 
                  Banda Gutkha Factory -बांदा में पुलिस ने एक अवैध गुटखा फैक्ट्री पकड़ी है। गायत्री नगर मोहल्ले में संचालित फैक्ट्री से पुलिस ने 18 लाख रुपये का गुटखा और सामग्री जब्त की है। फैक्ट्री संचालक प्रमोद गुप्ता और उसका साथी सुरेंद्र फरार हैं।
बांदा में पुलिस ने पकड़ी अवैध गुटखा फैक्ट्री,लेकिन मालिक फरार
बांदा पुलिस ने आखिरकार वो कर दिखाया, जो आज़ादी के बाद भी कई बार सपना ही रह गया था — नहीं, किसी डकैत को नहीं पकड़ा… न किसी माफिया का एनकाउंटर किया… बल्कि उससे भी बड़ा कारनामा किया है — एक अवैध गुटखा फैक्ट्री पर छापा मार दिया!
जी हाँ, आप सही पढ़ रहे हैं — गुटखा फैक्ट्री!
अरे भैया, गुटखा! वही जो हर पान की दुकान पर दो रुपये में बिकता है और हर दीवार पर कलाकारी कर जाता है।
Banda Gutkha Factory- इतिहास रचने वाला छापा!
शहर कोतवाली क्षेत्र के गायत्री नगर मोहल्ले में जब पुलिस टीम ने दबिश दी तो एक बड़े अपराध का भंडाफोड़ हो गया — एक मकान के अंदर अवैध रूप से गुटखा बनाने की फैक्ट्री चल रही थी। मौके से करीब 18 लाख रुपये का माल बरामद किया गया। दो लोग गिरफ्तार भी हुए। लेकिन असली खिलाड़ी, फैक्ट्री संचालक प्रमोद कुमार गुप्ता और उसका सहयोगी सुरेंद्र, मौके से फुर्र!
अब पुलिस बड़ी गंभीरता से बयान दे रही है — “फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।”
मतलब जैसे पुलिस अब चंद्रयान-4 मिशन में व्यस्त हो।
Banda Gutkha Factory- पुलिस की महान उपलब्धि पर जनभावना
शहर की जनता अब राहत की सांस ले रही है। लोग कह रहे हैं:
“चलो भाई, बड़े अपराधी हाथ नहीं आए तो क्या, गुटखे वाला ही सही! आखिर पुलिस भी तो कुछ कर रही है।”
वैसे डकैतों और हिस्ट्रीशीटरों को पकड़ने में पुलिस की गाड़ी अक्सर ‘जांच चल रही है’ वाले स्पीड ब्रेकर पर फँस जाती है। लेकिन इस बार काम हो गया — भले ही प्रमोद और सुरेंद्र अब भी गायब हैं।
गायत्री नगर में वर्षों से चल रहा था कारोबार
मोहल्ले वालों का कहना है कि फैक्ट्री कोई रातोंरात नहीं बनी। वर्षों से मशीनें चल रही थीं, पैकिंग हो रही थी, माल सप्लाई हो रहा था। 
लेकिन पुलिस को भनक अब लगी — जब सोशल मीडिया पर सुगबुगाहट हुई, तब जाकर खाकी हरकत में आई।
Banda Gutkha Factory-अब गिरफ्तारी ‘जारी’ है…
पुलिस का दावा है कि “अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है।”
अब टीम गठित है, दारोगा जी की चाय चल रही है, थाने में मंथन जारी है — और उधर प्रमोद जी शायद अगली यूनिट प्लान कर रहे होंगे।
जनता भी जानती है, “जब तक मामला ठंडा नहीं पड़ेगा, तब तक कोशिश गर्म रहेगी। फिर वही ढाक के तीन पात।”
Banda Gutkha Factory- सवाल सिर्फ गुटखे का नहीं है…
इस अवैध गुटखा फैक्ट्री ने सिर्फ कानून नहीं तोड़ा, बल्कि जनता की सेहत से खिलवाड़ किया। घटिया केमिकल, सड़ा हुआ तंबाकू, जहरीली सुगंध — सबकुछ इन पैकेटों में भरकर बेचा गया।
साहसिक पुलिसिंग की नई परिभाषा!
बांदा पुलिस ने दिखा दिया है कि “अगर ठान लो तो कुछ भी मुमकिन है!”
डकैत, माफिया, गुंडे — सब अपनी जगह, लेकिन इस बार कम से कम गुटखा तो पकड़ा!
हमें उम्मीद है कि अगली बार शायद नकली नमकीन बनाने वाला या पान-मसाले में कार्डबोर्ड भरने वाला भी पुलिस की नजर में आ जाएगा।
लेकिन तब तक जनता को बस एक ही बात कहनी है —
“शाबाश बांदा पुलिस! असली अपराधी नहीं तो नकली गुटखा वाला ही सही!”

 
         
         
         
        