 
                  हिमाचल से लेकर यूपी-बिहार तक बाढ़ का खतरा… जलती चिता डूबी. हरियाणा में 10, यूपी में 14 मौत. खतरे के निशान से ऊपर यमुना, IMD का अलर्ट जारी
New Delhi : उत्तर भारत में Monsoon की भारी बारिश ने हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में तबाही मचाई है… सावन का महीना खत्म हो गया लेकिन बारिश और बाढ़ का कहर जारी है. जम्मू-कश्मीर के Kishtwar की तबाही का मंजर अभी लोग भूले भी नहीं हैं कि बाकि राज्योंं में अब नदियां नदियां उफान पर हैं और तांडव करने को बेकरार हैं. सड़कें, घर, गांव के गांव डूब गए हैं. आलम ये है कि कई क्षेत्रों में इमरजेंसी के हालात बने हुए हैं.
हिमाचल प्रदेश में जलती चिता डूबी

Himachal Pradesh में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बिलासपुर जिले में एक हृदयविदारक घटना को जन्म दिया… रविवार, 17 अगस्त को घुमारवीं के पास बकायनी गांव में बारिश और भूस्खलन के कारण एक जलती चिता पानी में डूब गई. स्थानीय लोगों ने तुरंत JCB मशीन मंगाकर मलबा डाला और पानी के बहाव को दूसरी ओर मोड़ा, जिससे चिता को और नुकसान से बचाया गया. बिलासपुर के साथ-साथ मंडी, कांगड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश ने सड़कों, बिजली और पानी की आपूर्ति को बाधित किया. मंडी में 253.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 34% अधिक है. IMD ने 10 जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन का Red Alert जारी किया है.
हरियाणा में उफान पर नदियां

हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण Haryana में यमुना और अन्य नदियां उफान पर हैं… रविवार शाम 4 बजे हथिनीकुंड बैराज पर यमुना का जलस्तर 1,78,996 क्यूसेक तक पहुंच गया. बैराज के सभी 18 गेट खोल दिए गए, जिससे नदी का पानी दिल्ली की ओर बढ़ा और अब दिल्ली में बाढ़ के हालात बनते जा रहे हैं. Haryana के करनाल, पानीपत, यमुनानगर, अंबाला और कुरुक्षेत्र में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. 10 लोगों की मौत और 14,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. यमुना के किनारे बसे गांवों में हजारों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई.
दिल्ली में बाढ़ का खतरा

Delhi में यमुना नदी का जलस्तर पुराने रेलवे पुल पर 204.80 मीटर तक पहुंच गया जो खतरे के निशान (204.5 मीटर) से ऊपर है… प्रशासन ने यमुना से सटे निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, गीता कॉलोनी और कश्मीरी गेट में High Alert जारी किया है. सड़कों पर जलजमाव, ट्रैफिक जाम और रेड फोर्ट व राजघाट जैसे क्षेत्रों में पानी घुस गया है. दिल्ली सरकार ने गैर-जरूरी सरकारी दफ्तरों और स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया. NDRF, दिल्ली फायर सर्विस और पुलिस ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सैकड़ों लोगों को निकाला.
उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में बाढ़

UP के 20 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं… गंगा, यमुना और शारदा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बुदायूं के कछला ब्रिज पर गंगा का जलस्तर लाल निशान को पार कर गया. सहारनपुर, बुदायूं, मुरादाबाद, बलिया, प्रयागराज, वाराणसी समेत 20 जिले प्रभावित. 2.31 लाख लोग प्रभावित, जिसमें सहारनपुर में 2.27 लाख शामिल हैं. खबरों की मानें तो पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 14 लोगों की मौत हुई है. NDRF और SDRF टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.
MP के 14 जिलों में भारी बारिश का Alert

मध्य प्रदेश के 14 जिले जिनमें देवास, हरदा, खंडवा, बुरहानपुर, भोपाल, रायसेन, सीहोर, इंदौर, धार, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, उज्जैन और खरगोन शामिल हैं, इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. IMD ने इन क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ का खतरा जताया है. बरगी और सरदार सरोवर डैम से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा है. खेत जलमग्न, सड़कें बंद, और कई गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित है.
सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
- हिमाचल प्रदेश – CM सुखविंदर सिंह सुखु ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और 2 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत राशि की घोषणा की.
- हरियाणा और पंजाब – दोनों राज्यों में 21 मौतें हुईं और 14,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
- राजधानी दिल्ली: दिल्ली सरकार ने यमुना के किनारे बस्तियों को खाली करने और राहत शिविर स्थापित करने के निर्देश दिए.
- उत्तर प्रदेश – CM योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए हाई-लेवल कमेटी गठित की.
- मध्य प्रदेश – CM मोहन यादव ने जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए.
IMD ने जारी की चेतावनी

- हिमाचल – 20 अगस्त तक भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी.
- हरियाणा और दिल्ली – यमुना का जलस्तर अगले 24 घंटों में और बढ़ सकता है.
- UP और MP – 19-20 अगस्त तक मूसलाधार बारिश का अनुमान.
खबरीलाल का आपके लिए सुझाव
- नदियों और नालों के किनारे से दूर रहें.
- भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा से बचें.
- स्थानीय प्रशासन और IMD की चेतावनियों का पालन करें

 
         
         
        