 
                  Selja Hooda Comes Together. चुनाव के बाद पहली बार साथ दिखे हुड्डा और सैलजा. हंसती दिखीं सैलजा, गंभीर दिखे पूर्व सीएम हुड्डा
Rohtak : हरियाणा के जिला रोहतक में आज ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी. दरअसल 29 जून को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री Bhupender Hooda और सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा एक साथ नजर आए. रविवार को रोहतक शहर में पूर्व सीएम हुड्डा की भाभी राजवती हुड्डा के निधन पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कुमारी सैलजा भी शामिल हुईं. 9 महीने बाद हुई इस मुलाकात में दोनों नेता एक सोफे पर आस-पास बैठे हुए थे और आपस में बातचीत भी करते नजर आए. उनके बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह भी मौजूद थे. तस्वीर में सैलजा और बीरेंद्र सिंह हंसते हुए दिखे जबकि हुड्डा हमेशा की तरह शांत और गंभीर अवस्था में ही दिखे. हरियाणा के सीएम नायब सैनी और योग गुरू बाबा रामदेव ने भी रोहतक जाकर पूर्व सीएम हुड्डा की भाभी के निधन पर शोक व्यक्त किया और श्रद्धांजलि अर्पित की.
राहुल ने हाथ मिलवाए, पर दिल नहीं मिल पाए?

इससे पहले 4 जून 2025 को कांग्रेस नेता Rahul Gandhi के हरियाणा दौरे के दौरान भी दोनों एक साथ थे लेकिन उस वक्त उनकी कोई साझा तस्वीर सामने नहीं आई थी. इससे पहले 2 अक्टूबर 2024 को विधानसभा चुनाव से पहले अंबाला में दोनों कांग्रेसी नेता एक मंच पर दिखे थे जहां राहुल गांधी ने दोनों के बीच गुटबाजी खत्म करने के लिए हाथ मिलवाए थे.
हुड्डा-सैलजा का एक साथ आना क्यों है खास?

दरअसल 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद पूर्व सीएम हुड्डा और कुमारी सैलजा की ये साझा तस्वीर अहम इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि जल्द ही कांग्रेस में संगठन विस्तार होने वाला है. चुनाव के दौरान दोनों के बीच तनाव किसी से छिपा नहीं था. सैलजा ने अनुसूचित जाति से मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई थी जबकि हुड्डा सीएम पद के सबसे बड़े दावेदार थे. सैलजा की उस मांग से हुड्डा समर्थक नाराज हो गए थे. वहीं सैलजा ने अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की कोशिश की थी लेकिन 90 में से 72 टिकट हुड्डा समर्थकों को मिले. इससे सैलजा नाराज हो गईं थीं. एक सीट पर तो सैलजा की ओर से घोषित उम्मीदवार का टिकट काट कर हुड्डा समर्थक को दिया गया था. इसी के साथ हुड्डा समर्थकों ने सैलजा के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी भी की थी जिससे नाराज होकर सैलजा ने चुनाव प्रचार छोड़ दिया और घर बैठ गईं थीं. और खामियाजा हरियाणा कांग्रेस को हार के साथ चुकाना पड़ा था.
Rahul Gandhi का संगठन विस्तार पर जोर

4 जून 2025 को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चंडीगढ़ के कांग्रेस भवन में सीनियर नेताओं के साथ अहम बैठक की थी जिसमें साफ कहा कि संगठन विस्तार में किसी नेता की सिफारिश नहीं चलेगी और गुटबाजी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जिलाध्यक्षों के लिए 35 से 55 साल की आयु सीमा तय की गई है. नए चेहरों, नामी खिलाड़ियों या समाजसेवियों को भी जिलाध्यक्ष बनने का मौका मिल सकता है. संगठन विस्तार के लिए राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस को 30 जून तक की डेडलाइन भी दी थी जिसमें अब बस एक दिन बचा है. अब देखने वाली बात ये होगी कि 30 जून तक वाकई हरियाणा कांग्रेस का विस्तार हो पाता है या नहीं.

 
         
         
        