लखनऊ में Flight Turbulence का तांडव-इंडिगो की फ्लाइट 6E-2142 में Flight Turbulence ने ऐसा तांडव मचाया कि 172 यात्री डर के मारे चीख-पुकार मचाने लगे
लखनऊ, वो शहर जहां नवाबों की शान और चिकनकारी का जलवा बरकरार है, लेकिन 16 जून 2025 की शाम को यहां के आसमान में ऐसा कुछ हुआ कि सारे नवाबी ठाठ भूल गए! गोवा से लखनऊ आ रही इंडिगो की फ्लाइट 6E-2142 में Flight Turbulence ने ऐसा तांडव मचाया कि 172 यात्री डर के मारे चीख-पुकार मचाने लगे। टेकऑफ के बाद हवा में झटकों ने फ्लाइट को खिलौने की तरह हिलाया, और यात्रियों को लगा—‘बस, अब नहीं बचेंगे!’ महिला यात्री अलहमरा खान का रोते हुए बनाया वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वो कह रही हैं, “बड़ा हादसा टल गया!” लेकिन सवाल ये है, क्या हम बार-बार हादसों को न्योता दे रहे हैं? अब इस पूरे मामले पर DGCA से सख्त जांच की मांग उठ रही है।
Flight Turbulence ने लखनऊ के आसमान को बनाया डर का ठिकाना
गोवा की समुद्री हवाओं से लखनऊ की अवधी मिट्टी की ओर बढ़ रही ये फ्लाइट जैसे ही आसमान में पहुंची, वैसे ही Flight Turbulence ने अपना रंग दिखाया। फ्लाइट हवा में गोते खाने लगी, ऊपर-नीचे झटकों ने यात्रियों की सांसें अटका दीं। अलहमरा खान ने ट्वीट कर लिखा, “पायलट ने जान जोखिम में डाली!” उनकी शिकायत DGCA और PMO तक पहुंच गई। यात्रियों का कहना है कि फ्लाइट में ऐसा लगा मानो कोई रोलर-कोस्टर राइड हो, बस फर्क इतना था कि यहां सेफ्टी बेल्ट के साथ-साथ दुआएं भी काम आ रही थीं। लेकिन ये हंसी-मजाक की बात नहीं, क्योंकि ठीक चार दिन पहले अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का क्रैश 274 जिंदगियां लील गया था।
अहमदाबाद हादसे से सबक क्यों नहीं? Flight
Turbulence के पीछे लापरवाही?
अहमदाबाद में 12 जून 2025 को एयर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने टेकऑफ के चंद सेकंड बाद ही मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकराकर 241 यात्रियों और ग्राउंड पर कई लोगों की जान ले ली। ब्लैक बॉक्स मिला, DGCA जांच कर रही है, लेकिन सवाल वही—क्या हमने उस हादसे से कुछ सीखा? लखनऊ की इस Flight Turbulence घटना ने फिर वही डर जगा दिया। क्या फ्लाइट्स की नियमित जांच नहीं हो रही? क्या पायलट्स को मौसम की सटीक जानकारी नहीं दी जा रही? यात्रियों का कहना है कि अगर पायलट ने सही फैसला लिया होता, तो शायद ये नौबत ही न आती। DGCA ने इंडिगो के पायलट्स की जांच शुरू कर दी है, लेकिन क्या ये जांच सिर्फ कागजी खानापूरी होगी?
फ्लाइट सेफ्टी के नियम: कागज पर दम, हकीकत में कम?
भारत में फ्लाइट सेफ्टी के लिए DGCA के तहत सख्त नियम हैं। उड़ान से पहले हर फ्लाइट की तकनीकी जांच, इंजन चेक, फ्यूल सिस्टम और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच जरूरी है। पायलट्स को मौसम की पूरी जानकारी और ट्रेनिंग दी जाती है। नए भारतीय वायुयान अधिनियम 2024 के तहत सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया गया है। लेकिन लखनऊ की घटना और अहमदाबाद हादसे ने सवाल उठाए कि क्या ये नियम सिर्फ कागजों तक सीमित हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड स्ट्राइक, इंजन फेल्योर या गलत फ्लैप सेटिंग जैसी छोटी-सी चूक बड़े हादसे को दावत दे सकती है। लखनऊ में मौसम खराब था, फिर भी फ्लाइट ने उड़ान भरी—क्या ये लापरवाही नहीं?
क्या बार-बार हादसों को न्योता दे रही है हमारी सिस्टम?
लखनऊ की इस Flight Turbulence घटना ने यात्रियों के मन में डर का ऐसा बीज बो दिया कि कई लोग अब फ्लाइट टिकट कैंसिल कर ट्रेन से सफर कर रहे हैं। अहमदाबाद हादसे के बाद DGCA ने एयर इंडिया के बोइंग 787 फ्लीट की जांच के आदेश दिए, लेकिन क्या सभी एयरलाइंस पर ये नियम लागू हो रहे हैं? इंडिगो की इस फ्लाइट में अगर पायलट्स ने समय रहते सही फैसला लिया होता, तो शायद यात्रियों को ये खौफनाक मंजर न देखना पड़ता। सवाल ये भी है कि क्या हमारे एयरपोर्ट्स पर बर्ड स्ट्राइक रोकने के उपाय पर्याप्त हैं? अहमदाबाद एयरपोर्ट पर बर्ड स्ट्राइक की 38 घटनाएं 2022-23 में दर्ज हुई थीं। क्या लखनऊ में भी यही लापरवाही चल रही है?
आसमान में डर का साया, कब तक?
लखनऊ की इस Flight Turbulence घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आसमान में सफर जितना सुहाना है, उतना ही जोखिम भरा भी। अहमदाबाद हादसे की स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि लखनऊ के आसमान ने नया डर दिखा दिया। DGCA को अब सिर्फ जांच ही नहीं, बल्कि सख्त कार्रवाई करनी होगी। और आप, हां आप! अगली बार फ्लाइट में बैठें, तो सीटबेल्ट के साथ-साथ थोड़ी दुआ भी साथ रखिएगा। आखिर, आसमान का मिजाज और हमारी सिस्टम की लापरवाही—दोनों का कोई भरोसा नहीं!
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Nice.