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Firozabad Monsoon Inspection का हाल फिर उसी पुराने नाले में अटका दिखा। मंडलायुक्त आगरा शैलेंद्र कुमार सिंह ने दौरा तो कर लिया, विकास की बात भी कही, लेकिन बारिश के पानी ने हकीकत धो डाली। गांधी पार्क से पालीवाल हॉल तक सौंदर्यीकरण के वादे हुए, मगर गलियों में अब भी जलभराव का साम्राज्य है। नाले बोले – हम तो पहले भी चोक थे, अब भी हैं!
🌧️ फिरोजाबाद में मानसून का मुआयना या मानसून में मस्ती? मंडलायुक्त का दौरा बना शहर का शोपीस!
फिरोजाबाद में मंगलवार को कुछ लोग सोच रहे थे कि बारिश की बूंदें पड़ी हैं… पर असल में मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह की कृपा दृष्टि बरसी थी। गांधी पार्क से पालीवाल हॉल तक जब उनका काफिला निकला, तो हर गड्ढे ने खुद को समेटने की कोशिश की — लेकिन नालों की आत्मा इतनी सरल नहीं होती जनाब। निरीक्षण के दौरान उन्होंने सौंदर्यीकरण की प्रगति पर मुस्कराकर हामी भरी और ठेकेदारों को प्रेमपूर्वक “जल्दी करो” कहकर प्रोत्साहित किया।
बैठक में अधिकारियों ने विकास की ऐसी पिच बनाई, जिसमें डेटा नहीं, भावना बह रही थी। मंडलायुक्त ने जनता को “आने वाले समय में दिखने वाले विकास” की सौगात दी — वो अलग बात है कि ये समय किस कैलेंडर से आएगा, ये कोई नहीं बता पाया।
जहां गड्ढा वहां फोटो – जलभराव की जमीनी सच्चाई पर प्रशासनिक कल्पना भारी
मंडलायुक्त ने माना कि मानसून में जलभराव होता है, लेकिन ये केवल “समस्या नहीं, अवसर है” – ड्रेनेज की सफाई की फोटोज खींचने का अवसर। उन्होंने बताया कि नालों की तलीझाड़ सफाई कराई गई है, लेकिन जिन इलाकों में पानी अब भी भरा है, वहां “व्यवस्थाएं बेहतर बनाई जा रही हैं।” यानी नाले और अफसर, दोनों फिलहाल ‘प्रक्रिया’ में हैं।
शहर के जिन लोगों को अब तक लगा था कि जलभराव एक प्राकृतिक आपदा है, उन्हें आज पता चला कि ये विकास के गर्भ से निकली हुई एक आकांक्षा है। मंडलायुक्त की बातों से साफ है — पानी अगर सड़कों पर है, तो वो विकास का प्रतिबिंब हो सकता है।
🌱Monsoon Inspection- गांधी पार्क में घास हरी, जनता की हालत खरी-खोटी
गांधी पार्क के सौंदर्यीकरण पर मंडलायुक्त खासे उत्साहित दिखे। उन्होंने फूलों के रंग देखे, लेकिन गलियों में बजबजाते गड्ढों की गंध महसूस करने की कोई हड़बड़ी नहीं दिखाई। जनता सोच रही थी कि जब कमिश्नर आएं, तो उनके जूतों में पानी घुसे, तभी सच्चाई समझ आए — पर अफसरों ने रूट ऐसा तय किया कि गड्ढों की जगह गुलदस्ते सामने रहे।
पालीवाल हॉल की दीवारों पर लगी टाइलें चमक रही थीं, मानो कह रही हों — “जनता भले पसीने में तर हो, दीवारें टाइलनुमा विकास से सराबोर हैं!”
Monsoon Inspection-सर्किट हाउस की मीटिंग और योजनाओं की कल्पनाओं का पावरपॉइंट
निरीक्षण के बाद मंडलायुक्त ने सर्किट हाउस में मीटिंग ली। डीएम, नगरायुक्त और जिले भर के अधिकारी वहां अपनी-अपनी योजनाओं के साथ लाइन में खड़े थे — सबकी जुबान पर वही वाक्य: “सर, प्रयास जारी है।” मीटिंग के दौरान बारिश तेज़ हो गई, तो अचानक मीटिंग रियलिटी शो बन गई — “विकास बनाम वर्षा, लाइव!”
मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव वाली जगहों को चिन्हित किया जाए — यानी जिन्हें जनता कई सालों से पहचान रही है, प्रशासन अब नोट कर रहा है।
Monsoon Inspection-जब हर गड्ढे से निकले वादों की फुहार…
Firozabad Monsoon Inspection की ये कहानी उतनी ही सतही थी, जितनी शहर की सड़कें। मंडलायुक्त के दौरे से जनता को यह आश्वासन मिला कि “कुछ न कुछ होगा” — कब होगा, कैसे होगा, किसके लिए होगा, ये अगली बारिश बताएगी। फिलहाल तो फिरोजाबाद को हर मानसून यही याद दिलाता है — “आपके गड्ढे हमारी प्राथमिकता हैं, पर आपके बाद।”

 
         
         
         
        