Shubhanshu Shukla ने रचा इतिहास, अब करेंगे असली काम !
Shubhanshu Shukla News Update
भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में प्रवेश कर भारत का परचम लहरा दिया है. एक्सिओम-4 मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्रियों ने 26 जून 2025 को ISS में कदम रखा, जहां स्टेशन के क्रू मेंबर्स ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. स्वागत के बाद अंतरिक्ष यात्रियों ने ह्यूस्टन में मिशन नियंत्रण कक्ष की ओर हाथ हिलाकर अपनी खुशी जाहिर की, जिसका वीडियो भी सामने आया है.
स्पेस स्टेशन में हुआ जोरदार स्वागत
AXIOM 4 मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने भारतीय समयानुसार शाम 5:44 बजे अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया. मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला व्हिटसन के पीछे थे. शुभांशु के साथ पोलैंड के सावोज उज्नांस्की और हंगरी के टिबोर कापू का भी ISS में जोरदार स्वागत किया गया, इस दौरान चारों मेहमानों को वेलकम ड्रिंक दी गई. AXIOM 4 मिशन की कमांडर व्हिटसन इस दल की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं. वो अपनी पांचवीं अंतरिक्ष उड़ान पर हैं, व्हिटसन ने इस मौके पर कहा, “हम यहां पहुंचकर बहुत खुश हैं. एकांत में रहने का ये लंबा समय था.”

ISS में क्या करेंगे Shubhanshu Shukla ?
शुभांशु शुक्ला 14 दिनों तक ISS में रहेंगे और वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे. वे 60 प्रयोगों में से 7 का नेतृत्व करेंगे, जिसमें मांसपेशियों का पुनर्निर्माण, अंकुरों की वृद्धि, और अल्पगुरुत्वाकर्षण में मानव-इलेक्ट्रॉनिक संपर्क शामिल हैं, शुभांशु शुक्ला ISS में मिशन पायलट के रूप में डॉकिंग और समन्वय की जिम्मेदारी भी निभाएंगे.
नासा का बयान और मिशन की खासियत
नासा के अनुसार, स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान 26 जून 2025 को सुबह 6:31 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे) ISS पर पहुंचा. अंतरिक्ष यान की डॉकिंग प्रक्रिया भारतीय समयानुसार दोपहर 4:15 बजे पूरी हुई. इस दौरान अंतरिक्ष यान और ISS के बीच संचार और ऊर्जा संपर्क स्थापित किया गया. डॉकिंग के बाद यान और स्टेशन को 12 हुक सेट के जरिए जोड़ा गया, जिसके बाद हैच खोलने की प्रक्रिया में लगभग 1 घंटा 45 मिनट का समय लगा.
शुभांशु शुक्ला: ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय
शुभांशु शुक्ला ISS में प्रवेश करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं. वो अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय हैं. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में आठ दिन बिताकर देश का नाम रोशन किया था. शुभांशु का ये मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है.
एक्सिओम-4 मिशन का महत्व
एक्सिओम-4 मिशन निजी अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. ये मिशन नासा और स्पेसएक्स के सहयोग से संचालित किया जा रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने का लक्ष्य है. शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम के इस मिशन से न केवल भारत बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान को नई दिशा मिलेगी. ये उपलब्धि भारत के लिए गर्व का विषय है और शुभांशु शुक्ला की ये यात्रा युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रेरित करेगी.
