसीआई और एसीसी की स्थिति
एशिया कप का आयोजन एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) द्वारा किया जा रहा है, जिसके प्रमुख पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन और पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी हैं. बीसीसीआई इस टूर्नामेंट की मेजबानी कर रही है, लेकिन भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इसे न्यूट्रल वेन्यू यूएई में आयोजित किया जा रहा है. मई 2025 में खबरें थीं कि बीसीसीआई ने एशिया कप से हटने का फैसला किया था, लेकिन जुलाई में शेड्यूल के ऐलान से साफ हुआ कि भारत टूर्नामेंट में हिस्सा लेगा.

एसीसी नियमों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान जैसे बड़े टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए बाध्य हैं, बशर्ते भारत सरकार की मंजूरी मिले. बीसीसीआई ने हाल ही में ढाका में हुई एसीसी की बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था, जिसके पीछे भारत-बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक तनाव को कारण बताया गया. बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस बैठक में वर्चुअली हिस्सा लिया.
आर्थिक पहलू
भारत-पाकिस्तान मैच क्रिकेट की दुनिया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मुकाबलों में से एक है. ब्रॉडकास्टर्स, जैसे सोनी नेटवर्क, ने एसीसी के साथ आठ साल के लिए 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रसारण करार किया है. इस मैच के बिना टूर्नामेंट की दर्शक संख्या और विज्ञापन आय में भारी कमी आ सकती है, जिसका असर न केवल बीसीसीआई, बल्कि एसीसी के अन्य 24 सदस्य देशों, खासकर विकासशील क्रिकेट देशों, पर पड़ेगा.
जनभावना और पूर्व खिलाड़ियों की राय
पहलगाम हमले के बाद कई पूर्व खिलाड़ियों ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों का विरोध किया है. पूर्व विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी ने भारत से इस मैच का बहिष्कार करने की अपील की, जबकि विश्व चैंपियंस ऑफ लीजेंड्स में हरभजन सिंह, इरफान पठान और शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया था. दूसरी ओर, सौरव गांगुली जैसे दिग्गज खेल को राजनीति से अलग रखने की वकालत कर रहे हैं.
अंतिम फैसला किसका?
एशिया कप में भारत की भागीदारी का अंतिम फैसला बीसीसीआई लेगी, लेकिन इसे सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. यदि सरकार इस मैच को रोकने का निर्देश देती है, तो बीसीसीआई को इसका पालन करना पड़ सकता है. हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि भारत इस टूर्नामेंट से हटेगा. यदि भारत हिस्सा लेता है, तो ये मैच 14 सितंबर को यूएई में होगा, और अगर दोनों टीमें सुपर फोर और फाइनल में पहुंचती हैं, तो 22 और 28 सितंबर को भी भिड़ंत हो सकती है.
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मुकाबला केवल खेल नहीं, बल्कि भावनाओं, राजनीति और आर्थिक हितों का संगम है. फिर भी, जनभावना और हाल के तनावों को देखते हुए ये मुद्दा और गर्म हो सकता है. क्या भारत इस मैच में खेलेगा या बहिष्कार करेगा ? क्या सरकार इस मुद्दे पर फैसला लेगी ? इसका जवाब आने वाले दिनों में साफ होगा.

 
         
         
        