
Trump का ऐलान, Iran-Israel war में America की सीधी एंट्री की तैयारी
Trump’s final warning to Iran
ईरान और इजरायल के बीच लगातार भीषण युद्ध जारी है, दोनों देश एक-दूसरे पर घातक हमले कर रहे हैं। इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला कर भारी तबाही मचाई है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने बुधवार को दावा किया कि उनके ऑपरेशन “ट्रू प्रॉमिस-3” की 11वीं लहर में फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइलों का उपयोग किया गया। ये मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना तेज उड़ती हैं और रडार प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम हैं। रिवोल्यूशनरी गार्ड ने ये भी दावा किया कि ईरानी सेना ने इजरायल के कब्जे वाले क्षेत्रों के आसमान पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया है। दूसरी ओर, इजरायल की वायु सेना ने ईरान की राजधानी तेहरान में जवाबी हमले किए, जिसमें सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति Trump ने इस युद्ध में अमेरिका की सीधी और निर्णायक एंट्री के गंभीर संकेत दे दिए हैं।
युद्ध से हुई भारी तबाही
युद्ध में अब तक इजरायली हमलों से ईरान में 585 लोगों की मौत और 1,326 लोगों के घायल होने की ख़बर है, जबकि ईरानी हमलों में 24 इजरायलियों की जान गई। इजरायल ने तेहरान में सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए आम निवासियों को पूरा क्षेत्र खाली करने की चेतावनी दी है। ईरानी समाचार वेबसाइटों ने तेहरान के पास खोजिर मिसाइल उत्पादन केंद्र और करज शहर में विस्फोटों की सूचना दी, जहां पहले इजरायल ने एक सेंट्रीफ्यूज कारखाने को निशाना बनाया था। तेहरान टाइम्स के अनुसार, राजधानी के बड़े हिस्से में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई हैं।
Trump की Iran को आखिरी धमकी !
युद्ध का ताजा दौर तब शुरू हुआ, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को “बिना शर्त सरेंडर” करने को कहा है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर बड़े अक्षरों में लिखा, “UNCONDITIONAL SURRENDER”।

ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें ठीक-ठीक पता है कि खामेनेई कहां छिपे हैं, लेकिन अभी वह सुरक्षित हैं। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अमेरिका नागरिकों और अपने सैनिकों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेगा।

ट्रंप की धमकियों के बावजूद, खामेनेई ने एक्स पर जवाब देते हुए कहा, “युद्ध अब शुरू हुआ है।”

खामेनेई ने इजरायल को “आतंकवादी ज़ायोनी शासन” करार दिया और कड़ा जवाब देने की बात कही।

खामेनेई के ट्वीट के साथ-साथ ईरानी सेना ने इजरायल पर मिसाइल हमले तेज कर दिए। इजरायल के अनुसार, एक घंटे से भी कम समय में ईरान ने तेल अवीव सहित कई क्षेत्रों पर 30 मिसाइलें दागीं। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, पहली बमबारी रात 12:40 बजे शुरू हुई, जिसमें 15 प्रोजेक्टाइल शामिल थे। इसके 40 मिनट बाद 10 रॉकेटों की दूसरी बौछार ने मध्य इजरायल और वेस्ट बैंक की बस्तियों में अलर्ट जारी कर दिया। हमलों से पहले इजरायली रक्षा बलों ने सायरन और अलर्ट के जरिए नागरिकों को आश्रय लेने का निर्देश दिया। मिसाइल हमलों से तटीय, दक्षिणी और मध्य इजरायल में कई जगह आग लग गई।
Trump के इशारे पर अमेरिकी विमानों ने भरी उड़ान
अमेरिका की सैन्य तैयारियां भी तेज हो गई हैं। बीबीसी के सत्यापित उड़ान ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, पिछले तीन दिनों में अमेरिका ने यूरोप में 30 सैन्य टैंकर विमान भेजे हैं, जो लड़ाकू विमानों और बमवर्षकों को ईंधन देने में सक्षम हैं। इसके अलावा, अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज को दक्षिण चीन सागर से मध्य पूर्व की ओर रवाना किया गया है। यह पोत लड़ाकू विमानों की टुकड़ी और गाइडेड मिसाइल विध्वंसकों के साथ तैनात है। अमेरिकी कमांडरों ने संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन और सऊदी अरब में सैन्य ठिकानों पर 40,000 से अधिक सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा है।
ईरान, अमेरिकी ठिकानों को कर सकता है तबाह
अमेरिकी अधिकारियों को आशंका है कि ईरान पश्चिमी एशिया में अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला कर सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अगर अमेरिका इस युद्ध में शामिल होता है, तो ईरान ने मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमले के लिए मिसाइलें और सैन्य उपकरण तैयार किए हैं। ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका युद्ध में कूदा, तो वे होर्मुज जलडमरूमध्य में बारूदी सुरंगें बिछा सकते हैं, जो वैश्विक तेल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है।
ईरान-इजरायल ने बढ़ाई दुनिया की टेंशन
ये युद्ध न केवल ईरान और इजरायल के बीच तनाव को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक शक्तियों की भागीदारी से स्थिति और जटिल हो रही है। अमेरिका की सैन्य गतिविधियां और ट्रंप की बयानबाजी युद्ध को व्यापक रूप दे सकती हैं। दोनों देशों के बीच हमले और जवाबी हमले जारी हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ रही है। नागरिकों पर मिसाइल हमलों का खतरा और बुनियादी ढांचे को नुकसान वैश्विक चिंता का कारण बन रहा है। स्थिति कब सामान्य होगी, ये अनिश्चित है, लेकिन फिलहाल युद्ध का माहौल और गहराता जा रहा है।