Mathura News: कंटेनर में 1.5 करोड़ का गांजा
जब गांजे की गाड़ी हाईवे पर पकड़ाई, सिस्टम की पोल भी खुली
Mathura News-‘हरियाली’ शब्द आमतौर पर किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाता है, लेकिन इस बार मथुरा के थाना हाईवे क्षेत्र में यह शब्द पुलिसवालों के चेहरे पर आया… और ड्राइवर के चेहरे से रंग उड़ गया। बुधवार शाम ANTF आगरा और हाईवे थाना पुलिस की टीम ने मिलकर एक कंटेनर से 275 किलो गांजा बरामद किया। कंटेनर में बनी ‘गुप्त कैबिन’ में माल ऐसे छिपाया गया था जैसे लोकतंत्र में जवाबदेही। लेकिन ये Mathura है, यहां हरियाली सड़क पर नहीं, सिस्टम में पकड़ी जाती है।
Mathura News-गाड़ी रोको, गांजा खोलो – अलवर पुल बना तस्करी का फुल स्टॉप
बताया जा रहा है कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर बसेरा रेस्टोरेंट के पास जब कंटेनर को रोकने की कोशिश की गई, तो ड्राइवर को लगा Fast & Furious चल रहा है। कंटेनर फर्राटे से निकला, लेकिन पुलिस भी किसी रेसिंग गेम से कम नहीं थी। अलवर पुल के पास गाड़ी रोकी गई और ड्राइवर हरीश को हिरासत में लिया गया। बाकी दो साथी ‘गायब’ हो गए, जैसे चुनावी वादे नतीजों के बाद। लेकिन इस खबर में असली ‘पात्र’ तो कंटेनर निकला, जिसमें गांजे का पूरा जंगल छिपा था।
Odisha से Haryana की नशे वाली यात्रा – Mathura बना ब्रेकिंग पॉइंट
ड्राइवर की मानें तो माल उड़ीसा से लोड किया गया था और उसे आगरा, मथुरा होते हुए मानेसर, हरियाणा पहुंचाना था। यानी Mathura में न केवल गांजे की खेप पकड़ी गई, बल्कि एक अंतरराज्यीय नशा नेटवर्क की परत भी उधड़ी। अब सोचिए, अगर पुलिस पकड़ने में जरा सी भी चूक जाती, तो यह माल ‘मेडिटेशन सेंटर’ के नाम पर एनसीआर की गलियों में धुंआ बन चुका होता। पर शुक्र है कि इस बार कंटेनर नहीं, पुलिस दौड़ी।
Mathura News-275 किलो गांजा – नशे का सरकारी पैमाना, और जनता की चेतावनी
इस खेप की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत लगभग 1.5 करोड़ रुपए आंकी गई है। इतनी कीमत सुनकर तो सरकार भी कह दे – ‘इतना तो हम बजट में भी नहीं रख पाते!’ यह खबर बताती है कि नशे का व्यापार अब सड़क पर ऐसे दौड़ रहा है जैसे चुनावी प्रचार – दिखावटी, शोरगुल वाला और आखिर में जनता को भ्रमित करता हुआ। ड्राइवर हरीश तो पकड़ लिया गया, लेकिन असली मास्टरमाइंड कौन है?
गुप्त कैबिन में गांजा और खुले सिस्टम में छेद!
गाड़ी की बनावट ऐसी थी कि बाहर से देखने पर आप कहेंगे – ट्रांसपोर्ट का काम करता होगा। मगर अंदर, बोरियों में लिपटा हुआ ‘माल’ था – जिसकी महक तक सिस्टम को तब आई जब ANTF की टीम ने ‘सूंघने’ की बजाय ‘सुनने’ की कला अपनाई। ये खबर हमें एक बार फिर बताती है कि जब तक पुलिस सतर्क है, तस्कर चतुर बनकर भी फंस सकते हैं। और जब सतर्कता सो जाती है, तब गांजा आपके बच्चों की जेब तक पहुंच जाता है।
Mathura News-अब सवाल जनता का है, जवाब कौन देगा?
क्या दो भागे हुए तस्कर किसी राजनीतिक सरंक्षण में हैं?
क्या ये कंटेनर पहली बार नहीं दौड़ा होगा इस रूट पर?
क्या उड़ीसा से हरियाणा तक गांजा तस्करी के लिए पुलिस की आंखें बंद थीं?
और सबसे अहम, क्या अगली बार पुलिस इतनी ही मुस्तैद रहेगी या ये सिर्फ दिखावटी रूटीन थी?
यह खबर सिर्फ गांजे की खेप की नहीं, सिस्टम की रिसावधारी दीवारों की भी है। जब नशे का धंधा इतने खुलेआम चल रहा हो कि गाड़ी में गुप्त केबिन बना ली जाए और कंटेनर उड़ीसा से हरियाणा तक निकले, तब खबर बनती है वो सच जो सरकार को भी परेशान करता है।
🗞️ संवाददाता: अमित शर्मा
📍 लोकेशन: मथुरा, यूपी
