School Encroachment-संभल में स्कूल के अंदर मिला संदिग्ध सामान!
School Encroachment -संभल में नगर पालिका की जमीन पर कब्जा कर बनाए गए ‘शिक्षा के मंदिर’ में न तो बच्चे दिखे, न किताबें — सिर्फ गोबर जैसी चीज़, कुर्बानी की बू और किराने की थैलियां मिलीं।
🖊️ संवाददाता: रामपाल सिंह
School Encroachment या गोबर सेंटर? ज्ञान की जगह गंध फैलाता एक इंग्लिश मीडियम ‘पाठशाला’
संभल। 20 जून 2025। कहते हैं न, स्कूल वह मंदिर होता है जहां ज्ञान के दीये जलते हैं, लेकिन संभल के चंदौसी थाना क्षेत्र में तो एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में कुछ और ही दीये जल रहे थे—किराने के सामान और गोबर जैसे पदार्थ के ढेर! जी हां, Illegal Encroachment हटाने की मुहिम में निकली प्रशासनिक टीम ने जब इस स्कूल का गेट खुलवाया, तो अंदर का नजारा देखकर सबके होश उड़ गए। ये स्कूल था या कोई गोदाम? या फिर बकरीद की कुर्बानी का अड्डा?
Bulldozer के निशाने पर School Encroachment: मस्जिद से लेकर क्लासरूम तक चला कब्ज़ा मुक्त अभियान
शनिवार की सुबह, जब सूरज भाई साहब अपनी किरणों से संभल को चमका रहे थे, तब एसडीएम विनय मिश्रा और सीओ अनुज चौधरी बुलडोजर की सवारी पर सवार होकर लक्ष्मण गंज पहुंचे। मिशन था साफ—नगर पालिका की 6 बीघा जमीन पर Illegal Encroachment को ध्वस्त करना। रजा-ए-मुस्तफा मस्जिद का एक हिस्सा कब्जा मुक्त कराया गया, और आसपास के 34 अवैध निर्माणों को “जल्दी खाली करो, वरना बुलडोजर आएगा” का अल्टीमेटम ठोक दिया गया। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया, जब पास ही खड़ा एक चमचमाता English Medium School प्रशासन की नजर में चढ़ गया।
School Encroachmen-स्कूल की छत पर शिक्षा नहीं, बकरीद का बलिदान
स्कूल का गेट बंद था, मानो कोई राज छुपा हो। सीओ अनुज चौधरी ने गेट खुलवाया, और अंदर का दृश्य देखकर तो मीडियाकर्मियों के कैमरे भी शरमा गए। क्लासरूम में किताबों की जगह किराने का सामान बिखरा पड़ा था—चावल, दाल, मसाले, और न जाने क्या-क्या! एक कोने में गोबर जैसा कुछ पदार्थ भी नजर आया। पुलिस ने सोचा हो सकता है, यहाँ “ऑर्गेनिक फार्मिंग” का प्रैक्टिकल कराया जाता हो! लिहाजा स्कूल संचालक को बुलाया गया, लेकिन उसका जवाब सुनकर तो ऐसा लगा जैसे वो खुद अपनी स्कूल की “सिलेबस” भूल गए हों। “बकरीद थी, कुर्बानी हुई,” संचालक ने हकलाते हुए कहा, लेकिन पुलिस के सवाल दर सवाल ने उसके होश उड़ा दिये।
School Encroachmen-सवाल ये नहीं कि गोबर कहां से आया, सवाल ये है स्कूल गया कहां?
अब प्रशासन ने कमर कस ली है। गोबर जैसे पदार्थ को लैब भेजा गया है, मानो कोई सीक्रेट कोड डिक्रिप्ट करना हो। संचालक से पूछताछ जारी है, और जांच रिपोर्ट का इंतजार है। लेकिन सवाल तो बनता है—ये English Medium School था या किराने का गोदाम? या फिर कुर्बानी का अड्डा? क्या बच्चों को “A for Apple” की जगह “A for Atta” सिखाया जा रहा था? और वो गोबर? शायद स्कूल का “ऑर्गेनिक खाद” प्रोजेक्ट!

संभल की इस घटना ने Illegal Encroachment के साथ-साथ एक और सवाल खड़ा कर दिया—क्या शिक्षा के मंदिर अब गोदाम बन रहे हैं? बुलडोजर तो अपना काम कर रहा है, लेकिन इस स्कूल की आड़ में चल रहा खेल क्या है, ये तो जांच ही बताएगी।

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