पाकिस्तान का साथ देना अब तुर्की,अजरबैजान,चीन को पड़ेगा भारी!

भारत के खिलाफ आजकल एक नया मोर्चा उभर रहा है। ये मोर्चा है थ्री बदर्स का। इस मोर्चे में पाकिस्तान,तुर्किये और अजरबैजान शामिल हैं। ये मोर्चा भारत के खिलाफ लामबंदी कर रहा है। पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ रणनीति तैयार कर रहा है। लेकिन ये देश शायद भूल रहे हैं कि, भारत से मोर्चा लेना इनके बूते की बात नहीं है। भारत जैसे चट्टान से टकराने के बाद इनका चूर-चूर होना तय है।
भारत के खिलाफ बना रहे रणनीति
पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भी ये दोनों देश भारत के खिलाफ खड़े थे। तुर्किये अपने हथियार और सैन्य साजो सामन पाकिस्तान को मुहैया करा रहा था। वहीं अजरबैजान राजनीतिक रूप से पाकिस्तान को समर्थन दे रहा था। कश्मीर के मुद्दे पर ये दोनों देश पाकिस्तान के साथ खड़े दिखाई पड़ चुके हैं। अब बारी भारत की है, लिहाजा हिंदुस्तान ने इन दोनों देशों का इलाज करना शुरू कर दिया है।आखिर भारत इनका इलाज कैसे कर रहा है चलिये बताते हैं।

तुर्की- अजरबैजान की रीढ़ तोड़ने की तैयारी
भारत से हर साल लाखों सैलानी तुर्की और अजरबैजान पर्यटन के लिए जाते हैं। जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को काफी बूस्ट मिलता है। लिहाजा भारत ने इन देशों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन पर ही प्रहार करने की तैयारी शुरू कर दी है। भारत के सैलानी अब इन देशों की यात्रा रद्द करवा रहे हैं। आकंड़ों पर अगर नजर डालें, तो ये दोनों ही देश भारतीय सैलानियों से हर साल कई करोड़ रुपये कमाते हैं।

पिछले साल के आंकड़ें की बात करें तो भारतीय सैलानियों ने चार हजार करोड़ से ज्यादा की रकम यहां के बाजारों में खर्च की थी। इससे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि, किस कदर भारत से इन देशों को परोक्ष रुप से ही आर्थिक सपोर्ट मिलता था। लेकिन अब भारत ने इसी कड़ी पर तगड़ा प्रहार करना शुरू कर दिया है। भारतीय सैलानी और टूरिस्ट लगातार इन देशों की अपनी यात्रा कैंसिल करा रहे हैं। जिससे तुर्की और अजरबैजान की हालत पतली हो गई है।
सोशल मीडिया पर चल रहा बायकॉट का दौर
सोशल मीडिया पर भी तुर्किए और अजरबैजान बायकॉट ट्रॉप ट्रेंडिग में चल रहा है। इधर भारत की ट्रैवल कंपनियों ने भी तुर्किए और अजरबैजान के लिए ट्रैवल बुकिंग को पूरी तरह बंद कर दी है। इसके साथ ही गोवा विलास ने भी तुर्किए और अजरबैजान के नागरिकों के लिए अपने होटल की बुकिंग बंद कर दी है। ट्रैवल एजेंसी भारत के लोगों से इन देशों की जगह ग्रीस और अर्मेनिया की यात्रा करने की अपील कर रहे हैं।

तुर्की का भारत कर रहा खास इलाज
तुर्की को सबक सिखाने के लिए भारत उसके दुश्मन ग्रीस के साथ अपने रिश्तों को मजबूत कर रहा है। उसे वो हर संभव मदद मुहैया करा रहा है। जिससे तुर्की को जवाब दे सके। आर्थिक मदद के साथ-साथ ग्रीस को सैन्य सहयोग करने में भी भारत पीछे नहीं है। यहां बता दें कि, जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव रहता है। वैसे ग्रीस और तुर्की के बीच भी हमेशा तनाव के हालत बने रहते हैं। तुर्की को काउंटर करने के लिए ही भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साइप्रस का मुद्दा उठाता रहता है। यही नहीं भारत तुर्की को अब अपने बाजार में प्रवेश भी नहीं करने दे रहा है। जिससे उसकी टेंशन बढ़ गई है।

अजरबैजान को काउंटर कर रहा भारत
पाकिस्तान का साथ दे रहे अजरबैजान को सबक सिखाने के लिए भारत उसके सबसे बड़े दुश्मन आर्मेनिया को हथियार मुहैया करा रहा है। यहां ये बता देना जरूरी है कि, भारत ने आर्मेनिया से इन हथियरों की सप्लाई के लिए एडवांस पैसे भी नहीं लिये हैं। भारत का इन हथियारों को देने का केवल एक मकसद अजरबैजान को सबक सिखाना है। बता दें कि,अजरबैजान और आर्मेनिया में नागोर्नो काराबाख को लेकर काफी लंबे समय से दुश्मनी चली आ रही है।
चीन का भी पक्का इलाज जरूरी है
भारत को तुर्की, अजरबैजान की तरह चीन का भी पक्का इलाज करना चाहिए। चीन के साथ व्यापार और दूसरे संबंधों को खत्म कर देना चाहिए। भारत ने एक बार इसे लेकर कदम भी उठाया था,लेकिन चीन को जैसा सबक सिखाने की जरूरत है,वैसा अभी तक कुछ नहीं किया गया है। भारत सरकार को चाहिए कि, पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करने वाले चीन को भी सबक सिखाये। हालांकि भारत चीन के विरोधी ताइवान को सपोर्ट कर चीन को घेरने की कोशिश करता है। लेकिन ताइवान की इतनी बिसात नहीं है कि,वो चीन का मुकाबला कर सके।

लिहाजा भारत को अपने स्तर पर चीन के खिलाफ मोर्चेबंदी करनी चाहिए। भारतीय बाजारों में चीन के सामान की बिक्री पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। और चीन से किसी भी तरह के राजनीतिक या कूटनीतिक संबंध नहीं रखना चाहिए।
पाकिस्तान से तोड़ दें सारे रिश्तें
जहां तक पाकिस्तान की बात है, तो भारत सरकार ने अभी जो किया है,उस कदम की सराहना की जानी चाहिए। लेकिन अभी कुछ और ठोस कदम उठाने की जरूरत है । जिससे की पाकिस्तान की कमर तोड़ी जा सके। इसके लिए पाकिस्तान से हमेशा के लिए हर तरह के रिश्ते खत्म कर देने चाहिए। अपने दूतावास को पाकिस्तान में बंद कर देना चाहिए। व्यापार या किसी भी प्रकार की मानवीय सहायता पाकिस्तान को मुहैया नहीं करानी चाहिए। और विश्व मंच पर कुछ ऐसा करना चाहिए कि, पाकिस्तान पर आतंकवादी देश का तमगा हमेशा के लिए लग जाए। और कोई भी देश पाकिस्तान के साथ व्यापार न कर सके।
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