
Firozabad Crime-70 साल की बुजुर्ग महिला से लूटपाट,
Firozabad Crime ने यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। मलखानपुर में 70 वर्षीय पूरन देवी को बदमाशों ने घर के बाहर पीटकर लहूलुहान किया और उनके टॉप्स व पायल लूट लिए। पुलिस जांच का दावा कर रही है, लेकिन बढ़ते अपराधों से जनता में दहशत।
संवाददाता-मुकेश कुमार बघेल
Firozabad Crime: 70 साल की बुजुर्ग महिला को घर के बाहर पीटकर लहूलुहान किया, गहने लूटे
Firozabad Crime: फिरोजाबाद में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। शिकोहाबाद थाना क्षेत्र के मलखानपुर नई आबादी में 70 साल की बुजुर्ग महिला पूरन देवी पर बदमाशों ने रविवार रात क्रूर हमला किया। घर के बाहर चारपाई पर सो रही इस महिला को न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया, बल्कि उसके कानों के टॉप्स और पैरों की पायल भी लूट ली गई। Firozabad Crime यूपी में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहा है। क्या यूपी में अब “कानून का राज” सिर्फ जुमला बनकर रह गया है?
मतलब साफ है कि,अब गांव में सिर्फ मवेशी ही सुरक्षित हैं, इंसान नहीं।
पुलिस आई, देखा, और घायल को अस्पताल भिजवाकर चली गई — जैसे शादी में दावत खाने आए हो।
पुलिस आई, पर सवाल छोड़ गई
लूट की इस वारदात में पुलिस का रोल अब कहानी के उस कैरेक्टर जैसा हो गया है, जो सिर्फ एंड में आता है — जब कुछ बचा ही नहीं होता।
SP Rural त्रिगुण विशेन जी पहुंचे जरूर, लेकिन चोरों को नहीं, सिर्फ परिजनों को ढांढस बंधा पाए।
सवाल ये नहीं कि महिला को क्यों मारा गया, सवाल ये है कि पुलिस को रात में नींद कैसे आ जाती है।
गांव वालों का भरोसा पुलिस पर उतना ही बचा है जितना शादी के खाने में पनीर की मात्रा।
कान से टॉप्स और पैर से पायल खींचकर जो निकाले गए हैं, वो सिर्फ जेवर नहीं, व्यवस्था की नाक है।
Firozabad Crime: यूपी में अपराध बेलगाम? सवाल चमक रहे हैं
Firozabad Crime News की घटनाएं अब न्यूज़ नहीं, सीरीज बन चुकी हैं — “लूट का उत्तर प्रदेश”!
हर हफ्ते कहीं न कहीं कोई महिला अपने गहनों के साथ पुलिस की भरोसेदारी भी खो देती है।
UP सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ पॉलिसी शायद अपराधियों के लिए ‘हीरो टॉलरेंस’ बन चुकी है।
साल 2023 में यूपी में 4200 से ज्यादा लूट की वारदातें दर्ज — और बाकी शायद पुलिस की नींद में गुम!
जब कान के टॉप्स भी सुरक्षित नहीं, तो फिर भरोसा कहां रखा जाए?
गांव वालों का भरोसा गया, अब सिर्फ डंडे का जवाब डंडा?
फिरोजाबाद में हुई इस वारदात के बाद ग्रामीणों का भरोसा थाने से हटकर अब लाठी पर आ गया है।
गांव वालों का कहना है कि अब रात में हथियार लेकर ही चौकीदारी करनी पड़ेगी — सरकार तो व्हाट्सऐप पर व्यस्त है।
जिस पुलिस को हर रात गश्त करनी थी, वो शायद Netflix पर गश्त कर रही थी।
पूरन देवी अब अस्पताल में हैं, लेकिन यूपी में हर महिला अब डर के ICU में है।
कानूनी सिस्टम को अब शायद कान की मशीन की ज़रूरत है — कुछ सुनाई नहीं देता उन्हें।
सोशल मीडिया पर हंगामा, लेकिन सिस्टम मस्त!
फिरोजाबाद में हुई इस वारदात के बाद सोशल मीडिया पर बवाल काटा, ट्विटर से लेकर फेसबुक तक सब गरम हैं।
लेकिन प्रशासन उतना ही शांत है जितना कोई कुर्सी तोड़ने के बाद ‘सॉरी’ बोलने वाला नेता।
लोगों ने सवाल उठाए — “क्या अब घर के बाहर सोना भी क्राइम हो गया?”
उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था अब CRIME से ज़्यादा MEME में बदल गई है।
अब इंतज़ार है उस दिन का जब चोर खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहेंगे — “हमने मारा, पकड़ के दिखाओ!”