PM Modi के आत्मनिर्भर भारत का नया खाका: GST सुधार, स्वदेशी अभियान और ‘नागरिक देवो भवः’ का मंत्र
Trump की टैरिफ वॉर और फिर H-1B वीज़ा पॉलिसी में बदलाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने रविवार शाम राष्ट्र के नाम संबोधन में आत्मनिर्भर भारत के लिए एक स्पष्ट रोडमैप पेश किया। इस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों, स्वदेशी अभियान और नागरिकों की भूमिका पर विशेष जोर दिया। उनका यह संबोधन न केवल नई नीतियों की घोषणा था, बल्कि जन-चेतना और सामाजिक समर्पण की भावना को जगाने वाला संदेश भी रहा। PM मोदी ने देश की प्रगति के लिए देशवासियों को आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया, जो तभी प्रभावी होगा जब देश का प्रत्येक नागरिक स्वदेशी को अपनाने के लिए अपने कदम आगे बढ़ाएगा और विदेशी उत्पादों पर अपनी निर्भरता को लगभग खत्म कर देगा।
GST सुधार और जनता को राहत
प्रधानमंत्री ने ‘नेक्स्ट जेनरेशन GST’ सुधारों की घोषणा करते हुए इसे ‘GST बचत महोत्सव’ नाम दिया। इसके तहत सोमवार से केवल दो टैक्स स्लैब लागू होंगे, जिससे वस्तुएं और सेवाएं पहले से सस्ती होंगी। इसका सीधा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग को मिलेगा।
उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में GST और आयकर छूट से देशवासियों को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है। इससे बाजार में उपभोक्ता विश्वास और मांग दोनों बढ़े हैं।
PM Modi का स्वदेशी अभियान पर ज़ोर
मोदी ने जनता से अपील की कि सभी भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा, “गर्व से कहो मैं स्वदेशी खरीदता हूं, मैं स्वदेशी बेचता हूं।”
प्रधानमंत्री का मानना है कि भारतीय उत्पाद खरीदना सिर्फ एक आर्थिक कदम नहीं, बल्कि देश की आत्मा और मेहनतकश नागरिकों के सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने राज्य सरकारों से भी निवेश और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
‘नागरिक देवो भवः’ का संदेश
महात्मा गांधी की सोच को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने नागरिकों को देश का देवता बताया। उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से ऊपर उठे हैं और नियो-मिडिल क्लास अब भारत की प्रगति की धुरी बन चुकी है।
सरकार की नीतियां गरीबों, किसानों, महिलाओं और मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को नई उड़ान दे रही हैं।

आत्मनिर्भर भारत का ब्लूप्रिंट
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर अगर स्वदेशी सोच को अपनाएं, तो भारत विकास की गति को और तेज कर सकता है।
उनका आत्मनिर्भर भारत का विजन तीन स्तंभों पर आधारित है:
- GST बचत और कर सुधार
- स्वदेशी उत्पादन और उपभोग
- नागरिक सशक्तिकरण
सामूहिक प्रयास से प्रगति
नवरात्रि के अवसर पर प्रधानमंत्री ने हर नागरिक से अपील की कि वे स्वदेशी अपनाएं और देश की प्रगति में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्य, किसान, व्यापारी, युवा और आम नागरिक – सभी के संयुक्त प्रयास से ही भारत आत्मनिर्भर और समृद्ध बन सकता है।
यह संबोधन एक स्पष्ट संकेत है कि भारत का भविष्य न केवल नीतियों पर, बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और स्वदेशी संकल्प पर भी टिका है।
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