 
                  सपा सांसदों के साथ मस्जिद में अखिलेश की मीटिंग से बढ़ा विवाद. डिप्टी CM बोले- नमाजवादी. अखिलेश बोले- ‘भाजपा का हथियार है धर्म’
New Delhi : Monsoon Session को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा बरपा है. विपक्ष की मांग पर सरकार हर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है लेकिन काला कपड़ा हाथ में लिए ‘इंडी गठबंधन’ वाले संसद पर ब्रेक लगाकर बैठे हैं. वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के शहज़ादे अखिलेश यादव संसद की कार्यवाही को स्थगित करवाने का जश्न पास की मस्जिद में मनाते दिखे. सपा प्रमुख की संसद के बगल वाली मस्जिद में अपने सांसदों के साथ मीटिंग ने अब एक नए विवाद को जन्म दे दिया है.
‘समाजवादी नहीं नमाजवादी अखिलेश’

ये तस्वीर मानसून सत्र के दूसरे दिन यानि मंगलवार की है जब संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद Akhilesh Yadav टहलते हुए पास की मस्जिद में मीटिंग करने चले गए. अब सपा प्रमुख की इस Masjid Meeting को लेकर नया सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है. उत्तर प्रदेश के Deputy CM Brajesh Pathak ने अखिलेश यादव को ‘समाजवादी’ की जगह ‘नमाजवादी’ कहकर नई उपाधि दी है.
मस्जिद मीटिंग पर वार पलटवार
डिप्टी सीएम ने कहा, “संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा है कि धर्म का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता, लेकिन सपा मुखिया हमेशा संविधान का उल्लंघन करते रहे हैं. उन्हें संविधान पर भरोसा नहीं है”. अब आलोचना हुई तो पलटवार करने खुद Akhilesh Yadav मैदान में उतरे और कहा, “आस्था जोड़ती है… जो आस्था जोड़ने का काम करती है, हम उसके साथ हैं, लेकिन भाजपा चाहती है कि कोई न जुड़े और दूरियां बनी रहें. हम सभी धर्मों में आस्था रखते हैं. भाजपा का हथियार धर्म है”.
मस्जिद देखने से हुई विवाद की शुरुआत

दरअसल मंगलवार को जब संसद की कार्यवाही स्थगित हुई थी तब Akhilesh Yadav अपने सांसदों के साथ बैठे थे… इसी दौरान रामपुर से सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने उस मस्जिद के बारे में बताया, जहां वे इमाम हैं. अखिलेश ने पूछा कि मस्जिद यहां से कितनी दूर है? मोहिबुल्ला नदवी ने जवाब दिया, “बस सड़क के उस पार है”. इसके बाद कार्यवाही स्थगित होने के कारण Akhilesh Yadav अपने सांसदों के साथ नदवी के साथ मस्जिद देखने चले गए और कुछ देर तक वहां रुके रहे.
भाजपा को मिला नया हथियार
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष Jamal Siddiqui ने कहा, “मस्जिद को सपा कार्यालय की तरह इस्तेमाल किया गया”… इसी के साथ जमाल सिद्दीकी ने Delhi CM Rekha Gupta और Delhi Waqf Board से मोहिबुल्ला नदवी को मस्जिद के इमाम पद से हटाने की मांग की है. ज़ाहिर तौर पर Akhilesh Yadav की मस्जिद मीटिंग नें भाजपा और केंद्र सरकार को नया हथियार दे दिया है जिसे अब उनके खिलाफ भरपूर तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा और जवाब में Akhilesh Yadav भी हमेशा की तरह धर्म और आस्था का कार्ड खेलते नजर आएंगे.

 
         
         
        