Brij Temples Government Plan: अब 197 मंदिरों पर सरकारी दावा!
Brij Temples Government Plan के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ब्रज के 197 प्रमुख मंदिरों की पूरी व्यवस्था — जिनमें पूजा-पाठ, दान-पेटी, गलियों का चौड़ीकरण, एप्रोच रोड और आवासीय इलाकों तक की ज़िम्मेदारी — ब्रज तीर्थ विकास परिषद को सौंपने की मांग की है।

मथुरा।संवाददाता-अमित शर्मा।
Brij Temples Government Plan: अब भगवान भी सरकारी ठेके पर चलेंगे?
सेवायतों की आंखें तब फटी की फटी रह गईं, जब पता चला कि ब्रज के 197 मंदिर — हां, पूरे एक सौ सत्तानवे! — अब सीधे ब्रज तीर्थ विकास परिषद के कब्जे में जाने वाले हैं।
यानी अब ना घंटी बिना परमिशन बजेगी, ना प्रसाद बिना टेंडर बंटेगा।
सुप्रीम कोर्ट में फाइल पेश, श्रद्धा को सरकारी मुहर!
इस पूरे Brij Temples Government Plan की लाजवाब शुरुआत हुई सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक इंटर विनर एप्लिकेशन से, जिसका नंबर है 15019/2025, तारीख 16 जनवरी 2025 — जो अब ब्रजवासियों की नींद उड़ाए बैठा है।
इसमें सरकार ने हाथ जोड़कर सुप्रीम कोर्ट से कहा है —
“हे न्याय के देवता, हमें इन 197 मंदिरों की भीतरी-बाहरी व्यवस्था, रास्ता, दान, गली, नाली — सब कुछ हमें दे दो। और शुरुआत हम बांके बिहारी जी से करेंगे, जो अब तक सिर्फ भक्तों के थे, अब अधिकारी भी होंगे।”
Brij Temples Government Plan:राधाबल्लभ से लाडली जी तक, अब सबकी बारी!
इस सरकारी श्रद्धा अधिग्रहण योजना में वो आठ प्रमुख मंदिर भी शामिल हैं जिनपर रिसीवर व्यवस्था लागू है। लेकिन अब वो भी खत्म! अब सरकार ही पुजारी होगी और सरकार ही ट्रस्टी।
लिस्ट देखिए और श्रद्धा बचाइए:
श्री राधाबल्लभ मंदिर, वृंदावन
श्री नंद बाबा मंदिर, गोकुल
बरसाने की लाडली जी
गोवर्धन के सारे मंदिर
दाऊजी महाराज मंदिर
इन पर अब भक्त नहीं, बैठकें, बजट और ब्योरे राज करेंगे।
सेवायतों का भड़का आक्रोश: “क्या भक्ति की भी GPS मैपिंग होगी?”
ब्रज तीर्थ देवालय न्यास के अध्यक्ष रमाकांत गोस्वामी और सेवायत हरि मोहन गोस्वामी की बातों से साफ है — भक्तों में आस्था है, पर सरकार में अब साज़िश की आहट सुनाई दे रही है।
उनका सीधा सवाल —
“कॉरिडोर की चौड़ाई क्या होगी? क्या कुंज गलियों में JCB चलेगी? क्या राधारानी के रस्ते पर अब गूगल मैप की पिंग लगेगी?”
भक्ति का रास्ता अब फ्लैगशिप प्रोजेक्ट बन चुका है, और सेवायत पूछ रहे हैं —
“क्या अब ठाकुर जी के दरबार में जाने के लिए हमें e-pass लेना होगा?”
बृजवासियों को नहीं बताया गया! क्या श्रद्धा भी अब ‘प्रोजेक्ट रिपोर्ट’ से चलेगी?
सेवायतों का आरोप है कि कॉरिडोर और सप्त देवालय सर्किट की योजनाएं सीधे कागज़ पर बनीं, ना भक्तों से पूछा गया, ना मंदिरों से।
ब्रज के गलियों को चौड़ा करने के नाम पर घरों, दुकानों, और आत्मा पर बुलडोज़र की आहट सुनाई दे रही है।आचार्य मृदुल कांत शास्त्री और महामंत्री आर. पांडे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सीधी मांग की है —
“या तो खुद आकर ब्रज के सेवायतों से बैठक करें, या फिर समझ लें – राधे राधे अब नारे में नहीं, आंदोलन में गूंजेगा!”Brij Temples Government Plan या भक्तों की आस्था पर प्लान्ड हमला?
बांके बिहारी से शुरू हुआ मामला अब सीधे ब्रज की आत्मा तक पहुंच चुका है।
यूपी सरकार की योजनाओं में भले ही विकास दिख रहा हो, लेकिन भक्तों की नजर में ये आस्था पर कब्जे का खुला खेल है।Brij Temples Government Plan:ब्रज का सवाल: ठाकुरों का ‘मैनेजर’ कौन?
ब्रजवासी पूछ रहे हैं, “जब ठाकुर खुद सब मैनेज कर लेते हैं, तो सरकार को बीच में टांग अड़ाने की क्या जरूरत?” मंदिरों की स्वायत्तता और कुंज गलियों की रक्षा अब ब्रज का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। क्या योगी सरकार इस ‘चक्रव्यूह’ से निकल पाएगी, या ब्रज की गलियों में ‘ठाकुर vs सरकार’ का नया रास रचेगा?
