सांकेतिक तस्वीर
Pilibhit News: पीलीभीत में बेकाबू आवारा पशु, प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल
Pilibhit News Update
Pilibhit News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही आवारा पशुओं की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हों, लेकिन पीलीभीत का जिला प्रशासन इस मामले में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। सड़कों पर बेकाबू घूम रहे आवारा पशु लोगों के लिए मौत का सबब बन गए हैं। ऐसा लगता है मानो ये पशु यमराज के दूत हों, जो किसी की जिंदगी छीनने के लिए तैयार बैठे हैं। बीते गुरुवार देर रात बीसलपुर-पीलीभीत मार्ग पर ग्राम जसौली दिवाली के पास एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। एक बाइक सांड से टकरा गई, जिससे बाइक पर सवार तीन लोग सड़क पर गिर पड़े। इस हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
मंडी समिति या गौशाला?
शहर की मंडी समिति में आवारा पशुओं का जमावड़ा सुबह से रात तक लगा रहता है। यह स्थान अब मंडी कम और गौशाला ज्यादा नजर आता है। ऐसा प्रतीत होता है कि मंडी समिति के जिम्मेदारों ने इन पशुओं के लिए चारे-पानी का इंतजाम भी कर रखा हो। सवाल उठता है कि जब मंडी समिति गौशाला बन चुकी है, तो पीलीभीत के लोग सब्जी और अनाज खरीदने कहां जाएं? प्रशासन की इस लापरवाही से आम जनता त्रस्त है, लेकिन कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा।
किसानों की मेहनत पर संकट
जिले के किसान भी इन आवारा पशुओं से बुरी तरह परेशान हैं। ये पशु खेतों में घुसकर फसलों को चौपट कर रहे हैं। अगर किसी किसान की फसल बच गई, तो यह उसकी सतर्कता की जीत है, वरना मेहनत पर पानी फिरना तय है। कई किसानों ने फसलों को बचाने के लिए खेतों के चारों ओर कांटेदार तार लगाए हैं, लेकिन इन तारों से पशु घायल हो रहे हैं। ये स्थिति न केवल किसानों के लिए नुकसानदेह है, बल्कि पशुओं के लिए भी खतरनाक है।

प्रशासन की उदासीनता से न सड़कें सुरक्षित हैं, न ही किसानों की फसलें। जरूरी है कि जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान दे और आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए। ताकि न तो लोगों की जान खतरे में पड़े और न ही अन्नदाताओं की मेहनत बर्बाद हो।
