 
                  विज को ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग में भ्रष्टाचार की आशंका. बोले-अफसरों के ट्रांसफर के लिए मंत्रियों के आते हैं फोन. CM Flying को भेजी चिट्ठी.
Chandigarh : हरियाणा के कैबिनेट मंत्री Anil Vij ने अपने तीन विभागों—ऊर्जा, परिवहन और श्रम में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए 7 जुलाई को CM Flying Squad के चीफ को पत्र लिखा है. उन्होंने ऊर्जा विभाग के बिजली निगम और परिवहन विभाग के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) कार्यालयों में भ्रष्टाचार की शिकायतों का हवाला दिया. खास तौर पर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (MVI) और चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर (CEI) की पोस्टिंग के लिए मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से सिफारिशी फोन आने की बात कही. विज को शक है कि ये अधिकारी मोटी रकम लेकर अनुचित कार्य करते हैं क्योंकि ये पद जनता से सीधे जुड़े हैं.
विज के पत्र की दो मुख्य वजहें
- सिफारिशी फोन – विज को MVI और CEI की पोस्टिंग के लिए सिफारिशी कॉल्स आ रहे हैं, जिसमें उनकी पसंद के अधिकारियों को नियुक्त करने का दबाव बनाया जा रहा है.
- भ्रष्टाचार का शक – इन पदों पर बैठे अधिकारी मोटी रकम लेकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. विज ने विभागीय स्तर पर प्रारंभिक जांच में भ्रष्टाचार की शिकायतें पाईं.
संबंधित पदों की जिम्मेदारियां
- मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर – वाहनों की फिटनेस, सुरक्षा और प्रदूषण मानकों की जांच, रजिस्ट्रेशन, बीमा और अन्य दस्तावेजों का सत्यापन. नियम उल्लंघन पर जुर्माना या वाहन जब्त करने की शक्ति.
- चीफ इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्टर – विद्युत सुरक्षा सुनिश्चित करना, इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन का निरीक्षण, बिजली अधिनियमों का पालन, दुर्घटनाओं की जांच और जागरूकता फैलाना.
सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड का काम

ये स्क्वॉड सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को रिपोर्ट करती है और गृह विभाग के अंतर्गत काम करती है जो CM Nayab Singh Saini के पास है. वर्तमान में इसका नेतृत्व IPS सौरभ सिंह कर रहे हैं. इसका काम भ्रष्टाचार की जांच, सरकारी कार्यालयों में छापेमारी और अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई करना है. विज ने इस स्क्वॉड से अपने विभागों में सरप्राइज इंस्पेक्शन करने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.
तबादलों पर लगाई रोक

मंत्री अनिल विज ने पिछले सप्ताह ही अपने तीनों विभागों में तबादलों पर रोक लगा दी थी. क्योंकि सरकार की Online Transfer Policy अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई है. उन्होंने इसे पारदर्शिता के लिए जरूरी बताया.
पहले भी उठी थी गड़बड़ी की बात
अप्रैल 2024 में विज ने श्रम विभाग के Construction Labor Board में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था. वेरिफिकेशन प्रक्रिया में अनियमितता पाई गई जहां दो अधिकारियों ने लगभग 2 लाख लोगों का वेरिफिकेशन किया. इसके लिए एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी बनाई गई जिसे एक महीने में रिपोर्ट देनी थी और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था. ऐसे में Anil Vij की ये कार्रवाई उनके विभागों में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके एक्शन को दर्शाता है.

 
         
         
        