
Pilibhit Tiger Reserve
लोकेशन-पीलीभी। संवाददाता-शकुश मिश्रा
जंगल का रोमांच, चूका बीच का सुकून और 56,741 सैलानियों की धूम!
पीलीभीत का जंगल, जहां बाघों की दहाड़ दिलों को धड़काती है और चूका बीच का नजारा गोवा को भी मात देता है, वहां Pilibhit Tiger Reserve का 2024-25 पर्यटन सत्र रविवार को धमाकेदार अंदाज में खत्म हुआ। 6 नवंबर 2024 से शुरू हुआ ये सत्र सैलानियों के लिए किसी जादुई सफर से कम नहीं था। इस बार 56,741 पर्यटकों ने जंगल सफारी का लुत्फ उठाया, जिसमें 452 विदेशी सैलानी भी शामिल थे। और हां, इस धमाल ने वन विभाग की तिजोरी में 1.60 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व भी जोड़ा! तो आइए, इस जंगल की सैर की कहानी को थोड़ा चुटीले अंदाज में जानते हैं, क्योंकि पीलीभीत का जादू ऐसा है कि पढ़ने वाला पढ़ता ही रह जाए!

Pilibhit Tiger Reserve: बाघों का दीदार और सेलेब्स का जमावड़ा
इस बार Tiger Reserve में सिर्फ बाघों ने ही नहीं, बल्कि सेलेब्स ने भी धूम मचाई। राज्यपाल, हाई कोर्ट के जज, बॉलीवुड के सितारे और बड़े-बड़े राजनेता, सबने चूका बीच की रेत पर अपने कदम रखे और जंगल सफारी का मजा लिया। सुल्तान बाघ और त्रिशूल बाघ जैसे स्टार टाइगर्स ने सैलानियों को बार-बार लौटने का बहाना दे दिया। आंकड़े चीख-चीखकर बता रहे हैं कि पिछले सालों की तुलना में इस बार का राजस्व और सैलानियों की संख्या दोनों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। चूका में थारू हट, बैंबू हट, ट्री हट और वॉटर हट की कुल 1039 बुकिंग्स हुईं, जो बताती हैं कि सैलानी कितने दीवाने थे इस मिनी गोवा के!

चूका बीच: मिनी गोवा का जलवा और नई सुविधाओं का तड़का
चूका बीच, जो शारदा डैम के किनारे बसा है, वो Tiger Reserve का दिल है। इस बार महोफ सिग्नेचर गेट पर नई कैंटीन, बराही रेंज के सप्त सरोवर में हट्स और कैंटीन की नई सुविधाओं ने सैलानियों को लुभाया। आखिरी दिन रविवार को तो बुकिंग काउंटर पर ऐसा मेला लगा कि मानो सारा पीलीभीत जंगल की सैर को बेताब था! जंगल सफारी के लिए 60 जिप्सी और 5 टाटा जीनान वाहनों ने सैलानियों को रोमांच के नए मुकाम तक पहुंचाया। और हां, अगर आप सोच रहे हैं कि ये सब महंगा होगा, तो बता दें कि नेहरू पार्क से सफारी सिर्फ 5000 रुपये और मुस्तफाबाद गेट से 4000 रुपये में बुक हो जाती थी। प्रति व्यक्ति 800-1000 रुपये में जंगल का राजा बाघ सामने हो, तो इससे सस्ता डील और क्या होगा?
Pilibhit Tiger Reserve: 15 नवंबर 2025 से फिर मचेगा धमाल!
अब जबकि Tiger Reserve 15 नवंबर 2025 तक सैलानियों के लिए बंद हो चुका है, जंगल प्रेमियों को अगले सत्र का इंतजार है। लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं! पीलीभीत के आसपास गोमती नदी का उद्गम स्थल और सप्त सरोवर जैसे स्पॉट्स बिना बुकिंग के भी घूमे जा सकते हैं। इस सत्र की कामयाबी ने साबित कर दिया कि पीलीभीत अब सिर्फ यूपी का नहीं, बल्कि देश-विदेश के टूरिस्ट मैप पर चमक रहा है। सोशल मीडिया पर
@pilibhitR
और www.pilibhittigerreserve.in के जरिए चूका और जंगल सफारी की तस्वीरें देखकर आप भी अगले सत्र की प्लानिंग शुरू कर दीजिए!

क्यों है Pilibhit Tiger Reserve इतना खास?
Tiger Reserve सिर्फ बाघों का घर नहीं, बल्कि प्रकृति का खजाना है। 73 हजार हेक्टेयर में फैला ये रिजर्व शारदा और गोमती नदियों से घिरा है, जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है। चूका बीच की रेत पर बैठकर सूर्यास्त देखना हो या जंगल में बाघों की गर्जना सुनना, यहां हर पल रोमांच से भरा है। इस बार 56,289 सैलानियों ने ये अनुभव लिया, और अगले सत्र में ये संख्या और बढ़ने वाली है। तो, क्या आप तैयार हैं अगले सत्र में पीलीभीत के जंगल का जादू देखने के लिए?
Pilibhit Tiger Reserve का 2024-25 सत्र एक ऐसी कहानी है, जो बाघों की दहाड़, चूका बीच की मस्ती और सैलानियों की दीवानगी से भरी है। 1.60 करोड़ का राजस्व और रिकॉर्ड तोड़ सैलानियों की संख्या ने पीलीभीत को इको-टूरिज्म का सुपरस्टार बना दिया। अब 15 नवंबर 2025 का इंतजार कीजिए, जब जंगल फिर से सैलानियों के लिए अपनी बाहें खोलेगा। तब तक, इस धांसू कहानी को शेयर करें और पीलीभीत की सैर का प्लान बनाएं!