Why is the government and administration helpless in front of illegal mining in Himachal
Himachal Mining Mafia: रेत-पत्थर के अवैध खनन का खेल कब बंद करेंगे सरकार?
रिपोर्टर: आदित्य श्रीवास्तव (हिमाचल ब्यूरो)
Himachal Mining Mafia: हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के पास बहने वाली नेउगल नदी एक बार फिर अवैध खनन का केंद्र बन गई है। जिला प्रशासन की सख्त हिदायतों और चेतावनियों के बावजूद लोग रेत और पत्थर निकालने के लिए नदी में घुस रहे हैं। बरसात के मौसम में अचानक बाढ़ आने का खतरा होने के बावजूद लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
थुरल क्षेत्र में शुक्रवार (27 जून) सुबह एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को नदी के तेज बहाव में फंसे हुए देखा गया। यह वाहन उस समय नदी में फंसा जब अवैध रूप से रेत और पत्थर निकाले जा रहे थे। यह घटना इस बात का सबूत है कि खनन क्षेत्रों में कितनी गंभीर स्थिति बनी हुई है, जहाँ कभी भी जलस्तर अचानक बढ़ सकता है।
मानसून आया…बैन क्यों नहीं लगाया?
हिमाचल में हर साल मानसून से पहले नदियों में खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है…लेकिन इस साल अब तक खनन विभाग ने कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया है। प्रशासन की यह लापरवाही एक बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। हाल ही में धर्मशाला के पास मुआयुनी खड्ड में बाढ़ के कारण 15 मज़दूरों की मौत हो चुकी है, लेकिन लगता है विभाग ने उससे कोई सबक नहीं लिया।
कांगड़ा पुलिस जागी…अब होगा एक्शन?
हिमाचल में अवैध खनन के वीडियो वायरल हुए। मामला पुलिस के सामने उठाया गया तो अब पुलिस सख्त एक्शन के दावे कर रही है। कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस की कई चेतावनियों के बावजूद बुधवार को कुछ लोग नेउगल नदी में खनन करते हुए पाए गए। पुलिस ने इस मामले में संज्ञान लिया है और दोषियों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश मिनरल एंड माइनिंग एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने खनन माफिया को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि नियम तोड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा।

रेत का लालच जान पर भारी
यह पहली बार नहीं है जब पालमपुर के पास बहने वाली नेउगल नदी में ऐसी स्थिति बनी है। दो साल पहले भी थुरल के पास रात के समय रेत निकालने गए 9 लोग अचानक आई बाढ़ में फँस गए थे, जिन्हें एनडीआरएफ, सेना और पुलिस बलों ने कड़ी मशक्कत से बचाया था।
ग्रामीणों ने की फौरन पूर्ण प्रतिबंध की मांग
पालमपुर और आसपास धड़ल्ले से जारी रेत के अवैध खनन के खिलाफ अब आवाज भी बुलंद होने लगी है। बेकाबू अवैध खनन के खिलाफ अब स्थानीय लोग मुखर हो गए हैं। ग्रामीणों ने थुरल और सुलाहा क्षेत्रों में नदियों और नालों में हो रहे खनन पर तत्काल और पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि नेउगल नदी केवल पानी का स्रोत नहीं, बल्कि जीवन और आजीविका का आधार है — और यह खनन इसे गंभीर खतरे में डाल रहा है।
हालांकि सरकार का दावा है कि वो पूरी चौकस है। प्रशासन को सख्त निर्देश हैं कि हिमाचल को नुकसान पहुंचाने वाले अवैध खनन माफियाओं को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाए और ऐसे मामलों में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। अवैध खनन के काले खेल के लिए हिमाचल की मौजूदा कांग्रेस सरकार पिछली बीजेपी सरकार को भी जिम्मेदार ठहराती है।
