अमेठी के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर आज सुबह Amethi Road Accident ने पांच जिंदगियों को छीन लिया, जब एक एंबुलेंस और पिकअप की भीषण टक्कर हुई। हरियाणा से बिहार शव ले जा रही एंबुलेंस के इस हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। 2024-25 के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में रोज़ाना 1200 से अधिक सड़क हादसे हो रहे हैं। क्या Amethi Road Accident जैसी त्रासदियों के बाद भी सरकार और व्यवस्था जागेगी?
“जिस एंबुलेंस में एक की खामोशी थी, अब उसमें Road Accident की त्रासदी से छह जिंदगियों की कहानियां हमेशा के लिए रुक गईं।” हरियाणा के फरीदाबाद से समस्तीपुर, बिहार शव ले जा रही एंबुलेंस जैसे ही अमेठी जिले के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर माइलस्टोन 59.7 के पास पहुंची, एक पंचर खड़ी पिकअप में पीछे से टकरा गई।
सुबह 5:30 बजे का समय था। एक्सप्रेसवे सुनसान था, लेकिन नियति चीख मार रही थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि एंबुलेंस में बैठे राजकुमार शर्मा उर्फ सतीश, रवि शर्मा, फूलो शर्मा (सभी समस्तीपुर, बिहार), ड्राइवर आबिद (नूह, हरियाणा) और सरफराज (हरियाणा) की मौके पर ही मौत हो गई। शंभूराय गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया।
Amethi Road Accident: छोटी सी लापरवाही और उजड़ गई दुनिया
यह हादसा केवल आंकड़ों की कहानी नहीं है; यह उन परिवारों की पीड़ा की कहानी है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। समस्तीपुर के रामभद्रपुर के निवासियों के लिए, यह यात्रा एक अंतिम विदाई थी, जो अनंत विदाई में बदल गई। शंभूराय, जो इस हादसे में जीवित बचे, अब जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। उनके परिवार का दर्द, जो अब अमेठी की ओर दौड़ रहा है, अकल्पनीय है।
भारत में Road Accident के आंकड़े (2024-25)
ये कोई पहला हादसा नहीं है। भारत में सड़क हादसे एक गंभीर समस्या बने हुए हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के मुताबिक, 2024 में भारत में 4.6 लाख सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 1.6 लाख लोगों की मौत हुई और 4.2 लाख लोग घायल हुए। 2025 के पहले छह महीनों के अनुमानित आंकड़ों के आधार पर, इस साल भी हादसों की संख्या में कमी नहीं आई है।
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे: उत्तर प्रदेश, जहां Amethi Road Accident हुआ, भारत में सड़क हादसों के मामले में शीर्ष राज्यों में है। 2024 में यूपी में 22,000 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 11,000 मौतें हुईं।
एक्सप्रेसवे पर हादसे: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे हाई-स्पीड सड़कों पर तेज रफ्तार और लापरवाही के कारण हादसों की संख्या बढ़ रही है। 2024 में एक्सप्रेसवे पर हुए हादसों में 30% की वृद्धि देखी गई।
मृत्यु दर: सड़क हादसों में मृत्यु दर भारत में प्रति 100 हादसों पर 35% है, जो वैश्विक औसत से अधिक है।
सरकार सड़क हादसों को रोकने के लिए क्या कर रही है?
भारत सरकार ने सड़क हादसों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, विशेष रूप से अमेठी सड़क हादसे जैसे मामलों को रोकने के लिए:
सड़क सुरक्षा नीति: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 4E मॉडल (Engineering, Enforcement, Education, Emergency Care) को लागू किया है।
इंजीनियरिंग: सड़कों की डिजाइन में सुधार, जैसे रोड डिवाइडर, साइनेज, और रिफ्लेक्टर्स का इस्तेमाल।
प्रवर्तन: ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना।
शिक्षा: जन जागरूकता अभियान, जैसे “सड़क सुरक्षा सप्ताह”।
आपातकालीन देखभाल: हादसों के बाद त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर और ट्रॉमा सेंटर।
मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019: इस कानून ने ट्रैफिक उल्लंघन के लिए दंड को और सख्त किया है। उदाहरण के लिए, तेज रफ्तार के लिए जुर्माना ₹1,000 से बढ़ाकर ₹5,000 तक किया गया है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति: 2024 में सरकार ने सड़क हादसों को 2030 तक 50% तक कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए ड्रोन और सीसीटीवी आधारित निगरानी प्रणाली शुरू की गई है।
हेलमेट और सीट बेल्ट अनिवार्यता: हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
आपातकालीन सेवाएं: गोल्डन आवर के दौरान चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राजमार्गों पर ट्रॉमा सेंटर स्थापित किए गए हैं।
ट्रैफिक नियमों के पालन में सख्ती
ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार और पुलिस द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं:
चालान और जुर्माना: 2024 में भारत में 2.3 करोड़ चालान जारी किए गए, जिनमें से 40% तेज रफ्तार और 25% हेलमेट/सीट बेल्ट न पहनने के लिए थे।
सीसीटीवी और ड्रोन: उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसे राजमार्गों पर 10,000 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन तैनात किए गए हैं।
शराब पीकर ड्राइविंग: 2024 में शराब पीकर ड्राइविंग के लिए 3 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, और सजा में 6 महीने की कैद और ₹10,000 तक का जुर्माना शामिल है।
सख्ती की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस की कमी और भ्रष्टाचार के कारण नियमों का पालन कमजोर है।
Amethi Road Accident से सबक
Amethi Road Accident हमें सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की जरूरत को याद दिलाता है। तेज रफ्तार, लापरवाही, और सड़क पर रुकने जैसे कारक इस हादसे के मुख्य कारण थे। सरकार और नागरिकों को मिलकर काम करना होगा जिससे ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।
नागरिकों की जिम्मेदारी: ट्रैफिक नियमों का पालन करें, हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करें, और तेज रफ्तार से बचें।
प्रशासन की भूमिका: सड़कों की स्थिति में सुधार, ट्रैफिक निगरानी बढ़ाना, और त्वरित आपातकालीन सेवाएं सुनिश्चित करना।
Amethi Road Accident एक ऐसी त्रासदी है, जो हमें सड़क सुरक्षा के महत्व को याद दिलाती है। पांच जिंदगियों का नुकसान और एक परिवार का दर्द हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। सरकार के प्रयास और सख्त ट्रैफिक नियमों के बावजूद, सड़क हादसों की संख्या में कमी लाने के लिए और अधिक जागरूकता और सहयोग की आवश्यकता है। आइए, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि अमेठी सड़क हादसे जैसी घटनाएं भविष्य में न हों।