
Banke Bihari Corridor-कॉरिडोर के नाम पर विरासत की मिट्टी पलीद
Banke Bihari Corridor को लेकर वृंदावन में विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार को मंदिर के गोस्वामी और स्थानीय व्यापारी परिवार की महिलाएं नंगे पैर दूध की धार से परिक्रमा करती दिखीं। इस अनोखे विरोध के ज़रिए महिलाओं ने सरकार को संदेश दिया कि Banke Bihari Corridor के नाम पर ब्रज की सांस्कृतिक विरासत से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं है।
मथुरा से रिपोर्ट। संवाददाता-अमित शर्मा

Banke Bihari Corridor: जब नंगे पांव परिक्रमा बनी ब्रज की चेतावनी
जब वृंदावन की गलियों में Banke Bihari Corridor के विरोध में महिलाओं के हाथों में दूध से भरे कलश उठें, माथे पर तुलसी की बिंदी दमके और आंखों में आक्रोश उतर आए—तो समझ लीजिए मामला भक्तिभाव से आगे निकल चुका है।
यह सिर्फ एक धार्मिक परिक्रमा नहीं, बल्कि Banke Bihari Corridor को लेकर सरकार को दी जा रही आध्यात्मिक चेतावनी है।
🛕 बांके बिहारी जी से न्याय की गुहार, दूध की धार से विरोध का संकल्प
शनिवार को तपती दोपहर में मंदिर के गोस्वामी परिवार और स्थानीय व्यापारी समुदाय की महिलाओं ने एक नई विरोध शैली दिखाई। उन्होंने मंदिर की देहरी से गिरिराज महाराज तक दूध से अभिषेक कर परिक्रमा की शुरुआत की।
यह कोई धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि सरकार को भेजा गया एक सांकेतिक संदेश था—“ब्रज की विरासत से मत खेलो, नहीं तो दूध की धार भी आंदोलन का धारदार अस्त्र बन सकती है।”

महिलाएं ‘कुंज बिहारी श्री हरिदास’ का पाठ करती हुई नंगे पांव गोवर्धन गेट, दुसायत मोहल्ला, राधा स्नेह बिहारी होते हुए वापस मंदिर के मुख्य द्वार तक लौटीं। यह करीब 1 किलोमीटर लंबी ‘दूध की चेतावनी’ थी।
Banke Bihari Corridor: के नाम पर विरासत की मिट्टी पलीद?
प्रदर्शनकारी महिला नीलम गोस्वामी का कहना था,
“कॉरिडोर और अध्यादेश नाम का यह राक्षस ब्रज की आत्मा को निगलना चाहता है। प्रशासन हर दांव-पेंच आजमा रहा है—साम, दाम, दंड, भेद। लेकिन बांके बिहारी सब देख रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि सरकार Banke Bihari Corridor के नाम पर ब्रज की सांस्कृतिक संरचना को तोड़-मरोड़ रही है। नीलम ने कहा, “यह परिक्रमा नहीं, एक आह्वान है—हम मंदिर नहीं बिकने देंगे, विरासत नहीं मिटने देंगे।”
कांग्रेस की एंट्री और राजनीति का भोग
कॉरिडोर विवाद अब सिर्फ धार्मिक नहीं, राजनीतिक भी बन चुका है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया, तो महानगर अध्यक्ष ने दंडवती परिक्रमा कर विरोध जताया।
बिलकुल वही राजनीति जो भगवान के नाम पर टेंडर और टाइल्स से मंदिर की आत्मा तक बदल देना चाहती है।
Banke Bihari Corridor:17 दिन और जारी है ‘ब्रज की प्रतिज्ञा’
17 दिन से जारी विरोध में कभी गोस्वामी उतरते हैं, कभी व्यापारी, कभी महिलाएं और अब तो बच्चों के भी स्वर सुनाई देने लगे हैं।
Banke Bihari Corridor अब आस्था की लड़ाई नहीं, एक ब्रज चेतना की हुंकार बन चुका है। जहां श्रद्धा का हाथ पकड़कर परंपरा लड़ रही है।