 
                                                      
                                                Akhilesh in Kannauj का नया वादा, राजनीति अब प्रतिमाओं में घुसी!"
Akhilesh in Kannauj दौरे में समाजवादी पार्टी के मुखिया ने सोने की मूर्तियों से लेकर सरकारी नालों तक पर तंज कसे। प्रेस वार्ता में भाजपा को हर मोर्चे पर घेरा और ठेकेदारों की ‘दर्दभरी डायरी’ का पन्ना भी खोल दिया। कन्नौज से लखनऊ जाते हुए राजनीति की ज़मीन गर्म कर दी।
कन्नौज से रिपोर्ट। ब्यूरो चीफ- हिमांशु तिवारी

मूर्ति में अब कांसा नहीं, खरा सोना चढ़ेगा:
Akhilesh in Kannauj: कन्नौज की सियासी फिजा उस वक्त सुनहरी हो गई जब Akhilesh  yadav Kannauj पहुंचे और बोले – “हमारी सरकार आई तो रानी अहिल्याबाई होल्कर की मूर्ति सोने की लगेगी।” ऐसा लगा मानो उन्होंने सिर्फ मूर्ति नहीं, पूरा बजट ही ठोक दिया हो।
बगल में बैठे नेता भी एक-दूसरे की शक्ल देखने लगे, जैसे पूछ रहे हों – सोना असली वाला या सियासी वादा वाला?
इतना ही नहीं, अखिलेश ने बताया कि मूर्तियां सिर्फ रानी की नहीं होंगी, हर्षवर्धन महाराज भी सोने में रंगाएंगे – यानी अब सपा सरकार आए तो कन्नौज में मूर्ति दर्शन से सीधा अमृतकाल मिलेगा।
ठेकेदार का ‘चढ़ावा’ और भाजपा की ‘खंभा उपलब्धि’:
अखिलेश ने ठेकेदारों के हालात पर ऐसा तंज मारा कि इंजीनियरिंग विभाग की आत्मा भी हिल गई। बोले – “ठेकेदार को ऊपर से नीचे तक चढ़ावा देना पड़ता है, अब वो क्वालिटी कहां से लाए?”
इधर ठेकेदारों ने राहत की सांस ली – चलो, कम से कम किसी ने हमारा दुख तो समझा।
फिर सरकार की “11 साल बेमिसाल” वाली चिप पर तंज कसते हुए बोले – “सड़क हमने बनाई, खंभा इन्होंने गाड़ दिया, और बोलते हैं – देखो हमारी विकास यात्रा!”
ऑपरेशन सिन्दूर से लेकर नाला निर्माण तक: हर मुद्दे पर गोलाबारी
ऑपरेशन सिन्दूर पर बोले – “लगता है अब भाजपा घर-घर जाकर माफी मांग रही है!”
जातियों में लड़वाने का मुद्दा छेड़ते हुए कहा – “भाजपा को मौका मिले तो समाज में तकरार फैलाने में ये लोग सबसे आगे दौड़ते हैं।”
फिर जरियापुर का नाला देखकर बोले – “ठीक है, नाला बनाओ… लेकिन सड़क भी सही बनाओ वरना लोग इसी में बह जाएंगे – वोट भी और उम्मीदें भी।”
Akhilesh in Kannauj बोले: भाजपा ने सिर्फ समाजवादी कामों को रोका
अखिलेश ने आरोप लगाया – “कन्नौज में भाजपा ने सिर्फ सपा के कामों को रोकने का 8 साल का रिकॉर्ड बना लिया है।”
इतना ही नहीं, कहा – “11 साल केंद्र में और 8 साल यूपी में – दोनों सरकारें मिलकर सिर्फ समाजवादी योजनाओं को ठप करने का ‘डबल इंजन स्टंट’ दिखा रही हैं।”
अखिलेश का दौरा मूर्ति दर्शन से शुरू हुआ, ठेकेदारों की पीड़ा से गुज़रा, खंभों पर चढ़कर भाजपा को घेरा और सिन्दूर में डुबकी लगाते हुए राजनीति के जल में गोते लगाता निकल गया।
अगर इतनी बातें सोने की मूर्ति के वादे से निकल सकती हैं, तो सोचिए सरकार आ जाए तो क्या-क्या सोने में नहलेगा!

 
         
         
         
        