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Cyber Crime in Bulandshahr
बुलंदशहर में साइबर ठगी का गोरखधंधा उस वक़्त सामने आया जब एक गरीब मजदूर के खाते में अचानक 1.95 करोड़ रुपये आ गिरे। मामला साइबर थाना पहुंचा और जांच में बैंक कर्मियों की ठगों से साठगांठ उजागर हुई। पुलिस ने 4 फरार आरोपियों को पकड़ लिया है, जबकि कई और की तलाश जारी है।
🖋️ खबरीलाल.डिजिटल | रिपोर्टर: सुरेंद्र सिंह भाटी | 26 जून 2025, जनपद बुलंदशहर (UP)
जब गरीब के हिस्से में न रोटी आई, न रोजगार — सीधा 1.95 करोड़ आ धमका!Cyber Crime in Bulandshahr
Cyber Crime in Bulandshahr-एक मजदूर, जिसने आज तक दो हज़ार के नोट को सिर्फ शादी कार्ड में देखा था, उसके बैंक खाते में एक दिन अचानक 1 करोड़ 95 लाख टपक पड़े।
आदमी पहले तो खुश हुआ — सोचा कि मोदी जी ने शायद “सपनों का भारत” भेज दिया है। फिर डरते हुए बैंक गया, कहा – “बाबूजी! कुछ गड़बड़ लग रही है।”
बैंक वालों ने पहले चाय मंगवाई, फिर सिक्योरिटी बुलवाई, फिर फ़ाइल गायब कर दी — लेकिन मामला पहुंचा साइबर थाने तक और फिर जो खुलासे हुए, उसने तो ‘डिजिटल इंडिया’ को ही धोती में बांध दिया।

जब ठग और बैंक एक ही WhatsApp ग्रुप में निकले।Cyber Crime in Bulandshahr
जांच में पता चला कि बैंक कर्मी और साइबर ठगों का ‘कर्म-बंधन’ ऐसा था, जैसे रामलीला में रावण और मेघनाद एक ही मेकअप आर्टिस्ट से सजते हों।
बैंक वालों ने ठगों को सीधा सर्वर का पासवर्ड थमा दिया — बोले, “लो बेटा, जितना उड़ाना है, उड़ा लो…बस CCTV में मुस्कुरा देना।”
📱 फर्जी दस्तावेज़, मोबाइल और खातों का जाल — जैसे किसी ठग MBA की डिग्री लेकर निकला हो।Cyber Crime in Bulandshahr
पुलिस जब ठगों को धर दबोचने निकली तो ऐसा माल मिला, जिसे देखकर Google Forms भी जल जाए — सैकड़ों फर्जी KYC, मोबाइल सिम, और झूठ का ऐसा API नेटवर्क, कि UPI भी बोल दे – “भैया, मैं नहीं संभाल सकता।”
पुलिस बोले — “हमने सिर्फ अपराधी नहीं पकड़े, बैंकिंग सिस्टम की आत्मा झकझोर दी!”Cyber Crime in Bulandshahr
SP क्राइम नरेश कुमार ने बयान दिया — “ये सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, ये उस सिस्टम पर तमाचा है जिसमें गरीब सिर्फ खाता खोलता है और अमीर खाते उड़ाता है।”
टीम ने लोकेशन ट्रैक की, सर्विलांस लगाया और ठगों को ठिकाने नहीं, थाने पहुँचाया। बाकी बचे ठगों पर भी जल्दी “मल्टीलेयर एक्शन मोड” लगेगा।
🔥 Cyber Crime in Bulandshahr
खबरीलाल की कलम कहती है—
जब मजदूर के खाते में करोड़ आते हैं, तो समझ लो देश में मेहनत की नहीं, मैलाफाईड इंटेंट की वैल्यू है। जो बैंकों में बैठे हैं, वे कर्ज़दारों की लाचारी नहीं देखते, पर ठगों के लिए सब खाता ‘ओपन फॉर फ्रॉड’ रखते हैं। बुलंदशहर की ये घटना चेतावनी है — अब जनता को OTP नहीं, बैंकिंग सिस्टम का MRI चाहिए! वरना अगला करोड़ आपके खाते में गिरकर आपकी रातें उड़ा सकता है… और बैंक बोलेगा – “गलती सिस्टम की है!”

 
         
         
         
        