 
                  मथुरा में भागवताचार्य अनिरुद्धाचार्य के महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी ने बवाल मचा दिया है। Aniruddhacharya Women Remarks पर नाराज़ मथुरा बार एसोसिएशन की महिला अधिवक्ताओं ने जोरदार नारेबाज़ी करते हुए SSP को ज्ञापन सौंपा और सख्त कार्रवाई की मांग की। अधिवक्ताओं ने कहा कि धर्म के नाम पर महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चेतावनी दी गई है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो पुतला दहन किया जाएगा। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से उठी ये आग अब कानून के दरवाज़े तक पहुँच गई है।
महिला वकीलों का गुस्सा: Aniruddhacharya Women Remarks के खिलाफ नारेबाज़ी से हिला बार परिसर
“महिलाओं का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” – ये नारा गुरुवार को मथुरा बार एसोसिएशन के परिसर में किसी आग के गोले की तरह गूंजा। कारण? एक “धार्मिक वक्ता” अनिरुद्धाचार्य द्वारा (Aniruddhacharya Women Remarks) महिलाओं पर की गई अभद्र टिप्पणी, जो अब सोशल मीडिया पर बुरी तरह से वायरल हो रही है।
संस्कारों की दुहाई देने वाले इस प्रवचनवीर ने अपनी जुबान से वो आग उगली कि नारी गरिमा झुलस उठी।
SSP को ज्ञापन: Aniruddhacharya Women Remarks पर FIR और माफीनामा की मांग
महिला अधिवक्ताओं ने एसएसपी को ज्ञापन देकर साफ कहा – “मंच चाहे धार्मिक हो या राजनीतिक, महिलाएं गालियों की थाली नहीं हैं।”महिला अधिवक्ताओं ने अनिरुद्धाचार्च  (Aniruddhacharya Women Remarks) को लेकर FIR दर्ज करने और माफीनामा जारी करवाने की सख्त मांग की गई है।
उनका कहना था कि अब यह मसला धार्मिक प्रवचन का नहीं, बल्कि महिलाओं की अस्मिता और संविधान की गरिमा का है।
नारी शक्ति बनाम ढोंगी भक्ति: Aniruddhacharya Women Remarks पर सड़क से कोर्ट तक विरोध

महिला वकीलों ने प्रदर्शन करते हुए सवाल उठाया कि, – “क्या धर्म के नाम पर महिलाओं को अपमानित करना अब पुण्य बन गया है?”अब (Aniruddhacharya Women Remarks ) इस  प्रवचन पर  जनता भी सवाल कर रही है।
बार अध्यक्ष और सचिव भी प्रदर्शन में शामिल हुए और कहा – “धार्मिक मंच से जहर घोलने की छूट नहीं दी जा सकती।”
वायरल वीडियो का ज़हर: Aniruddhacharya Women Remarks से फैला सोशल मिडिया उबाल
हाल ही में वायरल एक वीडियो में अनिरुद्धाचार्य मंच से महिलाओं के लिए जिस स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, उसने न सिर्फ आमजन को हिला दिया, बल्कि Aniruddhacharya के महिलाओं  पर  दिये बयान  ने संतों की साख पर भी कालिख पोत दी।
अब सवाल ये नहीं कि उन्होंने क्या कहा, सवाल ये है कि किस हक़ से कहा?
धर्म के नाम पर गाली? Aniruddhacharya Women Remarks ने खोली ‘संन्यास की संक्रामकता’
जब मंच धर्म का हो और भाषा दलालों जैसी हो, तो धर्म भी शर्मिंदा होता है। अनिरुद्धाचार्य की महिलाओं पर की गई टिप्पणी (Aniruddhacharya Women Remarks) इस बात का प्रतीक बन गया है कि कैसे कुछ तथाकथित साधु, अपने शब्दों से समाज की जड़ों में तेज़ाब भर रहे हैं।
अब देखना है – क्या सिर्फ माफी से काम चलेगा, या फिर कानून भी अपनी ज़ुबान खोलेगा?

 
         
         
         
        