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Banke Bihari Corridor के नाम पर ठेकेदारी भक्तिभाव की हत्या!
Banke Bihari Corridor का विरोध अब सिर्फ नारों तक नहीं, योग-कीर्तन और तीखी तानों की धारा बन चुका है। जी हां, मथुरा में ठाकुर जी के दरबार की महिलाएं अब भक्ति के रथ पर सवार होकर सरकार की आंखों में आंखें डालकर कह रही हैं – “कॉरिडोर नहीं, सिर्फ ठाकुर चाहिए!”
शनिवार को गेट नंबर-1 पर जब गोस्वामी समाज की महिलाएं योग करते हुए ‘भक्ति में ही शक्ति है’ का अलाप छेड़े थीं, तभी हरियाणा से आई एक महिला श्रद्धालु ने माहौल में और आग भर दी। बोली – “मैंने मेडिकल डिपार्टमेंट छोड़कर ठाकुर जी से ब्याह रचाया है। आप कॉरिडोर से ब्याह रचाओ, हम तो ठाकुर के चरणों में पड़े हैं!”
AC में बैठने वाले भक्तों को कॉरिडोर मुबारक!
Vrindavan Protest की आत्मा उस श्रद्धालु के शब्दों में झलकी जब उसने कहा – “यहां लोग भक्ति के लिए आते हैं, कॉरिडोर देखने नहीं! जो लोग ठाकुर जी को देखने की जगह सेल्फी कॉर्नर खोजते हैं, वही सरकार के पीछे घूम रहे हैं।”

यह बयान नहीं, सत्ता की उस सोच पर एक तमाचा था जो हर तीर्थ को ‘टूरिज्म पैकेज’ समझ बैठी है। महिला ने आगे कहा – “अगर सरकार को कुछ करना है तो यमुना को बचाओ! दिल्ली से जो नाले गिर रहे हैं, वो बंद करो। चाट पकौड़ी खाकर घूमने वालों के लिए कॉरिडोर बनाओ, हमे भक्ति का रास्ता रहने दो।”
Banke Bihari Corridor-योग-कीर्तन से चली व्यंग्य की गोली, सरकार मौन!
Banke Bihari Corridor पर शनिवार को हुए विरोध में श्यामा गोस्वामी ने कहा – “हमने राक्षसी कॉरिडोर और उसके अध्यादेश को योग से चैलेंज किया है। सरकार कहती है स्वास्थ्य के लिए योग करो, तो हमने कर लिया, अब सरकार भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए कॉरिडोर को दूर रखे।”
एक ओर योग का शांति मंत्र, दूसरी ओर कॉरिडोर की कागज़ी तलवार! सरकार को शायद लगता है कि भक्त AC हॉल में बैठकर ऑनलाइन दर्शन के लिए लालायित हैं – लेकिन असली भक्त तो भीड़ में ही ठाकुर की मुस्कान ढूंढ लेते हैं!
संत मुख्यमंत्री को याद दिलाया गया संत धर्म
Vrindavan Protest में नीलम गोस्वामी की ललकार कुछ यूं गूंजी – “मुख्यमंत्री पहले संत हैं, बाद में शासक। जब अखिलेश ने मंदिर अधिग्रहण की बात की थी, आपने संसद में विरोध किया था। आज आप खुद वही करने चल पड़े हैं? अधिकारी आपको भ्रमित कर रहे हैं, लेकिन हम नहीं। हम जानते हैं – ये कॉरिडोर नहीं, भक्तिभाव पर कंक्रीट का हमला है!”
“यहां चाट पकौड़ी नहीं, आस्था बिकेगी” – ब्रज की चेतावनी
जब एक महिला ने माइक थामा, तो सीधे घोषणा कर दी – “यहां लोग दर्शन को नहीं, चाट पकौड़ी को आते हैं! ये ठाकुर जी की नगरी है, यहां की एक ईंट भी हिली तो तबाही होगी। बुलडोजर हमारी गर्दनों से गुज़रेगा, लेकिन कॉरिडोर नहीं बनने देंगे!”

ऐसी चेतावनियों को ‘विरोध’ कहना सत्ता की भूल है। ये ब्रज की हुंकार है, आस्था की आखिरी लड़ाई, जहां कोई भक्त अब चुप नहीं बैठेगा।
Banke Bihari Corridor-वृंदावन में आस्था का आखिरी मोर्चा!
Banke Bihari Corridor Protest अब सिर्फ विकास बनाम परंपरा नहीं, बल्कि ‘प्रेम मंदिर बनाम प्रेम का मंदिर’ बन चुका है। एक तरफ सरकारें फोटोशूट वाली भक्ति चाहती हैं, दूसरी ओर भक्त वो गलियां बचाना चाहते हैं जिनमें ठाकुर जी खुद पग-पग पर चलते हैं।
तो सरकार ध्यान दे – वृंदावन में कॉरिडोर नहीं चलेगा। यहां रस्ते तंग हैं, लेकिन दिल विशाल। यहां छतें झुकी हुई हैं, लेकिन भक्ति आकाश जितनी ऊंची। ठाकुर जी की नगरी को “कॉरिडोर-धर्म” नहीं, सिर्फ आस्था चाहिए।

 
         
         
        