पहलगाम हमले के बाद कितनी सुरक्षित है अमरनाथ यात्रा? क्या है रूट, कितना है खर्चा और कैसी है प्रशासन की तैयारी. जानिए पूरी जानकारी.
Srinagar : 3 जुलाई गुरुवार से Amarnath Yatra शुरू होने जा रही है जिसके लिए पहला जत्था रवाना हो चुका है. 9 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा में श्रद्धालुओं में दोगुना जोश देखा जा रहा है. बम बम भोले के नारों के साथ हुरू होने वाली ये यात्रा 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा तक पहुंचेगी जिसके लिए दो प्रमुख मार्ग हैं. जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. ये यात्रा पहलगाम और बालटाल के माध्यम से आयोजित होती है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद 10% गिरावट

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की मौत के बाद इस साल अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं की गिनती में कुछ गिरावट देखने को मिली है. पिछले साल के मुकाबले इस साल रजिस्ट्रेशन में 10.19% की कमी दर्ज की गई है. फिर भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन, श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) और सुरक्षा बलों ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं.
क्या रहेगा आपका रूट मैप?
बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे हैं तो जान लीजिए कि अमरनाथ गुफा तक पहुंचने के दो रास्ते हैं. पहला रास्ता पहलगाम से शुरू होता है और दूसरा रास्ता बालटाल से. दोनों रास्तों की अपनी खासियतें हैं और चुनौतियां भी.
- पहलगाम वाला रास्ता 48 किलोमीटर लंबा है… इसमें चढ़ाई कम है इसलिए इसे आसान रास्ता माना जाता है. हालांकि ये रूट लंबा है. इससे यात्रा करने में 3 से 5 दिन लग जाते हैं. लेकिन ये पारंपरिक रूट है और सबसे ज्यादा श्रद्धालु इसी रास्ते से जाना पसंद करते हैं. सबसे ज्यादा भीड़ भी इसी रास्ते पर रहती है. श्रीनगर से 92 किमी दूर पहलगाम बेस कैंप से ये यात्रा शुरू हो जाती है.
- दूसरा रास्ता श्रीनगर से 95 किमी दूर बालटाल से शुरू होता है. इस रूट पर सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई तय करके आप अमरनाथ गुफा तक पहुंच सकते हैं. इस रास्ते यात्रा में 1 से 2 दिन लगते हैं. ये रास्ता छोटा जरूर है लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला है जिसमें जोखिम भी ज्यादा है. अगर आपके साथ यात्रा में बच्चे और बुजुर्ग जाने वाले हैं तो इस रास्ते को नजरअंदाज़ ही करें.
रजिस्ट्रेशन प्रोसेस – ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- वेबसाइट jksasb.nic.in पर 14 अप्रैल 2025 से शुरू.
- फीस – ₹220 प्रति यात्री.
- आवश्यक दस्तावेज – आधार/पासपोर्ट/वोटर ID, पासपोर्ट साइज फोटो, कम्पलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट जो कि 8 अप्रैल 2025 के बाद का होना चाहिए.
- पहले रूट चुनें… दस्तावेज अपलोड करें और RFID कार्ड जम्मू/कश्मीर के सेंटर्स से लें.
- eKYC बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य है.
- रोजाना सिर्फ 15,000 रजिस्ट्रेशन.
रजिस्ट्रेशन प्रोसेस – ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
- 30 जून 2025 से शुरुआत.
- फीस – ₹120 प्रति यात्री.
- काउंटर – 533 बैंक शाखाएं (PNB, SBI, J&K Bank, Yes Bank) और जम्मू में 4 केंद्र (रेलवे स्टेशन, सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन महाजन). साधु-संतों के लिए भगवती नगर बेस कैंप में विशेष काउंटर बना है.
- आवश्यक दस्तावेज – वही जो ऑनलाइन के लिए हैं.
- RFID कार्ड – यात्रा शुरू करने से पहले जम्मू/कश्मीर के सेंटर्स से लेना अनिवार्य होगा. इसे पूरी यात्रा में गले में पहनना होगा.
- प्रतिबंध – 13 साल से कम बच्चे, 75 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 6 हफ्ते से ज्यादा गर्भवती महिलाएं यात्रा नहीं कर सकतीं यात्रा.
यात्रा का खर्च कितना होगा?

- बालटाल रूट (दिल्ली से) – ₹15,000-₹20,000/यात्री
- यातायात – दिल्ली से श्रीनगर (फ्लाइट: ₹5,000-₹8,000), श्रीनगर से बालटाल (टैक्सी/बस: ₹1,000-₹2,000).
- रहना – बालटाल में टेंट (₹500/रात), श्रीनगर में होटल (₹1,500-₹3,000/रात).
- अन्य – लंगर में मुफ्त भोजन, पोनी/पालकी (₹2,000-₹5,000 अगर जरूरी हो तो).
- पहलगाम रूट (दिल्ली से) – ₹20,000-₹25,000/यात्री.
- यातायात – दिल्ली से श्रीनगर, श्रीनगर से पहलगाम (टैक्सी/बस: ₹1,000-₹2,000).
- रहना – पहलगाम/चंदनवारी में टेंट (₹500/रात), होटल (₹1,500-₹3,000/रात).
- अन्य – पोनी/पालकी, लंगर में मुफ्त भोजन.
- हेलिकॉप्टर सेवा – इस साल नो-फ्लाई जोन के कारण बंद.
रहने और खाने की व्यवस्था
- रहना – SASB की ओर से पहलगाम, चंदनवारी, शेषनाग, पंचतरणी और बालटाल में टेंट (₹250-₹1,000/रात). जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास (6,000 बेड) और श्रीनगर में होटल.
- खाना – 139 लंगर (लखनपुर से गुफा तक) मुफ्त भोजन प्रदान करते हैं. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और अन्य राज्यों के संगठन लंगर संचालित करते हैं. SASB ने मेन्यू तय किया है.
- अन्य सुविधाएं – मेडिकल ऐड सेंटर (MAC), इमरजेंसी ऐड सेंटर (EAC), 100-बेड हॉस्पिटल (पहलगाम और बालटाल), क्लोकरूम (₹10/24 घंटे) और BSNL सिम (₹230).
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा इंतजाम
- 22 अप्रैल को हुए Pahalgam Attack में बैसारन मीडो में 26 लोग मारे गए, जिसके बाद रजिस्ट्रेशन में 10.19% कमी आई है.
- तीन-स्तरीय सुरक्षा – जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF, BSF, ITBP, SSB और सेना की 581 कंपनियां (लगभग 58,100 जवान) तैनात.
- फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम – पहलगाम और बालटाल रूट पर CCTV और AI-आधारित FRS से संदिग्धों की रियल-टाइम निगरानी.
- RFID ट्रैकिंग – सभी यात्रियों को RFID कार्ड पहनना अनिवार्य होगा जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक होती रहेगी.
- मॉक ड्रिल – जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सेना, CRPF, J&K पुलिस और SDRF ने आपातकालीन ड्रिल की है जिसमें भूस्खलन और आतंकी हमले जैसे परिदृश्य शामिल हैं.
- क्विक रिस्पॉन्स टीमें (QRT), K9 स्क्वॉड, बम डिस्पोजल यूनिट और ड्रोन सर्विलांस तैनात.
- नो-फ्लाई जोन – ड्रोन और हेलिकॉप्टर पर प्रतिबंध (सुरक्षा और हाल के हादसों के कारण).
- काफिला अनिवार्य – निजी वाहनों को भगवती नगर बेस कैंप से काफिले के साथ चलना होगा.
यात्रा से पहले उपराज्यपाल का बयान

अमरनाथ यात्रा शुरब होने से पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि “पहलगाम हमले ने पूरे J&K को प्रभावित किया है, लेकिन हमने मल्टी-लेयर सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित की हैं”. वहीं IG वीके बिरधी का कहना है कि “सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं. FRS और अतिरिक्त जवानों से यात्रा सुरक्षित होगी”.
तीर्थयात्रियों के लिए जरूरी नसीहत
अमरनाथ यात्रा पर आने वाले तमाम तीर्थयात्रियों को अपनी फिजिकल हेल्थ और मेंटल हेल्थ का ध्यान देना जरूरी है. गुफा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर है जहां Oxygen Level काफी कम हो जाता है. ठंड भी ज्यादा होती है इसलिए यात्रा शुरू करने से पहले रोज़ाना 4-5 किमी पैदल चलने की प्रैक्टिस करें. सफर के लिए गर्म कपड़े जैसे थर्मल इनर, जैकेट, दस्ताने, ट्रैकिंग शूज़, रेनकोट, टॉर्च और जरूरी दवाइयां साथ रखें. यात्रा के रूट में हर 2 किमी पर मेडिकल सुविधाओं का इंतजाम किया गया है. इसलिए ऊंचाई पर होने वाली शारीरिक दिक्कतें जैसे सिरदर्द, जी मचलने के लक्षण दिखने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लें.
