MP HC: वयस्क विवाहित महिला ,अपनी मर्जी से किसी भी व्यक्ति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र
मध्य प्रदेश से एक बड़ी ख़बर सामने आई है, दरअसल मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP HC) ने महिलाओं की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर एक अहम और दूरगामी फैसला सुनाया है। अदालत ने साफ कहा है कि यदि कोई महिला वयस्क है, तो वो चाहे विवाहित ही क्यों न हो, अपनी मर्जी से किसी भी व्यक्ति के साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। MP HC ने इसे संविधान से प्रदत्त मौलिक अधिकार बताते हुए कहा कि इस पर पारिवारिक या सामाजिक दबाव के आधार पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
ये महत्वपूर्ण टिप्पणी MP HC की इंदौर खंडपीठ द्वारा एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान की गई। सवाई माधोपुर निवासी धीरज नायक ने अपने अधिवक्ता जितेंद्र वर्मा के माध्यम से याचिका दायर कर कहा था कि संध्या नामक महिला अपनी इच्छा से उसके साथ रहना चाहती है, लेकिन उसके माता-पिता उसे जबरन अपने पास रखे हुए हैं और उसकी स्वतंत्रता में बाधा डाल रहे हैं।
MP HC में महिला का बयान दर्ज
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पुलिस सुरक्षा के बीच महिला को MP HC के समक्ष पेश किया गया। अदालत में दिए गए बयान में महिला ने स्पष्ट रूप से कहा कि वो बालिग है और अपनी इच्छा से धीरज नायक के साथ रहना चाहती है। उसने ये भी आरोप लगाया कि उसके माता-पिता उसकी मर्जी के खिलाफ उसे घर में रोके हुए हैं और उस पर मानसिक दबाव बना रहे हैं।

माता-पिता की दलील पर MP HC की टिप्पणी
महिला के माता-पिता की ओर से दलील दी गई कि उसकी पहले से शादी हो चुकी है, इसलिए उसे अपने पति के साथ ही रहना चाहिए। उन्होंने परिवार और समाज की मर्यादाओं का हवाला दिया। इस पर MP HC ने कहा कि कानून की नजर में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि महिला वयस्क है और अपने फैसले स्वयं लेने में सक्षम है। विवाह किसी महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को समाप्त नहीं करता।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बताया मौलिक अधिकार
MP HC ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि जीवन के चुनाव और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार संविधान द्वारा संरक्षित मौलिक अधिकार है। यदि कोई वयस्क महिला अपनी इच्छा से किसी अन्य व्यक्ति के साथ रहना चाहती है, तो उसे रोका नहीं जा सकता। अदालत ने ये भी ध्यान में रखा कि इससे पहले महिला के बयान न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष भी दर्ज किए जा चुके थे, जिसमें उसने लगातार यही कहा था कि उसे जबरन माता-पिता के नियंत्रण में रखा गया है।
महिला को पसंद के व्यक्ति के साथ रहने की अनुमति
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद MP HC ने महिला को याचिकाकर्ता धीरज नायक के साथ रहने की अनुमति दे दी और उसकी सुपुर्दगी भी उसे सौंप दी। साथ ही पुलिस को निर्देश दिए गए कि दोनों को सुरक्षित रूप से सवाई माधोपुर तक पहुंचाया जाए, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी न हो।
ये फैसला महिलाओं की आज़ादी, सहमति और व्यक्तिगत अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। MP HC के इस निर्णय से ये साफ संदेश गया है कि वयस्क महिला की इच्छा सर्वोपरि है, चाहे वो विवाहित हो या अविवाहित, और उस पर पारिवारिक या सामाजिक दबाव नहीं थोपा जा सकता।
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